Udaipur Files: सच्ची घटना पर बनी एक दर्दनाक फिल्म,जानें रिव्यू

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बीते शुक्रवार, 8 अगस्त 2025 को भारतीय सिनेमाघरों में “उदयपुर फाइल्स” नाम से एक फिल्म रिलीज हुई है, जिसका निर्देशन भारत एस.श्रीनाते और जयंत सिन्हा ने किया है। वहीं फिल्म के निर्माता की बात करें तो इसे अमित जानी ने प्रोड्यूस किया है। इसके मुख्य कलाकारों में विजय राज, रजनीश दुग्गल, मुश्ताक खान, पुनीत वशिष्ठ, कांची सिंह और कमलेश सावंत जैसे कई अन्य लोग शामिल हैं।

उदयपुर फाइल्स की कहानी एक काफी विवादित मुद्दे पर आधारित है और क्योंकि यह टॉपिक इतना संवेदनशील था, यही कारण है कि फिल्म को रिलीज से पहले काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। हालांकि, फाइनली अब यह थिएटर में रिलीज हो चुकी है। चलिए जानते हैं फिल्म का विस्तृत रिव्यू।

उदयपुर फाइल्स की कहानी:

फिल्म की शुरुआत होती है रामनवमी के पावन दिन से, जहां एक ओर राम जी के जन्मदिन के अवसर पर जश्न मना रहे लोगों का जुलूस उदयपुर के एक मोहल्ले की गली से गुजरता है। इसी दौरान एक मुस्लिम व्यक्ति द्वारा जुलूस के लोगों पर चिकन का लेग पीस फेंक दिया जाता है, जिससे जुलूस में मौजूद लोगों की भावनाओं को आहत करने की कोशिश की जाती है।

हालांकि मौके पर मौजूद पुलिस बंदोबस्त तुरंत ही इस घटना का संज्ञान लेता है और हड्डी फेंकने वाले इस शख्स व उसकी फैमिली को गिरफ्तार कर लेता है।
फिल्म में इस घटना को दिखाने का मकसद यह था, कि उस इलाके में दो गुटों के बीच अब कितना विवाद पनप चुका है।

अगले ही सीन में हमें एसीपी ईश्वर सिंह देखने को मिलते हैं, जिनका किरदार रजनीश दुग्गल ने निभाया है। वे लगातार भारत में होने वाले आतंकवादी हमलों को रोकने में जुटे हुए हैं, जिसके लिए उनके कुछ जासूस पाकिस्तान में मौजूद हैं जो उन्हें समय-समय पर पाकिस्तान के नापाक इरादों के बारे में बताते रहते हैं। ईश्वर सिंह की पत्नी अहाना सिंह (प्रीति जंज्ञानी) एक सीनियर टीवी जर्नलिस्ट हैं। साथ ही ईश्वर सिंह की एक बहन भी है, जिनका नाम छाया है, यह किरदार कांची सिंह ने निभाया है। कहानी में इन्होंने हाल ही में अहाना के साथ टीवी चैनल जॉइन किया है। ये सभी लोग फिल्म की कहानी से जुड़े हुए हैं।

Udaipur Files Collection
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अब आते हैं फिल्म के मुख्य किरदारों पर, जो हैं विजय राज, जिन्होंने फिल्म में कन्हैया लाल का किरदार निभाया है। कन्हैया उदयपुर में एक छोटी सी टेलर की दुकान चलाते हैं और अपने इलाके के फेमस टेलर यानी कपड़े सिलने वाले हैं। वहीं दूसरी ओर है निसार, यह किरदार पुनीत वशिष्ठ ने निभाया है। उदयपुर फाइल्स फिल्म की आगे की कहानी में कुछ ऐसा होता है, जिसके कारण टेलर कन्हैया लाल की जान चली जाती है।

फिल्म में पाकिस्तान आतंकी एंगल को भी डाला गया है, जो कहानी के बीच-बीच में आकर दर्शकों को परेशान करता रहता है। हालांकि, ये सभी चीजें काफी नाटकीय रूप से फिल्म में दिखाई गई हैं। इसके बारे में और ज्यादा बताना ठीक नहीं होगा। आगे की कहानी जानने के लिए आपको यह फिल्म देखनी होगी।

कैसा है निर्देशन: सोने को मिटटी बना दिया

फिल्म का निर्देशन भारत एस. श्रीनाते और जयंत सिन्हा ने मिलकर किया है और मैं क्या ही बताऊं कि किस तरह किया है, क्योंकि जिस तरह से इन दोनों ने एक बेहतरीन कहानी को काफी कमजोर ढंग से फिल्म में पेश किया, उसने मेरा दिल तोड़ दिया।

भले ही कन्हैया लाल की यह सत्य घटना पर आधारित स्टोरी है और पूरा भारत इस कहानी के बारे में जानता है, लेकिन फिर भी उदयपुर फाइल्स में वह क्षमता थी, जो इस फिल्म को एक अलग स्तर पर ले जा सकता था। चाहे हम बात करें फिल्म की कास्टिंग की या फिर इसकी कहानी के एक्ज़ीक्युशन की, हर एक चीज कहानी में काफी कमजोर दिखाई देती है। और अंत में जब फिल्म खत्म होती है, तब आपके मन में एक बात जरूर आएगी कि इस फिल्म को इससे बेहतर बनाया जा सकती थी।

कमियां बे-हिसाब:

  • उदयपुर फाइल्स की सबसे बड़ी कमी इस फिल्म की कास्ट है, क्योंकि जब आप फिल्म देखना शुरू करते हैं, तब आपको पता चलता है कि बहुत सारे किरदार ऐसे हैं, जो अपने रोल में बिल्कुल भी फिट नहीं बैठ रहे हैं।
  • फिल्म काफी कम बजट की है, जो इसके कैमरा वर्क और बैकग्राउंड म्यूजिक से साफ पता चलता है। हालांकि, कम बजट में भी इससे पहले कई अच्छी फिल्में बनाई जा चुकी हैं।
  • फिल्म में कन्हैया लाल की पत्नी काफी ज्यादा उम्रदराज दिखाई गई हैं, जो कि अपने रोल में बिल्कुल भी फिट नहीं बैठी।
  • इसकी कहानी काफी विवादित मुद्दे पर आधारित है, जिस कारण डायरेक्टर ने कई तथ्यों को व्यवस्थित करने की कोशिश की है, जिसके कारण कहानी कई बार बिखर जाती है।
  • कहानी में पाकिस्तानी एंगल भी डाला गया है, जो सिर्फ फिल्म की लंबाई बढ़ाने के लिए दिखाया जाता है। साथ ही, सभी पाकिस्तानी कलाकार देखने में एकदम नकली लगते हैं।

अच्छी बातें: डूबते को तिनके का सहारा

  • विजय राज ने अपने कन्हैया लाल के किरदार को शानदार तरीके से निभाया है। वे जब-जब स्क्रीन पर आते हैं, छा जाते हैं। और यकीन मानिए इस फिल्म में वे अकेले ऐसे एक्टर हैं, जो आपको एहसास दिलाते हैं कि फिल्म कम बजट की नहीं है। हालांकि अगला ही सीन निराश कर देता है।
  • कहानी में रजनीश दुग्गल को एसीपी के रूप में दिखाया गया है, लेकिन फिर भी उनकी एक्टिंग काफी बढ़िया है और उन्हें स्क्रीन टाइम भी ज्यादा दिया गया है।
  • फिल्म भले ही काफी छोटे बजट की हो, लेकिन सेकंड हाफ के बाद यह आपके इमोशन्स पर कब्जा कर लेती है और दर्शक कन्हैया लाल के दर्द से जुड़ जायेंगे।

निष्कर्ष:

उदयपुर फाइल्स उस तरह की फिल्म नहीं है, जिसे याद रखा जा सके। यह सिर्फ एक बार देखने लायक मूवी है, वह भी सिर्फ यह जानने के लिए कि किस तरह से धार्मिक नफरत की आग में जलकर कुछ लोग एक मासूम गरीब कन्हैया लाल की हत्या कर देते हैं। यह फिल्म काफी इमोशनल है, खासकर सेकंड हाफ में। हालांकि इसका प्रोडक्शन वैल्यू काफी कम है, इसलिए मूवी से ज्यादा उम्मीदें न रखकर सिनेमाघर में फिल्म देखने जाएं।

फिल्मीड्रिप रेटिंग: 2.5/5

उदयपुर फाइल्स फिल्म क्या है?

उदयपुर फाइल्स एक हिंदी भाषा की क्राइम थ्रिलर फिल्म है, जो 2022 में उदयपुर, राजस्थान में हुए कन्हैयालाल साहू हत्याकांड पर आधारित है। यह फिल्म उस जघन्य अपराध की कहानी को दर्शाती है, जिसमें कन्हैयालाल की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी।

उदयपुर फाइल्स की रिलीज डेट क्या है?

फिल्म 8 अगस्त 2025 को देशभर के लगभग 4500 सिनेमाघरों में रिलीज हुई।

उदयपुर फाइल्स के निर्देशक कौन हैं?

फिल्म का निर्देशन भारत एस. श्रीनाते और जयंत सिन्हा ने मिलकर किया है।

उदयपुर फाइल्स के निर्माता कौन हैं?

फिल्म के निर्माता अमित जानी हैं, और इसे जानी फायरफॉक्स फिल्म्स के बैनर तले बनाया गया है।

उदयपुर फाइल्स में मुख्य कलाकार कौन-कौन हैं?

में मुख्य कलाकारों में शामिल हैं:
विजय राज (कन्हैयालाल साहू)
रजनीश दुग्गल (एसीपी ईश्वर सिंह)
प्रीति झंगियानी (अहाना सिंह, पत्रकार)
पुनीत वशिष्ठ (निसार)
जयश्री महतो (जसोदा साहू, कन्हैयालाल की पत्नी)
मुश्ताक खान (वीरेन्द्र कुमार मीणा)
अहसान खान (वीर प्रताप सिंह)
कांची सिंह (छाया)
कमलेश सावंत

उदयपुर फाइल्स की कहानी क्या है?

फिल्म 2022 में उदयपुर में हुए कन्हैयालाल साहू हत्याकांड पर आधारित है। कन्हैयालाल, एक दर्जी, ने एक सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए विवादित बयान का समर्थन किया था, जिसके बाद उन्हें धमकियां मिलीं। 28 जून 2022 को दो व्यक्ति, रियाज अख्तर और गौस मोहम्मद, उनकी दुकान पर ग्राहक बनकर आए और उनकी हत्या कर दी। फिल्म इस घटना को दर्शाती है और इसमें एक जांच अधिकारी, ईश्वर सिंह (रजनीश दुग्गल), की कहानी भी शामिल है, जो इस हत्याकांड के पीछे की साजिश को उजागर करता है।

उदयपुर फाइल्स में क्या विवाद हुआ था?

फिल्म अपनी संवेदनशील और विवादित विषयवस्तु के कारण रिलीज से पहले कई कानूनी और सामाजिक विवादों में फंस गई थी। कुछ समुदायों और संगठनों, जैसे जमीयत उलेमा-ए-हिंद, ने दावा किया कि फिल्म धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचा सकती है और सांप्रदायिक तनाव को बढ़ावा दे सकती है। सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन (CBFC) ने फिल्म से 55 आपत्तिजनक दृश्य हटाए, और दिल्ली हाई कोर्ट ने रिलीज से पहले समीक्षा के लिए केंद्र सरकार को निर्देश दिए। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने रिलीज पर रोक लगाने से इनकार कर दिया।

उदयपुर फाइल्स की रेटिंग क्या है?

फिल्म को विभिन्न समीक्षकों से मिश्रित प्रतिक्रियाएं मिली हैं। कुछ ने इसे 3/5 रेटिंग दी, जबकि कुछ ने 2.5/5 दी। विजय राज की एक्टिंग को सराहा गया, लेकिन कम बजट, कमजोर प्रोडक्शन वैल्यू, और कहानी के निष्पादन की कमी की आलोचना हुई।

क्या उदयपुर फाइल्स सच्ची कहानी पर आधारित है?

हां, उदयपुर फाइल्स 2022 में उदयपुर में हुए कन्हैयालाल साहू हत्याकांड पर आधारित है। यह एक सच्ची और संवेदनशील घटना को दर्शाती है, जिसमें कन्हैयालाल की हत्या एक सोशल मीडिया पोस्ट के विवाद के बाद हुई थी।

उदयपुर फाइल्स को कहां देख सकते हैं?

फिल्म 8 अगस्त 2025 से देशभर के सिनेमाघरों में उपलब्ध है। उदयपुर में यह सेलिब्रेशन मॉल, अरबन स्क्वायर, और लेक सिटी मॉल में प्रदर्शित हो रही है। अभी तक यह किसी ओटीटी प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध नहीं है।

क्या उदयपुर फाइल्स परिवार के साथ देखने लायक है?

फिल्म में हिंसा और संवेदनशील धार्मिक मुद्दों को दर्शाया गया है, जो कुछ दर्शकों के लिए परेशान करने वाला हो सकता है। यह बच्चों या संवेदनशील दर्शकों के लिए उपयुक्त नहीं हो सकती। इसे देखने से पहले दर्शकों को इसके विवादित और भावनात्मक कंटेंट के बारे में पता होना चाहिए।

क्या उदयपुर फाइल्स को बैन करने की मांग की गई थी?

हां, जमीयत उलेमा-ए-हिंद, समाजवादी पार्टी के नेता अबू आसिम आजमी, और अन्य संगठनों ने फिल्म को बैन करने की मांग की थी। उनका दावा था कि फिल्म सांप्रदायिक तनाव को बढ़ावा दे सकती है और मुस्लिम समुदाय को गलत तरीके से चित्रित करती है।

उदयपुर फाइल्स की अवधि कितनी है?

फिल्म की अवधि 2 घंटे 5 मिनट है।

उदयपुर फाइल्स का निर्माण किस कंपनी ने किया?

फिल्म का निर्माण जानी फायरफॉक्स फिल्म्स ने किया, और इसका वितरण रिलायंस एंटरटेनमेंट द्वारा किया गया है।

क्या उदयपुर फाइल्स देखने लायक है?

उदयपुर फाइल्स एक संवेदनशील और भावनात्मक कहानी को दर्शाती है, जो कन्हैयालाल हत्याकांड की सच्चाई को सामने लाती है। विजय राज की शानदार एक्टिंग और सेकंड हाफ की भावनात्मक गहराई इसे एक बार देखने लायक बनाती है। हालांकि, कमजोर प्रोडक्शन और बिखरी कहानी के कारण यह सभी दर्शकों को प्रभावित नहीं कर सकती।

Disclaimer

यह मूवी रिव्यू केवल सूचना और मनोरंजन के उद्देश्य से लिखा गया है। इस रिव्यू में व्यक्त विचार और राय लेखक के निजी हैं और यह किसी भी व्यक्ति, समूह, संगठन या समुदाय के खिलाफ किसी भी प्रकार की भावनाओं को ठेस पहुंचाने या विवाद उत्पन्न करने के इरादे से नहीं लिखा गया है। हमारी वेबसाइट इस रिव्यू में दी गई जानकारी की सटीकता, पूर्णता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं देती है।

“उदयपुर फाइल्स” फिल्म एक संवेदनशील और विवादित विषय पर आधारित है, और इसका किसी भी धर्म, समुदाय, व्यक्ति या संगठन को ठेस पहुंचाने का कोई इरादा नहीं है। इस रिव्यू का उद्देश्य केवल फिल्म की कहानी, अभिनय, निर्देशन और प्रोडक्शन के विभिन्न पहलुओं पर एक निष्पक्ष विश्लेषण प्रदान करना है।

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    हेलो दोस्तों मेरा नाम अरसलान खान है, मैने अपने ब्लॉगिंग करियर की शुरवात साल 2023 में न्यूज़ वेबसाइट अमर उजाला लखनऊ से की थी। वर्तमान समय मे,भारत की सबसे तेज़ी से बढ़ती हुई डेडीकेटेड हिंदी एंटरटेंमंट वेबसाइट,फिल्मीड्रीप के साथ जुड़ा हुआ हूँ और अपनी सेवाएं उन्हें प्रदान कर रहा हूँ। मुख्य तौर पर मै फिल्मों और एंटरटेनमेंट से जुड़ी हुई ट्रेंडिंग और वायरल खबरों का एक्सपर्ट हूं। आशा करता हूँ की मेरे द्वारा दी गई हर एक जानकारी सटीक और भरोसेमंद हो,जिसे पढ़ कर आप सभी लोग संतुष्ट होते होंगे, धन्यवाद।

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