प्रियंका चोपड़ा की जबरदस्त एक्शन थ्रिलर फिल्म “हेड्स ऑफ स्टेट” को बुधवार से प्राइम वीडियो पर स्ट्रीम कर दिया गया है। यहाँ एक बड़े नाटो नामक संगठन के टूटने की बात की गई है। जॉन सीना को अमेरिकी प्रेसिडेंट और इद्रिस एल्बा को ब्रिटिश प्रेसिडेंट के रूप में फिल्म में पेश किया गया है। इन दोनों में दोस्ती तो है, पर एक खटास के साथ।
“हेड्स ऑफ स्टेट” रिव्यू
“हेड्स ऑफ स्टेट” फिल्म को प्राइम वीडियो पर 2 जुलाई से अंग्रेजी के साथ हिंदी, तमिल, तेलुगु, मलयालम और कन्नड़ भाषाओं में रिलीज किया गया है। फिल्म की मुख्य भूमिकाओं में हैं प्रियंका चोपड़ा, इद्रिस एल्बा और जॉन सीना। काफी समय बाद प्रियंका किसी फिल्म में दिखाई दे रही हैं। 2 घंटे 7 मिनट की यह फिल्म आसानी से देखी जा सकती है, इसे बहुत ज्यादा समय नहीं देना होगा। कहानी में यूके और यूएस के प्रेसिडेंट को एक साथ मीटिंग अटेंड करते दिखाया गया है। ये दोनों एक साथ अपने प्राइवेट प्लेन में बैठकर जा रहे होते हैं, तभी इनके प्लेन पर आसमान में ही कुछ लोगों द्वारा अटैक कर दिया जाता है।
इस अटैक से बचने के लिए इन्हें इमरजेंसी लैंडिंग करनी होती है। इन दोनों को बचाने के लिए एमआई6 एजेंट नोएल बिसेट के रूप में प्रियंका चोपड़ा की एंट्री दिखाई गई है। जॉन सीना का किरदार मजाकिया होने के साथ गंभीर है, तो वहीं इद्रिस एल्बा अपनी एक्टिंग परफॉर्मेंस से गंभीरता को दर्शाते हैं। प्लेन अटैक के सभी दृश्य हॉलीवुड फिल्मों जैसे ही दिखते हैं। अब आगे क्या, प्रियंका इन दोनों प्रेसिडेंट को बचा पाती हैं या नहीं, क्या नोएल बिसेट की यहाँ किसी तरह की छिपी हुई मंशा है, यह सब फिल्म देखने के बाद ही पता चलेगा।
“हेड्स ऑफ स्टेट” के अच्छे और बुरे पहलू
यह एक औसत कहानी-सी लगती है। यहाँ कुछ खास देखने को नहीं मिलता। इस तरह की कहानियों को पहले भी बहुत-सी फिल्मों में दिखाया जा चुका है। यहाँ तक कि बॉलीवुड फिल्म इंडस्ट्री में भी इस तरह के कॉन्सेप्ट पर बहुत-सी फिल्में बनाई जा चुकी हैं। प्रियंका चोपड़ा की एक्टिंग और उनके चेहरे के हाव-भाव शानदार हैं, जो देखने में अच्छे लगते हैं। पूरी फिल्म में प्रियंका चोपड़ा का काम सबसे अच्छा कहा जा सकता है। प्रो फिल्मी ऑडियंस को इसकी कहानी आसानी से हजम नहीं होगी पर वहीं नए दर्शकों को फिल्म में किसी भी तरह की कोई कमी नहीं लगेगी।
“हेड्स ऑफ स्टेट” शुरू से लेकर अंत तक खुद से जोड़े रखती है। यह फिल्म फास्ट है, तेजी के साथ आगे बढ़ती है और बोर नहीं करती। वीएफएक्स, विजुअल, बीजीएम, कलर ग्रेडिंग, प्रोडक्शन क्वालिटी, एक्शन सीक्वेंस, सब कुछ शानदार है। पर सब कुछ ठीक होने के बावजूद यहाँ एक औसत कहानी को खराब तरह से पेश करने की वजह से “हेड्स ऑफ स्टेट” उजाले से अंधेरे की ओर जाती दिखाई देती है।
फाइनल वर्डिक्ट
प्रियंका चोपड़ा के कमबैक के साथ इस फिल्म को एक बार देखा जा सकता है, जो प्राइम वीडियो पर हिंदी में उपलब्ध है। यहाँ किसी भी तरह के एडल्ट या वल्गर सीन का इस्तेमाल नहीं हुआ है, इसलिए आप इसे आसानी से अपनी पूरी फैमिली के साथ बैठकर देख सकते हैं। मेरी तरफ से “हेड्स ऑफ स्टेट” की औसत कहानी की वजह से दी जाती है पांच में से ढाई स्टार की रेटिंग।
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