Kondal movie review in hindi:मलयालम इंडस्ट्री की ओर से एक नई फिल्म रिलीज़ की गई है जिसका नाम ‘कोंडल‘ है। मूवी के जॉनर की बात करें तो यह एक्शन क्राइम और ड्रामा है।
फिल्म की लेंथ 2 घंटा 27 मिनट की है। जिसका डायरेक्शन ‘अजीत ममपल्ली‘ ने किया है जिन्होंने इससे पहले साल 2021 में आई फिल्म वुल्फ का निर्देशन किया था।
बात करें इसकी कहानी की तो फिल्म की कहानी समुंद्र और मछुआरों के इर्द गिर्द बुनी गई है जिसके मेन लीड रोल में हमे ‘इमैनुल उर्फ मैनुअल’ नज़र आते हैं।
मूवी कास्ट– एंटनी वर्गीस,शबीर कल्लारक्कल,गौतमी नायर, जया कुरूप, प्रमोद,नंदू माधव।
मूवी स्टोरीलाईन– मूवी की स्टोरी ‘अंचुथेंगु गांव‘ की है जहां पर समुद्र से मछलियां निकाल कर सभी गांव वाले अपने परिवार का पालन पोषण करते हैं
तभी इस गांव में एंट्री होती है एक फिश फार्मिंग कंपनी ‘स्टीफन एंड संस‘ की जोकि काफी बड़े लेवल पर अपना व्यापार बढ़ाती है।
इसके बारे में कुछ गांव वालों को यह पता चलता है कि वे सड़ी हुई मछलियां भी लोगों को बेच देते हैं। जिसके कारण गांव के आम आदमीयो के बिजनेस पर भी इसका काफी असर पड़ रहा था।
इसके बाद सभी गांव वाले इस कंपनी को बंद करने की मांग करते हैं। तभी विवाद बढ़ने के चलते यह दो गुटों के बीच की लड़ाई बन जाती है।
जिसमें गांव वालों का नेतृत्व ‘मैन्युअल‘ करता है, जो की एक काफी गुस्सैल स्वभाव का इंसान है।
तभी इन सब में पुलिस इंवॉल्व हो जाती है और यह मामला इतना ज्यादा तूल पकड़ता है की मैनुअल को गांव छोड़कर भागना पड़ता है।
इसके बाद वह एक बोट पर नौकरी करने लगता है जो कि उसके गांव से काफी दूर थी।
जिसमें मैनुअल के गांव के कई साथी भी शामिल थे, तभी कहानी में एक नया ट्विस्ट आता है और डैनी की मौत हो जाती है जो कि उसी नाव पर काम करता था।
आगे की कहानी में कैसे मैन्युअल अपने दोस्त डैनी के हत्यारे को पकड़ता है और कैसे वह अपने गांव वापस जाता है इन्हीं सब ट्विस्ट एंड टर्न से फिल्म की स्टोरी गुजरती है जिसे जानने के लिए आपको देखनी पड़ेगी यह मूवी जो की नेटफ्लिक्स के ओटीटी प्लेटफॉर्म पर हिंदी में उपलब्ध है।
टेक्निकल एस्पेक्ट– फिल्म का स्क्रीन प्ले काफी बढ़िया है जो कि ‘एंटनी’ ने किया है। मूवी के समुंद्र वाले कैमरा एंगल्स कहानी में जान डालने का काम करते हैं।
बात करें फिल्माए गए इसके एक्शन सीक्वेंस की तो वह भी लाजवाब हैं। जिन्हे काफी नीट एंड क्लीन रक्खा गया है।
खामियां– फिल्म की सबसे बड़ी कमी इसका कैरेक्टर डेवलपमेंट है जिसमें इसके मेकर्स से बहुत बड़ी चूक हुई है, क्योंकि कहानी में कई बार बहुत सारे कैरेक्टर्स को दिखाया जाता है।
जिन्हें देखकर मालूम पड़ता है इन सभी का फिल्म में क्लाइमैक तक साथ होगा, लेकिन अगले ही पल वे सारे कैरेक्टर्स गायब हो जाते हैं और दोबारा फिल्म में नजर नहीं आते।
कोंडल की दूसरी कमी के बात करें तो वह इस फिल्म का खराब निर्देशन है। क्योंकी कहानी में नयापन होने के बावजूद भी अंत तक फिल्म काफी बोरिंग हो जाती है। मूवी की तीसरी कमी इसकी लेंथ है, जो की इतनी ज्यादा की काफी उबाऊ फील होती है।
फाइनल वर्डिक्ट– अगर आपको स्लो पेसिंग ड्रामा फिल्में देखना पसंद है, जिनमे स्टोरी डेवलपमेंट थोड़ा स्लो देखने को मिलता है।
तो आप इस फिल्म को रिकमेंड कर सकते हैं हालांकि इससे ज्यादा उम्मीद लगाना ठीक न होगा। हालाकि फिर भी फिल्म को वन टाइम वाच किया जा सकता है।
हमारी तरफ से इस फिल्म को 5/2* दिए जाते है।