अगर आप फैमिली ड्रामा पसंद करते हो तो ये वेब सीरीज “नो वन सॉ अस लीव” आपके दिल को चीर देगी। मैक्सिको के एक छोटे से शहर से शुरू होने वाली ये कहानी “वैलरिया गोल्डबर्ग” और उसके हसबैंड लियो सल्ज़मैन के रिश्ते की टूटन पर फोकस करती है। दो बच्चे, अफेयर की उलझन, कोर्ट-कचहरी सब कुछ ऐसा लगता है जैसे यह हमारे आस पास की कोई रियल लाइफ स्टोरी हो।
स्टोरी का शुरुआती धमाका: तलाक की कगार पर प्यार और धोखा
कहानी की शुरुआत वैलरिया से होती है जोकि लियो से तलाक लेने वाली है। लियो इजरायली है शादी पुरानी है और दो बच्चे बेटा इसाक और बेटी तमारा घर में हैं। लेकिन वैलरिया का अफेयर उसके कजिन कार्लोस से चल रहा है जो एक डॉक्टर भी है, लियो को सब पता चल चुका है इसलिए बच्चे उसके पास ही रहते हैं। वैलरिया कन्फ्यूज है क्योंकि वह न हसबैंड के साथ रहना चाहती, न बच्चों को खोना। लियो कहता है, “अभी मत अलग हो, बच्चों पर बुरा असर पड़ेगा” लेकिन वैलरिया का दिल तो कार्लोस की तरफ झुका हुआ है।
पिकनिक से कोर्ट तक का सफर
लियो बच्चों को वैलरिया से मिलवाने पिकनिक प्लान करता है उसी बिच इसाक और तमारा मां से मिलते तो हैं पर उसके साथ रहना नहीं चाहते। साफ दिखता है बच्चों का मां से लगाव टूट चुका है,इसी बीच पता चलता है कि तलाक का केस कोर्ट में है। वैलरिया की साइड में नाना-नानी मोईशे और ऐना हैं लेकिन लियो बच्चों को खोना नहीं चाहता,
और तभी वह अपने पापा सैमुअल की मदद से फेक पासपोर्ट बनवाता है और बच्चों को लेकर भाग जाता है।और फिर वो बच्चों को लेकर किसी दूसरे देश जाता है जहां दोस्त मिशेल उसकी मदद करता है, लेकिन इंटरपोल पीछे पड़ जाती है तभी पुलिस छापा मारती है, लेकिन लियो पहले ही असली पासपोर्ट से इजरायल भाग चुका है। ये भागने-छुपने का सीन थ्रिलर जैसा लगता है लेकिन इमोशनल टच के साथ।
सच्चाई और त्याग का खेल (स्पॉइलर अलर्ट)
अदालत में वैलरिया को वकील सलाह देते हैं वह लियो को शराबी साबित करे जिससे वो ये केस आसानी से जीत सकती है। हालाँकि इजरायल कोर्ट कहता है मेक्सिको वापस जाओ, केस वहीं चलेगा, लेकिन क्लाइमेक्स में ट्विस्ट आता है लियो समझ जाता है कि बच्चे मां के साथ ही सेफ हैं। वैलरिया बच्चों से कितना प्यार करती है, वो साफ दिखता है,
इधर कार्लोस तंग आकर वैलरिया को घर से निकाल देता है वह सोचता है, आगे बच्चे होने पर उनकी रिलेशनशिप और भी ज़्यादा बिगड़ जाएगी। लियो भी छुप-छुपकर जीने से तंग आ चुका है और तभी वह बच्चों की कस्टडी वैलरिया को सौंप देता है। सुखद एंडिंग जहां फैमिली दोबारा जुड़ती नजर आती है, ये अंत देखकर आंसू आ जाते हैं क्योंकि रियल लाइफ में भी त्याग ही सबकुछ सुलझाता है।
क्यों देखें ये सीरीज?
ये सीरीज कमाल की है क्योंकि ये सिर्फ एक तलाक की स्टोरी नहीं, बल्कि पेरेंटिंग, अफेयर और जिम्मेदारी की भी बात करती है। वैलरिया का कन्फ्यूजन एक दम रियल लगता है और लियो का बच्चों के लिए प्यार इंस्पायरिंग, लेकिन भागने वाला पार्ट थोड़ा लंबा खिंच जाता है। कलाकरों की एक्टिंग टॉप क्लास है खासकर बच्चों के सभी सीन। अगर आप “मरजावां” या “कभी खुशी कभी गम” जैसे ड्रामा पसंद करते हो, तो ये मिस मत करना। रेटिंग: 4/5 स्टार्स।
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