तमिल सिनेमा की एक नई फिल्म ‘हाउसमेट्स‘ जो डेब्यू डायरेक्टर राजावेल की कमाल की पेशकश है। ये मूवी फैंटेसी ड्रामा है, जो ट्रेलर से लगने वाली छाप को तोड़कर कुछ ज्यादा दिल छूने वाला और इनोवेटिव देती है। मैंने इसे देखा और सोचा, आपको बताता हूं कि ये क्यों देखने लायक है।
इसमें साइ फाई एलिमेंट्स जैसे वर्महोल, टाइम डिस्टॉर्शन और पैरेलल डायमेंशन्स को तमिल मसाले के साथ मिक्स किया गया है। राजावेल जो पहले शॉर्ट फिल्म्स बना चुके हैं, ने यहां मेनस्ट्रीम स्टोरीटेलिंग में कुछ अलग ट्राई किया है, और ज्यादातर पार्ट्स में ये कामयाब भी रहा। फिल्म की लंबाई करीब 2 घंटे की है और ये थिएटर में अच्छा रिस्पॉन्स पा रही है।
स्टोरी की गहराई:
कैसे ये फिल्म हॉलीवुड के बड़े बड़े आइडियों को तमिल दिल से जोड़ती है और भावनाओं के झूले पर ले जाती है, जहाँ टाइम ट्रेवेल और हकीकत के खेल में रिश्तों की असली ताकत सामने आती है।
#HouseMates Will be a Perfect Watch for this Weekend, Getting an Immense Positive WOM On Press Show !
— Let's X OTT GLOBAL (@LetsXOtt) July 30, 2025
BACK to Back BLOCKBUSTER for @Siva_Kartikeyan ACTOR ✅ PRODUCER ✅
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अब बात करते हैं कहानी की, जो इस फिल्म का असली जान है, फिल्म की शुरुआत थोड़ी धीमी है, पहले 15 मिनट में किरदारों से दिल से जुड़ने में थोड़ी मुश्किल होती है। लेकिन जैसे ही काली वेंकट का किरदार आता है, फिल्म रफ्तार पकड़ लेती है।
इंटरवल से पहले का हिस्सा गज़ब का है, जो दूसरा हिस्सा शुरू करने के लिए माहौल बनाता है, वो भी हैरान करने वाला, दिल को छूने वाला और कभी कभी बहुत गहरा हो जाता है। कहानी में भूत जैसे तत्व हैं लेकिन ये सिर्फ डराने के लिए नहीं, बल्कि समय की सैर और अलग अलग दुनियाओं जैसे आइडियों को समझाने के लिए हैं।
इंटरनेट से पता चला कि ये आइडिए हॉलीवुड फिल्मों जैसे ‘इंटरस्टेलर’ या ‘द बटरफ्लाई इफेक्ट’ से प्रेरित लगते हैं, लेकिन राजावेल ने इन्हें आसान और लोगों के लिए समझने लायक तरीके से दिखाया है। साइ फाइ चक्कर में ज्यादा गहरे नहीं जाते, बल्कि दिल को छूने वाले नतीजों पर ध्यान देते हैं, जैसे रिश्ते समय के खेल में कैसे बदलते हैं, या दूसरी दुनियाओं में क्या हो सकता है।
ये एक नए डायरेक्टर के लिए समझदारी भरा कदम है, अंत में सब कुछ जुड़ जाता है और वो सीन दिल जीत लेता है। कुल मिलाकर कहानी रिश्तों की ताकत दिखाती है, जहाँ कल्पना असल ज़िंदगी के दुख और खुशियों से मिलती है।
काली वेंकट और टीम की कमाल की परफॉर्मेंस
एक्टर्स की बात करें तो काली वेंकट फिल्म का बोझ उठाते हैं। उनकी परफॉर्मेंस मैच्योर और मूविंग है, खासकर ‘मद्रास मैटिनी’ के बाद ये उनका फुल फ्लेज्ड रोल है। वो इमोशनल और कॉमिकल मोमेंट्स के बीच आसानी से स्विच करते हैं।

विंधिनी वैद्यनाथन उनकी परफेक्ट पार्टनर हैं और दोनों मिलकर फिल्म का इमोशनल कोर बनाते हैं। उनकी केमिस्ट्री क्लाइमैक्स में चमकती है। दर्शन और अर्शा बैजू ने भी अच्छे रोल निभाए हैं, एक छोटा बच्चा कैरेक्टर की वजह से कुछ मोमेंट्स में चार्म लाता है। काली वेंकट की एक्टिंग को क्रिटिक्स ने काफी सराहा है और ये उनकी करियर की बेस्ट परफॉर्मेंस में से एक मानी जा रही है।
सीजीआई, साउंड और म्यूजिक का कमाल
टेक्निकल तौर पर फिल्म अच्छी है। घोस्ट एलिमेंट्स के लिए सीजीआई बढ़िया है और साउंड डिजाइन काफी एंगेजिंग। एक पुरानी सुपरहिट गाने का रीयूज है, जो थिएटर में कमाल का मोमेंट क्रिएट करता है, जोकि रेट्रो नहीं लेकिन फिट बैठता है। इंटरनेट पर फिल्म की प्रोडक्शन डिटेल्स देखीं, तो पता चला कि बजट मिड रेंज था, लेकिन विजुअल्स हाई क्वालिटी हैं।
पेसिंग और कैरेक्टर्स की बात
फिल्म परफेक्ट नहीं है। शुरुआत में पेसिंग डिप करती है, और कुछ कैरेक्टर्स अंडरयूटिलाइज्ड लगते हैं। लेकिन इंटेंट, एक्जीक्यूशन और पेऑफ इसे चमकाते हैं।
X रिव्यू:
X पर इस फिल्म के रिव्यूज देखे तो ज्यादातर पॉजिटिव हैं, लोग इसके इनोवेटिव अप्रोच की तारीफ कर रहे हैं। फिल्मीड्रिप रेटिंग: 3.5/5 स्टार्स। ये तमिल सिनेमा में इनोवेशन की सच्ची कोशिश है और राजावेल जैसे नए डायरेक्टर की आवाज को सपोर्ट करने लायक।
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