Pallotty 90s Kids:ये फिल्म करेगी आपके स्ट्रेस को छूमंतर

Pallotty 90s Kids review

Pallotty 90s Kids review:पल्लोटी 90’स किड्स नाम की एक मलयलम फिल्म 25 अक्टूबर को सिनेमा घरो में रिलीज़ की गयी है। दो घंटे छे मिनट की इस फिल्म को जिथिन राज ने बनाया है। 53वें केरल राज्य फिल्म पुरस्कारों ने ‘पल्लोटी 90’स किड्स’ को कयी अवार्ड से सम्मानित किया था ।

पहले इस फिल्म को जनवरी 2024 में रिलीज़ करने की योजना बनायी गयी थी पर कुछ वजह के कारण इस फिल्म को अब अक्टूबर में रिलीज़ किया गया है। विशेष रूप से ये फिल्म बच्चो के लिये बनायीं गयी है पर बड़े भी इस फिल्म को देख सकते है आइये जानते है कैसी है ये फिल्म क्या ये फिल्म आपके टाइम को डिजर्व करती है।

आपको 90 का दशक तो याद ही होगा ,जब हमारे पास इंटरनेट शोशल मिडिया न होकर कबड्डी,कैरम,लूडो,गिल्ली डंडा,लंगड़ी टांग,लट्टू,छुपन छुपायी जैसी छोटी मोटी खुशिया हुआ करती थी। इन्ही पुरानी यादो को एक बार फिर जिवंत करने ‘पल्लोटी 90’स किड्स आयी है। ये फिल्म हमें हमारी बचपन की गलियो की याद दिलाती है।

पल्लोटी 90’स किड्स रिव्यु

कहानी उन्नी और कंडना की है जो एक छोटे से गांव में बड़े-बड़े सपने देखते है। इन दोनों के दिन तो दोस्तों के साथ मस्ती करते गुजरते है पर रात में माँ बाप की मार खा कर। क्युकी 90 में ये सब एक आम बात हुआ करती थी पल्लोटी 90’स किड्स हमें उस दौर की सैर कराती है जब हमारे पास स्मार्ट फोन तो नहीं हुआ करते थे पर कल्पना और दोस्तों के साथ मस्ती भरपूर हुआ करती थी।

उन्नी और कंडना बिलकुल वैसे ही है जैसे हमारे गली के नटखट दोस्त हुआ करते थे। इन दोनों के मा बाप के एक्सप्रेशन में प्यार और मार दोनों दिखाई देते है जो 90 के दशक में हमें हर फैमिली में देखने को मिलता था। फिल्म को कुछ इस तरह से बनाया गया है के आपको लगेगा के आप अपनी बचपन की कहानी को देख रहे हो।

छोटी-छोटी गलिया मिटटी के घर पेड़ के निचे बैठे हुए बच्चे चाट और आइसक्रीम के ठेले वो सब जो हमने हमारे बचपन में जिया है। फिल्म में मणि कंदन अय्यप्पा का म्यूज़िक काफी प्रभावशाली है जिनको सुनकर वो पुराने रेडिओ वाले गानो की याद आजाती है। फिल्म देखते वक़्त आपको ऐसा लगेगा के जैसे इस फिल्म को आप के लिये ही बनाया गया हो।

फिल्म में कोमेडी के साथ-साथ इमोशनल मूवमेंट भी है जो हमारे दिलो को छू जाते है। बच्चो की छोटी छोटी बाते शरारते बेमतलब का लॉजिक आपको हसाता भी है और रुलाता भी। जब दो दोस्त उन्नी और कंडना अलग होते है तब जो दर्द छलकता है वो सीधे आकर दिल पर लगता है। कहानी हमें ये याद दिलाती है के 90 में लोग कितने भावुक और प्यारे हुआ करते थे। फिल्म का कलाइमेक्स इसको और ख़ास बनाता है।

ये फिल्म हमें सन्देश देती है के बचपन की दोस्ती कभी नहीं टूटती फिर चाहे कितना भी वक़्त बीत जाये उनकी यादे और बिताया गया हर लम्हा हमारे साथ होता है।

फिल्म के पॉज़िटिव और निगेटिव पॉइंट

ये फिल्म आपको 90 की सैर पर लेजाती है वो भी बिना किसी टिकट के कहानी कही -कही पर थोड़ी स्लो लगती है। पर जो लोग पुरानी यादो को जीने के शौकीन है उन्हें ये फिल्म अच्छी लगेगी। ये उस तरह की फिल्म है जिसे आप पुरानी यादो में खो कर इंजॉय कर सकते है। पल्लोटी 90’स किड्स आपके अंदर छुपे हुए बच्चे को दोबारा से जगा देगी अगर आप ने 90 मे अपने खूबसूरत पल बिताये है तो ये फिल्म किसी टाइम मशीन से कम नहीं है।

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  • amir khan

    हेलो दोस्तों मेरा नाम आमिर खान है और मैंने मॉस कॉम में पोस्ट ग्रेजुएशन किया है । मै बॉलीवुड से जुडी हुई न्यूज़ पब्लिश करता हूँ ये न्यूज़ मै इंस्टाग्राम और अलग अलग शोशल नेटवर्किंग साईट से निकालता हूँ ताकि आप लोगो तक बॉलीवुड से जुडी खबर सबसे पहले पंहुचा सकूँ मेरे द्वारा लिखी गई कोई भी न्यूज़ अभी तक फ़र्ज़ी साबित नहीं हुई है मै यही कोशिश करता हूँ के अपने पाठको तक सही खबर ही पहुचाऊं धन्यवाद।

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