Kesari Chapter 2 Movie Review in hindi:अक्षय कुमार की केसरी चैप्टर 2 का जब से ट्रेलर आया था इस फिल्म का इंतजार सभी लोगों को बेसब्री से होने लगा। फिल्म की एडॉप्शन एक बुक से किया गया है। यह जलियांवाला बाग पर बनी एक रियल इंसिडेंट पर बनाई गई है।
केसरी चैप्टर 2 को मास ऑडियंस को ध्यान में रखकर नहीं बनाया गया और सबसे बड़ा डिसएडवांटेज इसका अनन्य पांडे को फिल्म में लेना साथ ही आइटम नंबर को डालना। आईए जानते हैं कैसी है फिल्म क्या आपको अपना कीमती वक्त इस फिल्म को देना चाहिए भी या नहीं।
कहानी
कहानी में जलियांवाला बाग के रियल इंसिडेंट को दिखाया गया ,जिसे ब्रिटिश अंपायर ने बहुत आसानी से दबा दिया था। अक्षय कुमार यहां पर एक वकील की भूमिका में है। और जब इन्हें इस बात की खबर लगती हैं तब वह इस केस को अपने हाथों में ले लेते हैं।
2 घंटे 15 मिनट की केसरी को एक बार तो देखा ही जा सकता है।यहां बॉलीवुड की टिपिकल फिल्मो जैसा जबरदस्ती की देशभक्ति को नहीं दिखाया गया है। कहानी एक सीरियस वे में आगे बढ़ती है केसरी २ एक कोर्ट रूम ड्रामा है।
यह पहले हाफ में खुद को बिल्ड करती है वहीं दूसरे भाग में आर माधवन का कैरेक्टर फिल्म में एक नयी जान फूंकने का काम करता है पहले भाग की तुलना इसका दूसरा भाग काफी ज्यादा इंटरेस्टिंग है अंत के 15 मिनट देख कर रोंगटे खड़े हो जाते हैं।कहानी के कुछ सीन बहुत भावात्मक है जो आँखों से आंसू ला देते है।

PIC CREDIT IMDB
केसरी के पॉजिटिव और नेगेटिव पॉइंट
केसरी में बहुत सी ऐसी बाते है जो इंग्लिश में होती दिखाया दिखाई देती है जिन्हे इंग्लिश नहीं आती,उनके लिए यह अच्छा नहीं है। अगर आपको ऐसा लगता है कि केसरी चैप्टर टू एक मास ऑडियंस के लिए बनाई गई है जिस तरह से केसरी चैप्टर वन थी तो यह आपकी भूल है। यह मास ऑडियंस के लिए तो बिल्कुल भी नहीं है।
अक्षय कुमार की एक्टिंग वैसी ही थी जैसी कि पिछली फिल्मों में उन्होंने की है।जिस तरह से अक्षय कुमार अपनी निजी ज़िंदगी में है वही अक्षय कुमार हमें यहां केसरी चैप्टर 2 में भी देखने को मिलते हैं। पर फिर भी अक्षय कुमार ने फिल्म में अच्छा काम किया है।
दर्शक जिस तरह से अक्षय कुमार पर अपना भरोसा जताया करते थे पर अब उस तरह का भरोसा अक्षय के फैन में देखने को नहीं मिलता और इसका डर शायद अक्षय कुमार को भी है जो इनके परफॉर्मेंस को केसरी में देखकर साफ पता लग रहा है।
एक पहले का टाइम था जब अक्षय कुमार की फिल्मों को लोग सिनेमाघर में जाकर इंजॉय किया करते थे। अब वह अक्षय की फिल्मों की ओटीटी रिलीज का इंतजार करते हैं। केसरी चैप्टर १ का केसरी से कोई भी लेना देना नहीं है। यह बिल्कुल अलग तरह की कहानी है केसरी चैप्टर 3 भी भविष्य में हमें सम्भवता दिखाई दे सकती है ।
जिस तरह से केसरी चैप्टर 2 को दर्शको का प्यार मिलना चाहिए था उस तरह से इसे बिल्कुल भी मिलता दिखाई नहीं दे रहा। इसकी एक वजह यह भी है कि अभी जल्दी एक वेब सीरीज आयी थी ‘द वाकिंग नेशन’ सोनी लिव पर उसकी भी कहानी इसी सच्ची घटना पर आधारित थी।
फिल्म की फेंसिंग थोड़ी स्लो है पर एडिटिंग ठीक-ठाक सी है। बीच-बीच में ये फिल्म पास्ट और प्रजेंट को दिखाने के चक्कर में भटक जाती है फिर अपने ट्रैक पर दोबारा से वापस आ जाती है पर वह कहावत है न के अंत भला तो सब भला तो इसका अंत भला है,जिस कारण इसकी पिछली गलतियों को माफ किया जा सकता है।
निष्कर्ष
फिल्म के अंदर चार से पांच सीन में आपके चेहरे पर घूस बम्ब लाते दिखाई देते हैं जो पूरा पैसा वसूल कराते हैं। इस दर्दनाक खौफनाक इंसिडेंट को अगर आपको जानना है तो केसरी चैप्टर 2 नजदीकी सिनेमाघर में लगी हुई है जाकर देखे मेरी तरफ से इस फिल्म को दिए जाते हैं पांच में से तीन स्टार की रेटिंग।
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