क्या आप तैयार हैं एक ऐसे शहर में कदम रखने के लिए जहां का हर कोना डर से कांपता है। “इट वेलकम टू डेरी” (IT: Welcome to Derry) का एपिसोड 2 HBO की इस हॉरर सीरीज को नई ऊंचाइयों पर ले जाता है। ‘स्टीफन किंग’ की क्लासिक फिल्म ‘IT’ यूनिवर्स में लौटकर ‘पेनीवाइज’ 28 साल बाद डेरी शहर में फिर से बच्चों के सपनों को निगलने वापस आ गया है। 1 नवंबर 2025 को ‘जियोहॉटस्टार’ पर हिंदी डब में रिलीज हुआ “इट वेलकम टू डेरी” का यह दूसरा एपिसोड न सिर्फ डराता है बल्कि सामाजिक मुद्दों को भी सामने लाता है। चलिए इसकी परतें खोलते हैं बिना स्पॉइलर के लेकिन सस्पेंस इतना कि आप अगला एपिसोड तुरंत देखने को बेचैन हो जाएं।
डर और रहस्य की शुरुआत
एपिसोड 1 के क्लिफहेंगर से सीधा कूदकर यह एपिसोड 2, थिएटर के खूनी सपने से शुरू होता है। क्लिमेंट्स का गायब होना तो बस शुरुआत है क्योंकि पेनीवाइज के हमले तो बच्चों को हिलाकर रख देते हैं। लेकिन असली ट्विस्ट तो शहर की सड़कों पर हैं रेसिज्म के रूप में साथ ही शहर पर काला साया मंडरा रहा है, जहां डिप्टी लेरॉय हेनलन और उनके परिवार को नस्लीय भेदभाव का सामना करना पड़ता है।

मिलिट्री का ख़ुफ़िया मिशन सोवियत खतरे के बीच एक नया ट्विस्ट जोड़ता है, जहां पहाड़ियों पर नजर रखने वाले रहस्यमयी लोग सवालों का पुलिंदा बांधते हैं। क्या पेनीवाइज सिर्फ बच्चों का शिकार कर रहा है या फिर इस शहर की अंधेरी साजिशों से जुड़ा कुछ और बड़ा है? इसका हर सीन सांस रोक देता है जो कि जंप स्केयर्स के साथ रोंगटे खड़े कर देता है।
डर के बीच ज़िंदा रहने की जंग
लिली और रॉनी की दोस्ती इस एपिसोड की जान है,लिली का ट्रॉमा और रॉनी का डरावना सपना जहां पेनीवाइज मां के रूप में सामनेआता है यह दिल दहला देते हैं। क्योंकि ये बच्चे सिर्फ शिकार नहीं बल्कि कहानी की मुख्य जड़ हैं, जो की फेक फ्रेंडशिप और परिवार के दबावों से जूझते हैं। लेरॉय का संदेह और डिक हेलोरन का नशे में डूबा किरदार शहर की रहस्यों को बढ़ावा देते हैं। जहाँ एक तरफ पुलिस की बेरुखी दिखाई देती है तो वहीँ दूसरी तरफ मेंटल असाइलम का भयानक माहौल, ये सब मिलकर डर को और भी ज़्यादा रीयल बनाते हैं। एक्टर्स का परफॉर्मेंस शानदार है खासकर बच्चों की आंखों में झलकता डर अंत तक बांधे रखेगा।

विजुअल्स और साउंड
HBO का प्रोडक्शन वैल्यू कमाल का है, इसमें डार्क लाइटिंग और स्लो-मोशन जंप स्केयर्स पेनीवाइज को और भयानक बनाते हैं। साउंड डिजाइन में, चीखें दिल की धड़कनें स्क्रीन से बाहर निकल आती हैं। हिंदी डबिंग स्मूथ है लेकिन ओरिजिनल इंग्लिश (HBO Max पर) का फ्लेवर अलग है। एपिसोड 45 मिनट में इतना पैक है कि बोरियत का नामोनिशान नहीं।
निष्कर्ष: अधूरे सवालों का जाल
यह एपिसोड पेनीवाइज को सिर्फ एक क्लाउन नहीं दिखाता बल्कि शहर की बुराइयों का प्रतीक बनाता है। यहाँ रेसिज्म ट्रस्ट और सुपरनैचुरल का मिश्रण तरोताजा लगता है। कुछ सवाल अधूरे हैं जैसे- क्या लिली पेनीवाइज का गेटवे बनेगी? मिलिट्री का राज क्या खुलेगा?
कुल मिलाकर एपिसोड २ डर और इमोशन का परफेक्ट बैलेंस है। और अब दर्शकों को इसके एपिसोड 3 का इंतजार है। अगर आप हॉरर फैन हैं तो अभी देखें इट वेलकम टू डेरी का एपिसोड 2 , क्योंकि पेनीवाइज आपका इंतजार कर रहा है।
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