Kartam Bhugtam Movie Review:श्रेयाज़ तलपड़े और विजय राज की एक फिल्म रिलीज़ हुई है फिल्म का नाम है करतम भुगतम “मतलब के जैसा बो गे वैसा काटोगे “जैसा आप करते है वैसा ही पाते है क्या आपको फिल्म देखनी चाहिए या नहीं आज अपने इस आर्टिकल में हम आपको बताते है।
फिल्म में श्रेयाज़ तलपड़े जो की नूज़ीलैण्ड में रहते है और अपने दादा परदादा की जमीन के कुछ काम से भारत आते है। जब वो भारत आता है तब उसके कोई भी काम बनते नहीं है। हर काम में अड़चन आने लग जाती है तब वो एक एस्ट्रोलॉजर के पास जाता है
जिसका किरदार विजय राज निभा रहे है अब क्या होता है आगे काम बनते है या और बिगड़ने लग जाते है इन सब बातो को जानने के लिए आपको ये फिल्म देखनी होगी।
फिल्म की अवधि दो घंटा ग्यारह मिनट की है ये फिल्म देखते टाइम एक बात की फील होती है के फिल्म की स्टोरी जितनी अच्छी थी उस तरह से फिल्म को बनाया नहीं गया ये फिल्म और कही ज्यादा अच्छी और इंस्ट्रस्टिंग बनाई जा सकती थी पर वहा पर डायरेक्टर साहब फेल रहे है।
फिल्म का पहला हिस्सा बहुत ही स्लो तरीके से आगे बढ़ाता हुआ दिखाया गया है फिर कुछ दूर चलने के बाद ये फिल्म रफ़्तार पकड़ती है और फिर आपको बहुत तरह की चीज़े देखने को मिलती है।
मतलब के फिल्म का पहला हिस्सा तो स्लो है पर दूसरा हिस्सा बहुत फ़ास्ट ट्विस्ट और टर्म से भरा हुआ दिखाई देता है। फिल्म का दूसरा हिस्सा आपको कही-कही पर शैतान फिल्म की भी याद दिलाता है।
पर शैतान जैसी तो फिल्म बिलकुल भी नहीं है क्यकि फिल्म का सस्पेंस इतना सस्ता है के अगर आपके पास थोड़ा सा भी दिमाग होगा तो आप समझ जायेगा के फिल्म के लास्ट में क्या दिखाया जाने वाला है।
जैसा-जैसा आपने अपने दिमाग में सोचा होगा वैसा ही आपको फिल्म के आखिर में देखने को मिलता है। फिल्म की सबसे बड़ी कमी यही रही के सस्पेंस को बहुत जल्दी रिवील कर दिया गया।
अगर फिल्म के सस्पेंस को थोड़ी देर तक होल्ड कर के रखते और फिल्म के लास्ट में दिखाते तो दर्शको में उत्सुकता और बनी रहती पर डायरेक्टर ने बहुत जल्द ही सस्पेंस को खोल कर रख दिया।
ये फिल्म एक बार देखि जा सकती है फिल्म के सभी एक्टरों ने बहुत बढ़िया तरीके से एक्टिंग की है। विजय राज ने अन्ना का किरदार में अपनी दमदार भूमिका निभायी है।
फिल्म के अगर बी जी एम की बात की जाये तो वो कोई खास नहीं है। फिल्म का बी जी एम वो फील नहीं देता है जो की उसे देना चाहिए था मतलब के सीन में सही से फिट नहीं बैठ रहा था इसका बैकग्राउंड म्यूज़िक।
बात की जाये अगर फिल्म की प्रोडक्शन वैलु की तो वो फिल्म देख कर ही बहुत लो लगती है मतलब के फिल्म पर बहुत ही कम पैसा खरचा किया गया है।
हम तो इतना ही कहेगे अपने पाठको से के अगर आपके पास कुछ भी देखने को नहीं है बिलकुल खाली बैठे है टाइम पास नहीं हो रहा है तो इस फिल्म को सिनेमा घरो में जाकर देख सकते है।
हमारी तरफ से इस फिल्म पांच में से दो स्टार दिए जाते है अगर आप इस फिल्म को अपनी फैमिली के साथ देखना चाहते है तो देख ले फिल्म नीड एंड क्लीन है।