आज की रफ्तार भरी ज़िंदगी जी रहा युवा, सिर्फ खुद को प्रायोरिटी देना जानता है। जिसके लिए मां-बाप का प्यार उसकी प्राइवेसी को झंझोड़ने से ज्यादा और कुछ नहीं।
ठीक इसी तरह की कहानी को लेकर ‘जिओहॉटस्टार’ आया है,जिसने आज 21 फरवरी 2025 के दिन शुक्रवार को अपने ओटीटी प्लेटफार्म पर “कौशलजीस वर्सेस कौशल” फिल्म को रिलीज किया है,जिसकी लेंथ मात्र दो घंटा 11 मिनट की है।
और इन 2 घंटे 11 मिनट में फिल्म हमें वह सिखा कर जाती है,जिसे खुद से सीखने में शायद हमें बरसों लग जाए। कौशलजीस वर्सेस कौशल के मुख्य कलाकारों की बात करें तो इसमें आशुतोष राणा,शीबा चड्ढा,पावेल गुलाटी, बिजेंद्र काला, आशीष चौधरी और इशा तलवार जैसे कलाकार नजर आते हैं।
मूवी का डायरेक्शन “सीमा देसाई” ने किया है। जिन्होंने इसी फिल्म से अपने डायरेक्शनल करियर की शुरुआत भी की है। आईए जानते हैं क्या है फिल्म की कहानी और करते हैं इसका डिटेल रिव्यू।
कहानी:
फिल्म की स्टोरी मुख्य रूप से ‘युग’ (पावेल गुलाटी) के किरदार पर फोकस करती है, जोकी फिलहाल ‘नोएडा’ में रहकर जॉब करता है साथ ही प्रमोशन पाने की जंग में जुटा हुआ है। युग ने हालही में अपनी कंपनी के लिए एक ऐसी कैंपेन तैयार की है जिसके तहत “किन्नरों” को टारगेट किया जाएगा।
पर जल्द ही होली आने वाली है जिस कारण ऑफिस के सभी लोग हॉलीडे का प्लान बनाते हैं। हालांकि युग इस स्थिति में नहीं, कि वह किसी बड़ी जगह पर हॉलिडे मनाने जा सके। क्योंकि फिलहाल युग की फाइनेंशियल हालत कुछ खास नहीं।
यह सब देखते हुए युग अपने होमटाउन “कन्नौज” जाने का मन बनाता है, जहां पर युग की मम्मी (शीबा चड्ढा) जिन्हें बचपन से ही ‘इत्र’ बनाने का काफी शौक था पर फिलहाल वह एक हाउसवाइफ हैं और पापा (आशुतोष राणा) जोकि प्रजेंट टाइम में ‘अकाउंटेंट’ की जॉब करते हैं, हालांकि इन्हें ‘कव्वाली’ का खासा शौक है।
पर जैसा की हर नॉर्मल फैमिली में होता है वैसा युग की फैमिली में बिल्कुल भी नहीं होता,क्योंकि इसके मम्मी और पापा हमेशा लड़ते रहते हैं। फिल्म में युग की बहन ‘रीत’ (दीक्षा जोशी) को भी दिखाया गया है, हालांकि वह काफी छोटे रोल में हैं।
कहानी एक नया मोड़ लेती है,जब युग की ऑनलाइन ऑफिस मीटिंग के दौरान उसके मां-बाप आपस में झगड़ने लगते हैं, जिससे यह मीटिंग पूरी तरह से खराब हो जाती है। और युग अपने मां-बाप को काफी खरी खोटी सुना देता है और उसी वक्त घर छोड़कर भी चला जाता है।
इसी बीच युग की मुलाकात ‘कियारा मीना बंसल’ से होती है। और कुछ समय बाद इन दोनों का रिश्ता गहरा हो जाता है और जल्द ही यह दोनों शादी का प्लान भी बना लेते हैं।
जिसकी खबर देने वह फिर से अपने मम्मी पापा के पास जाता है और यहीं से कहानी में एक बड़ा ट्विस्ट देखने को मिलता है जिसमें अब युग के मम्मी और पापा जल्द ही तलाक लेने वाले हैं। अब आगे की कहानी में खूब सारी उथल-पुथल और हंसी मजाक देखने को मिलता है, जिसे जानने के लिए देखनी होगी फिल्म कौशलजीस वर्सेस कौशल।

तकनीकी पहलू:
क्योंकि यह फिल्म जिओहॉटस्टार के अंतर्गत आती है, जिस कारण इसकी प्रोडक्शन क्वालिटी बढ़िया है,जिसे “प्रसाद भेंडे” ने किया है।
बात करें फिल्म की सिनेमाटोग्राफ़ी की तो वह भी ठीक है। फिल्म में म्यूज़िक का कुछ खास काम तो नहीं दिखाई देता पर “बह रही वक्त की जो हवा” नाम का गाना डाला गया है, जो कहानी के हिसाब से अच्छी वाइब देता है। जिसे “सौरभ भालेराव” और “विक्रम मोंट्रोस” ने कंपोज किया है।
मूवी के नेगेटिव पॉइंट्स:
फिल्म की पटकथा में बहुत सारी खामियां हैं, जिसे “सीमा देसाई” और “सिद्धार्थ गोयल” ने लिखा है। साथ ही इसकी स्टोरी को भी थोड़ा छोटा किया जा सकता था, जिससे इसकी लेंथ कम हो जाती और दर्शकों की दिलचस्पी और भी ज्यादा बनी रहती।
फिल्म में युग के माता-पिता के किरदार में नजर आए कलाकार शीबा चड्ढा और आशुतोष राणा की केमिस्ट्री कुछ खास प्रभाव नहीं छोड़ सकी। देखने पर ऐसा लग रहा था जैसे की जबरन की नोक झोक को कहानी में फिट करने की कोशिश की जा रही है।
पॉजिटिव पॉइंट्स:
भले ही फिल्म कौशलजीस वर्सेस कौशल में बहुत सारी कमियां हों पर फिर भी यह एक असरदार कहानी के रूप में निकलकर सामने आती है जो दर्शकों को पूरी तरह से इंगेज करके रखती है।
भले ही बहुत सारे दृश्य उस लेवल के कारगर नहीं साबित होते,जितना होना चाहिए थे। पर फिर भी कहानी हमारे ज़हन में गहरी छाप छोड़कर जाती है जैसे,”युग को मां के हाथ का पराठा और शलगम वाला आचार पसंद होना”।
बुलेट प्वाइंट्स:
साल 2007 में आई सुपरहिट हिंदी कॉमेडी फिल्म ‘धमाल’ जिसके मुख्य सहायक किरदार में “बोमन” (आशीष चौधरी) नज़र आए थे, इनके मजाकिया अंदाज को लोगों द्वारा काफी पसंद भी किया गया था।
पर ठीक अपने उस रोल के उलट आशीष कौशलजीस वर्सेस कौशल मैं भी नजर आए हैं जिन्होंने काफी डैशिंग ऑफिस बॉस “मौर्या” का किरदार निभाया है।
अतरंगी किरदार:
“फिल्म में कुछ अतरंगी किरदार भी डाले गए हैं, जिनमें युग के होमटाउन में कन्नौज वाले घर के बाहर रेडियो सुनता हुआ वह “बूढ़ा आदमी” जोकी कभी भी युग की बात का जवाब नहीं देता है”
निष्कर्ष:
फिल्म की कहानी पूर्ण रूप से “गुल्लक” और “टीवीएफ पिक्चर्स” नाम की दोनों सीरीजों का निचोड़ है। जिसमें घरेलू माहौल के साथ-साथ ऑफिस लाइफ भी देखने को मिलती है। जिससे हंसी के ठहाके और दिलचस्पी अंत तक बनी रहती है।
फिल्मीड्रिप रेटिंग:5/3 ⭐ ⭐ ⭐
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