Hisaab barabar movie review in hindi:आर माधवन की अपकमिंग फिल्म ‘हिसाब बराबर‘ जिसे आज ओटीटी प्लेटफॉर्म zee5 पर रिलीज कर दिया गया है, फिल्म की लेंथ 1 घंटा 51 मिनट की है और इसका जोनर ड्रामा और कॉमेडी की कैटेगरी के अंतर्गत आता है।
जिसके मुख्य किरदार में ‘आर माधवन‘ दिखाई देते हैं जो इससे पहले शैतान जैसी सुपरहिट मूवी के निगेटिव रोल में नजर आए थे। फिल्म का डायरेक्शन ‘अश्विनी धीर’ ने किया है, जो इससे पहले अतिथि तुम कब जाओगे और सन ऑफ सरदार जैसी हिट फ़िल्में डायरेक्ट कर चुके हैं। हिसाब बराबर की कहानी बैंक घोटाले और करप्शन जैसे मुद्दे पर आधारित है।
कास्ट-
आर.माधवन,नील नितिन मुकेश, कीर्ति कुल्हारी,
रश्मि देसाई,मनु ऋषि।
रिव्यू-
फिल्म के मुख्य किरदार में राधे मोहन शर्मा (आर.माधवन) टिकट चेकर यानी टीटी के रूप में नजर आते हैं। कहानी शुरू होती है ट्रेन के दृश्य से जहां पर माधवन हाथों में ढेर सारे संतरे लिए चलती ट्रेन में घुसते हुए नजर आते हैं। राधे बचपन से ही हिसाब के मामले में बहुत ही पक्के थे, फिर चाहे वह ₹1 ही क्यों ना हो।
अपनी इसी हिसाब किताब की आदत के कारण वे शादी से पहले एक लड़की पूनम जोशी (कीर्ति कुलहारी) को भी रिजेक्ट कर देते हैं, वह भी सिर्फ इसलिए क्योंकि उनकी मार्कशीट में मैथ सब्जेक्ट के नंबर काफी कम होते हैं। उस समय भले ही उनकी शादी राधे से न होकर किसी और से हो जाती है,पर कहानी में आगे चलकर वे पुलिस ऑफिसर के रूप में फिर से एंट्री लेती हैं।
हालांकि कुछ निजी कारणों से राधे अपनी पत्नी से अलग रहते हैं। पर कहानी में ट्विस्ट तब आता है जब राधे का ध्यान अपने बैंक डिटेल्स की ओर जाता है, जिसमें 27 रुपए 50 पैसे एक्स्ट्रा चार्जेस के रूप में काटे गए हैं। अब क्योंकि राधे मैथ में काफी पक्का है जिसके कारण वह इस मुद्दे को सॉल्व करने का जिम्मा लेता है। पर जैसे-जैसे वह इसकी पड़ताल की ओर बढ़ता है

PIC CREDIT INSTAGRAM
वैसे वैसे उसके सामने कुछ गहरे राज निकलकर सामने आते हैं जिसमें यही 27 रुपए 50 पैसे अमाउंट बैंक के अन्य खातों से भी काटे गए हैं। जिसके बाद वह पुलिस की मदद लेता है हालांकि शुरुआती मदद ना मिल पाने के कारण राधे को बहुत सारी कठिनाइयों और संघर्षों का सामना करना पड़ता है।
इन्हीं कठिनाइयों में एक बड़ी रुकावट उसके सामने मिक्की मेहता (नील नितिन मुकेश) के रूप में आ कर खड़ी हो जाती है, जो इस बैंक का मालिक है और इसे अपने दोस्त दयाल (मन्नू ऋषि) के साथ मिलकर चलाता है, जिसमें यह दोनों मिलकर इस बैंक स्कैम को अंजाम देते हैं।अब कैसे राधे इस स्कैम का पर्दाफाश करता है और आम आदमी के पैसों का असली हिसाब करता है या सब जाने के लिए आपको देखनी होगी हिसाब बराबर।
तकनीकी पहलू-
फिल्म की पटकथा काफी यूनीक है, जिसे देखने में काफी ज्यादा मज़ा आता है,जिसके बैकग्राउंड म्यूजिक के साथ सिनेमैटोग्राफी भी काफी फ्रेश की गई है। फिल्म की लेंथ काफी कम है जिसे देखने में आपको ज़रा भी बोरियत महसूस नहीं होगी।
खामियां-
मूवी का कॉन्सेप्ट भले ही काफी नया हो पर दर्शकों पर वैसी छाप नहीं छोड़ जाता है, जैसी पठान और जवान फिल्म ने छोड़ी थी,भले ही वे दोनों फिल्में सुपरस्टार शाहरुख खान की थीं, पर जिस तरह का स्टोरी बिल्डअप उन दोनों फिल्मों में किया गया था,वह फिल्म हिसाब बराबर में नजर नहीं आता।
अच्छाइयां-
फिल्म के मुख्य रूप में नजर आए कलाकार और माधवन की एक्टिंग हमेशा की तरह इस फिल्म में भी काफी इंपैक्ट डालती है, जिसे देखने में दर्शकों को काफी मजा आने वाला है।
निष्कर्ष-
अगर आपको ड्रामा और क्राइम पर बनी फिल्में देखना पसंद हैं, तो आप माधवन की फिल्म हिसाब बराबर को रिकमेंड कर सकते हैं। पर अगर आप उस तरह के दर्शक हैं, जिन्हें मास मसाला और मारधाड़ वाली फिल्में देखना पसंद है तो आप इस फिल्म से दूर ही रहें तो ज्यादा बेहतर होगा।
फिल्मीड्रिप की ओर इसे दिए जाते हैं 5/2.5 ⭐ ⭐ ✨.
READ MORE
Vishal aditya singh birthday:विशाल आदित्य सिंह मनाने जा रहे अपना 37वां जन्मदिन।
सपनों की दुनिया का हकीकत में बदलता प्यार,तकरार और रोमांच से भरा सफर