Dhai Aakhar Review: छोटे बजट की लेकिन बड़े मैसेज वाली,डोमेस्टिक वायलेंस पर बनी दो पत्ती जैसी एक बेहतरीन फ़िल्म

Dhai Aakhar Movie Review In Hindi

Dhai Aakhar Movie Review In Hindi :1985 के समय पर बनाई गई,यह एक ड्रामा फिल्म है जिसमें आपको समाज में महिलाओं पर होने वाले उत्पीड़न को दिखाने की कोशिश की गई है।

समाज में जिस तरह का झूठा पुरुषवाद फैला हुआ है उसे सामने लाने के उद्देश्य से इस फिल्म को बनाया गया है। फिल्म के निर्देशक है प्रवीण अरोड़ा और इस कहानी को लिखा है अमरदीप सिंह और असगर वजाहत ने।

अगर आपको सोशल ड्रामा देखना पसंद है,जिसमें आपको पारिवारिक मन मुटाव देखने को मिले,तो यह फ़िल्म सिर्फ आपके लिए बनी है।

फिल्म का प्रोडक्शन वर्क 2023 में ही पूरा हो गया था जिसे अब 22 नवंबर 2024 को थिएटर्स में रिलीज कर दिया गया है। इस फिल्म की शूटिंग उत्तराखंड के खूबसूरत नजारों में की गई है।फिल्म का रनिंग टाइम 1 घंटा 38 मिनट है जिसे आईएमडीबी पर 8.8* की रेटिंग मिली हुई है।

Dhai Aakhar Movie Story –

फिल्म की कहानी की शुरुआत हर्षिता नाम की फीमेल कैरक्टर से होती है,जो फिल्म की मेन कैरक्टर है और इन्हीं के चारों ओर आपको फिल्म की कहानी घूमती हुई नजर आएगी।

एक ऐसी औरत जिसने सारी उम्र अपने पति के जुल्म सहे लेकिन अपने बच्चों के लिए शादी के इस बंधन को पूरी उम्र झेला।

कहानी के क्लाईमैक्स में आपको उन्ही बच्चों का स्पेशली उसके पति के मर जाने के बाद बेटे का जो व्यवहार देखने को मिलेगा वो आपको माँ बेटे के रिश्ते की एक गलत परिभाषा देगा।

दरअसल बच्चों के बड़े होने के बाद उनकी शादी कर दी जाती है और एक दिन पति की भी मौत हो जाती है जिसके बाद हर्षिता (मृणाल कुलकरणी) खुद को बहुत अकेला महसूस करती है ज़ब उनकी दोस्ती एक किताब के लेखक “श्रीधर” से हो जाती है पत्रों के लेन देन के द्वारा।

अब हर्षिता अपने इस दोस्त से मिलने के लिए घर से तीर्थ यात्रा का बहाना कर के निकलती है। ज़ब वो घर से चली जाती है तो उनके पीछे उनके ढेरों पत्र बच्चों के हाँथ लग जाते है जिससे उनकी छवि बेटे के सामने धूमिल हो जाती है और ज़ब वो वापस आती है तो बेटा अपनी माँ पर हाँथ तक उठा लेता है मारने के लिए जिसके विरोध में उसकी बहू ख़डी हो जाती है अपनी सास के पक्ष में।

फ़िल्म का सार –

एक खूबसूरत कहानी इस फ़िल्म में आपको देखने को मिलेगी शादी से जुडी। किस तरह एक औरत शादी के रिश्ते को झेलती है अगर रिश्ते में प्यार नहीं है तो, और किसी के भी जीवन में प्यार का क्या महत्व है किस तरह प्यार आपके जीवन में रंगो को भर सकता है ये सब देखना बहुत ही इंट्रेस्टेड होगा।

फिल्म की कहानी डोमेस्टिक वायलेंस से जुड़ी हुई है जो कुछ दिनों पहले आई फ़िल्म दो पत्ती जैसी है।

कैसा है प्रोडक्शन?

फिल्म के प्रोडक्शन से जुड़ी कोई भी कमी आपको इस फिल्म में नहीं नजर आएगी क्यूंकि फ़िल्म की अच्छी कहानी सारी कमियों पर पर्दा डालने वाली है।

अच्छा स्क्रीनप्ले राइटिंग और कहानी की रिप्रेजेन्टेशन आपको इस फ़िल्म में देखने को मिलेगी। फिल्म के डायलॉग बहुत ही गहराई वाले है जो आपके दिल को छू जाएंगे।

निष्कर्ष :

अगर आपको एक बेहतरीन फिल्म देखनी है तो आप इस फिल्म को देख सकते हैं। आपका एज ग्रुप जो भी हो इस बात से फर्क नहीं पड़ता है फिल्म की कहानी ऐसी है कि आप कहानी से पूरी तरह से जुड़ जाएंगे।

प्यार के रिश्ते और बिना प्यार के शादी के रिश्ते मै क्या फर्क होता है ये देख कर आपकी आँखों में आंसू नहीं रुक पाएंगे।

भले ही फ़िल्म का बजट बहुत हाई नहीं है लेकिन प्यार और दोस्ती से जुडा एक हाई मैसेज देती है ये फ़िल्म।

इस फ़िल्म को मेरी तरफ दिए जाते है 5 में से 4*।

5/5 - (1 vote)

Author

  • arshi

    दोस्तों मेरा नाम अर्शी खान और मै एक प्रोफेशनल ब्लॉगर हूँ मै २१ वर्ष की आयु से मनोरजन से सम्बंधित सामग्री विभिन्न कार्य स्थलों को प्रदान कर चुकी हूँ मैंने भारत के कुछ बड़े मीडिया संस्थानों के साथ काम किया है जिनमे से एक है अमर उजाला मुझे फिल्मे देखना बहुत पसंद है और बॉलीवुड के विभिन्न प्रकार के मुद्दे पर चर्चा करना भी। अभी मै अपनी सभी सेवाये फिल्मी ड्रिप को दे रही हूँ मै आशा करती हूँ के मेरे द्वारा लिखे गए कॉन्टेंट लोगो को पसंद आये धन्यवाद।

    View all posts
Social Share

Join WhatsApp

Join Now

Leave a Comment