Guthlee Ladoo 51 awards social message film:सिनेमा जगत में साल 2023 में 13 अक्टूबर को एक फ़िल्म रिलीज हुई थी जो आपको नाम से तो एक सामान्य सी कॉमेडी फ़िल्म लग सकती है
लेकिन इस फ़िल्म को सिर्फ कॉमेडी की श्रेणी में रखना फ़िल्म के लिए न्याय नहीं हो सकता है। जब आप इस फ़िल्म को देखेंगे तो इसमें आपको,एक अच्छा सोशल मेसेज मिलेगा जो सोसाइटी में फैले जातिवाद को दूर करने में मददगार साबित हो सकता है।
pic credit imdb
फ़िल्म की कास्ट –
कलाकार – संजय मिश्रा, धन्य सेठ, कल्याणी मुले, सुबराता दत्ता, गौरांश शर्मा, कंचन पगरे, सुनीता शिरोले, हीत शर्मा, संजय कुमार सोनू, आरिफ शहडोली आदि
डायरेक्टर – इशरत आर खान
म्यूजिक डायरेक्टर – रोहन
स्टोरी राइटर – श्रीनिवास अबरोल
फ़िल्म का शीर्षक क्यों रखा गया “गुठली लाडू”
फ़िल्म के शीर्षक की बात करें तो एक अजीब सा विरोधाभास वाला शीर्षक आपको सुनने में लगेगा जिससे कहानी के लिए भी इसी तरह की भूमिका आपके मन में बन रही होगी कि ये फ़िल्म सिर्फ और सिर्फ कॉमेडी ही होगी लेकिन ये फ़िल्म इससे कहीं ज़ादा है जो आपको बहुत बड़ी सीख देने वाली है।
फ़िल्म का शीर्षक फ़िल्म में दिखाए गए दो जूनियर करैक्टर गुठली और लाडू पर रखा गया है। इन दोनों के नामों की तरह दोनों बच्चों की सोच भी बिलकुल अलग होती है। फ़िल्म की पूरी कहानी इन्ही दोनों के साथ आगे बढ़ती है। आइये जानते है ये फ़िल्म हमे क्या संदेश देना चाहती है और क्या इस फ़िल्म का मोरल है और हमे ये फ़िल्म क्यों देखनी चाहिए ऐसे कई सवालों के जवाब जो आपको आगे मिलने वाले है।
क्या है फ़िल्म की कहानी –
गुठली लाडू नाम की इस फ़िल्म की कहानी जातिवाद पर आधारित है। कहानी मुख्य रूप से गुठली और लाडू दो दोस्तों के साथ आगे बढ़ती है। जिसमें से गुठली एक स्वीपर का बेटा है।
दोनों एक ही बैकग्राउंड से है लेकिन गुठली और लाडू की सोच में जमीन आसमान का फर्क आपको देखने को मिलेगा। दोनों बच्चे बैकवर्ड से आते है लेकिन गुठली एक ऊँची और अलग सोच वाला जबकि लाडू एक सामान्य सोच वाला,जैसा है वैसे ही जीवन बिताने की सोच रखने वाला है।
गुठली बैकवर्ड से होता है इस लिए उसे शिक्षा पाने के लिए स्कूल में एडमिशन लेना एक टेढ़ी खीर साबित होती है। उसके पिता मंगरू को भी अपनी जाति की वजह से हर जगह पीछाडा जाता है लेकिन मंगरू की सोच भी ऊँची होती है
और वो अपने बेटे को समाज में पिछड़ा हुआ देखना नहीं चाहता है जिसके लिए सिर्फ शिक्षा ही एक मात्र साधन मांगरू और गुठली को नज़र आता है जो उनके पिछड़ेपन को खत्म करके समाज में आगे बढ़कर बराबरी का अवसर प्रदान कर सकता है। लेकिन शिक्षा प्राप्त करने के इस पथ पर उन्हें कई बड़ी बड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।
"Guthlee Ladoo," a film by UV FILMS featuring Sanjay Mishra in the lead, is set to release nationwide on 13th October 2023.@uvfilmsofficial @PanoramaMovies @paulrangwani @imsanjaimishra @subratdutta @kalyanmayee @murli_sonu @shahdarshanm @anilakki#guthleeladoo #Guthlee pic.twitter.com/yTeDzuQLb0
— Panorama Studios (@PanoramaMovies) August 31, 2023
फ़िल्म का संदेश –
इस फ़िल्म का एक मात्र संदेश है कि “हमे हर परिस्थिति को अनुकूल बनाना होगा न कि परिस्थिति का बहाना लेकर अवसर को खोना उचित है “
अगर गुठली चाहता तो अपनी परिस्थितियों के अनुसार जीवन व्यतीत करता और जो अवसर उसके पास था शिक्षा प्राप्त करके खुद के जीवन और उसके साथ समाज में बदलाव लाना उसे वो खो देता जिसके लिए वो खुद जिम्मेदार होता।
समाज को इस फ़िल्म के द्वारा एक बड़ा संदेश देने की कोशिश की गयी है कि “समाज में आगे बढ़ने और अच्छे बदलाव लाने के लिए जाति या परिस्थिति किसी भी तरह से बाधा नहीं बन सकती है आपकी कामयाबी आपकी सोच और पक्के इरादों पर निर्भर करती है “।
निष्कर्ष –
अगर आप समाज को एक अच्छा मेसेज पहुंचाने वाली फ़िल्म देखना चाहते है तो आप इस फ़िल्म को ज़रूर देखें जिसे 51 अवार्ड्स मिल चुके है। फ़िल्म हमे बताती है कि इस बात से कोई मतलब नहीं है
कि आप का बैकग्राउंड क्या है आप कहाँ से आये है मतलब इस बात का है कि आप जीवन में करना क्या चाहते है। अगर आपको अपने सपने पूरे करने का जूनून है तो कोई भी बाधा आपको मंज़िल तक पहुंचने से नहीं रोक सकती।
इस फ़िल्म को आप अमेज़न प्राइम वीडियो के प्लेटफार्म पर देख सकते है।इस सामाजिक संदेश देने वाली फ़िल्म को मेरी तरफ से 10 में से 8 स्टार की रेटिंग दी जाती है।
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