FireFly Kannada Movie Review hindi:फायरफ्लाई भावनाओ से भरी कन्नड़ फिल्म है,जिसका निर्देशन किया है वंशी कृष्ण ने और यही इसके मुख्य कलाकार भी है। डायरेक्टर और अभिनेता का रूप में वंशी कृष्ण की यह पहली फिल्म है। अब क्या ये फिल्म आपको हर तरह से इंटरटेन करने में सफल रही है आइये जानते है।
कहानी
कहानी डिप्रेशन से जूझते हुए एक इंसान की है कहानी विवेका नंदा की ज़िंदगी को दर्शाती है विवेका अपने चचेरे भाई की शादी में अमेरिका से भारत आता है। पर जैसे ही यह भारत आता है एक रोड एक्सीडेंट में वह अपने करीबी लोगो को खो बैठता है।
इस घटना के बाद यह पूरी तरह से डिप्रेशन में पहुंच जाता है। अब यह इस डिप्रेशन की कंडीशन से किस तरह से खुद को बाहर निकालता है लोगो की ज़िंदगी में पहले से ही इतना डिप्रेशन है तो भला वो इस फिल्म को देखने क्यों जायगे तो इसकी वजह है नरेशन फिल्म का नरेशन बहुत बढ़िया तरीके से किया गया है।
जिस तरह से सिनेमैटिक एलिमेंट के साथ इसके ट्रेलर को रिलीज़ किया गया था इसे देख कर कोई भी सिनेमा घरो की ओर खिचा चला जायेगा। यह फिल्म अपनी क्रेटिवटी और विजुवली में आपको बिलकुल भी डिसपॉइन्ट नहीं करने वाली। एक अच्छे फिल्म मेकर की तरह वंशी कृष्ण ने कहानी में जिस तरह से अच्छे अच्छे विजुवल पेश किये है वो काबिले तारीफ है।बहुत से ऐसे सीन है जो क्रेटिव के साथ-साथ यूनिक भी लगते है।
पॉज़िटिव के साथ साथ कुछ निगेटिव पॉइंट
फिल्म अपने स्क्रीन प्ले में थोड़ा डिसपॉइन्ट करती है उस तरह से हम भावात्मक रूप से फिल्म के मेन लीड से नहीं जुड़ पाते शुरवाती फिल्म में तो दर्शक विवेका से इमोशनली रूप से जुड़ाव महसूस करता है पर इंटरवल के बाद जिस तरह से कहानी आगे बढ़ती हैं धीरे-धीरे वो जुड़ाव कम होने लगता है। तब हम इस कैरेक्टर के साथ अच्छे से खुद को कनेक्ट नहीं कर पाते। मुझे ऐसा लगता है ज्यादा क्रेटिवटी की वजह से फिल्म थोड़ी डाउन हुई है।
अभिलाष ने सिनेमॅटोग्रफी इस तरह से की है के आप का स्क्रीन से मज़बूत जुड़ाव हो जाता है,और हर एक सीन को इस तरह से पेश किया है की नज़र हटाने का मन न करे। साथ ही बीजीएम से लेकर प्रोडक्शन डिजाइन भी शानदार है। वंशी कृष्ण ने अपने किरदार को बहुत अच्छे से निभाया है ऐसा बिलकुल भी नहीं लगता के ये इनकी पहली फिल्म है।
जिस तरह का वंशी कृष्ण का फिल्म में प्रदर्शन रहा है इसे देख कर तो ऐसे ही लग रहा है के भविष्य में इनका करियर उज्जवल होने वाला है। डिप्रेशन के टेबू को लेकर जिस तरह से पूरी की पूरी फिल्म तैयार की गयी है वो देख कार काफी अच्छा लगा। अगर स्क्रीन प्ले के साथ स्टोरी टेलिंग थोड़ी और एंगेजिंग रहती तो शायद यह और भी बेहतर बन सकती थी।
निष्कर्ष
अगर आप कुछ नया और क्रेटिव देखना चाहते है तो ये फिल्म एक बार देखि जा सकती है बेसिकली डिप्रेशन के ट्रॉमा को लेकर मेरी तरफ से इसे दिए जाते है पांच में से तीन स्टार की रेटिंग।
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