संजू बाबा की फिल्म गुड़चढ़ी क्या सिनेमाघरों तक दर्शकों को खीच पाने में कामयाब हुई

Jio cinema film Ghudchadi review in hindi

Jio cinema film Ghudchadi review in hindi:जिओ सिनेमा पर आ रहे हैं संजू बाबा अपनी नई फिल्म को लेकर जिसका नाम है ‘गुड़चढ़ी’ फिल्म की लेंथ एक घंटा 53 मिनट की है।यह फिल्म पूरी तरह से पारिवारिक है जिसे आप अपनी फैमिली के साथ बैठकर देख सकते हैं। फिल्म में आपको रोमांस और कॉमेडी का तड़का देखने को मिल सकता है।

कलाकार – संजय दत्त, रवीना टंडन, पार्थ समथान, खुशाली कुमार,
अरुणा ईरानी, अचिंत कौर,रिने आर्या हैं।
डायरेक्टर– बिनोय गांधी।
प्रोड्यूसर–भूषण कुमार, कृष्ण कुमार।

कहानी–फिल्म में पार्थ समथान (चिराग शर्मा) जोकि फिल्म के हीरो के रूप में नजर आते हैं देविका (कुशाली कुमार) जो की फिल्म की हीरोइन है दोनों ही एक शादी में आपस में मिलते हैं और एक नजर में दोनों को प्यार हो जाता है । फिल्म में और भी कई सारे ट्विस्ट एंड टर्न देखने को मिलते हैं जिनमें से सबसे बड़ा ट्विस्ट यह होता है

पार्थ और देविका मां (रवीना टंडन) और बाप (संजय दत्त) अपने जवानी के दिनों में एक दूसरे को चाहते हैं और वो आपस में बॉयफ्रेंड और गर्लफ्रेंड होते हैं लेकिन कुछ पारिवारिक विवाद के चलते इन दोनों की शादी आपस में नहीं हो पाती है। संजय दत्त की मां कल्याणी देवी (अरुणा ईरानी) इस शादी के लिए राजी नहीं होती हैं जिसका रीजन दोनों की कास्ट का अलग होना दिखाया गया है। फिल्म में ट्विस्ट तब आता है जब पार्थ और देविका को पता चलता है

अगर इन दोनों की शादी आपस में हो गई तो इनके मां-बाप आपस में समधि हो जाएंगे जो कि इन दोनों को जरा भी मंजूर नहीं, लेकिन इसके उलट अगर पार्थ और देविका अपने मां-बाप की शादी आपस में करवा देते हैं तो यह दोनों भाई बहन बन जाएंगे फिल्म की कहानी इसी उधेड़बुन पर चलती है फिल्म में आगे क्या होता है दोनों की शादी आपस में हो पाती है या नहीं इसके लिए आपको यह फिल्म ओटीटी प्लेटफार्म जिओ सिनेमा पर देखनी पड़ेगी।

फ़िल्म की खामियां– फिल्म की स्टोरी बहुत पुराने जमाने की लगती है और इसपर ऑलरेडी बहुत सारी फिल्में आ चुकी हैं फिल्म देखते वक्त आपको ऐसा लगेगा की फिल्म की कहानी को बहुत ज्यादा खींचा जा रहा है जिसके कारण ये फिल्म आपको स्क्रीन के आगे बांधे रखने में कामयाब नहीं होती है। फिल्म का म्यूजिक भी कुछ खास नहीं है जिसके कारण दर्शकों में इस फिल्म का उत्साह देखने को नहीं मिलता , बात करें फिल्म के डायरेक्शन की तो फिल्म का डायरेक्शन ठीक-ठाक है, फिल्म के डायरेक्टर बिनोय गांधी की ये पहली डेब्यू डायरेक्शन फिल्म है तो उनसे बहुत ज्यादा उम्मीद लगाना ठीक नहीं होगा।

फाइनल वर्डिक्ट– कम शब्दों में अगर इस फिल्म के बारे में कहें तो यह फिल्म एक फैमिली ड्रामा फिल्म है जिसे आप अपनी फैमिली के साथ देख तो सकते हैं पर इंजॉय कर पाएंगे या नहीं या कहा नहीं जा सकता। क्योंकि फिल्म की कहानी पूरी तरह से ओल्ड फिल्मों की तरह लगती है जिसे नई ऑडियंस बिल्कुल भी पसंद नहीं करेगी साथ ही साथ यूथ को भी या फिल्म अपनी तरफ आकर्षित नहीं कर सकेगी। हाल ही में आई मार्वल प्रोडक्शन की फिल्म ‘डेडपूल एंड वूलवारिन’ भी अच्छा प्रदर्शन कर रही है जिससे आने वाली सभी फिल्मों के बॉक्स ऑफिस कलेक्शन पर काफी असर पड़ेगा।

ये 6 कम बजट मूवीज अगर अभी तक आपने नहीं देखी है तो जल्दी से जाकर देख लो।

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  • movie reviewer

    हेलो दोस्तों मेरा नाम अरसलान खान है मैने अपनी ब्लॉगिंग की शुरवात न्यूज़ वेबसाइट अमर उजाला लखनऊ से की थी अभी के टाइम पर मै कई मीडिया संस्थानों के साथ जुड़ा हुआ हूँ और अपनी सेवाएं उन्हें प्रदान कर रहा हूँ उनमे से एक फिल्मीड्रीप है मै हिंदी इंग्लिश तमिल तेलगु मलयालम फिल्मो का रिव्यु लिखता हूँ । आशा करता हूँ के मेरे द्वारा दिए गए रिव्यु से आप सभी लोग संतुष्ट होते होंगे धन्यवाद।

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