Chandu Champion Movie Review in hindi:बात की जाये अगर इंडिया की तो हमारे इंडिया में स्पोर्ट ड्रामा फिल्मे बहुत बनाई जा चुकी है जिसमे आती है चक दे इंडिया,83 ,गोल्ड,मैदान,दंगल,मेरी कॉम,घूमर,सुल्तान,झुण्ड जैसी बहुत सी फिल्मे बनाई गयी है।
इनमे से ज़ादा तर फिल्मे बॉक्स ऑफिस पर सफल रही है और जो सफल नहीं भी रही है उनको भी क्रिटिक्स की बहुत तारीफे मिली इसी स्पोर्ट ड्रामा फिल्म की सीरीज को आगे की तरफ बढ़ाते हुए कार्तिक आर्यन लेकर आये है चंदू चैम्पियन।
चंदू चैम्पियन एक बायोपिक स्पोर्ट ड्रामा फिल्म है श्री मुरलीकांत पेटकर की जीवनी पर और चंदू चैम्पियन में उनके द्वारा खेले गए तीन तरह के गेम को दर्शाया गया है। बॉक्सिंग,कुश्ती और आखिर में तैराकी (स्विमिंग) इसके साथ में ही इनकी असल ज़िंदगी से जुड़े हुए कुछ किस्से जिनपर डायरेक्टर कबीर खान ने बहुत अच्छे से फोकस किया है।
फिल्म की शुरुवात होती है सांगली महारष्ट्र से यही वजह है के फिल्म में बहुत सारे करेक्टर मराठी दिखाए गए है और मराठी वर्ड्स का भी इस्तेमाल काफी किया गया है बहुत से एक्टर का एक्सेंट भी मराठी भाषा है। फिल्म की स्टार्टिंग में आपको पुष्पा भाई एक छोटा सा कैमियो करते हुए दिखाई देने वाले है।
चंदू चैम्पियन के बजट की अगर बात की जाये तो वो 140 करोड़ रूपये का बताया जा रहा है। पर चंदू चैम्पियन अपने रिलीज़ के पहले दिन पर लगभग 5 करोड़ रूपये का कलेक्शन करेगी। जो की काफी कम है अगर हम इसके बजट को देखे तो।
फिल्म की टाइमिंग की बात अगर की जाये तो ये फिल्म 2:30 मिनट की है फिल्म के पहले हिस्से में दिखाया गया है के मुरली कैसे आर्मी में जाता है बॉक्सिंग सीखता है इंटरवल के टाइम आपको आर्मी का एक एक्शन सीन दिखया जाएगा जो की ख़ास इंटरवल के लिए ही रक्खा गया है।
इंटरवल से पहले एक गाना है पर उस गाने की कोई भी ज़रूरत नहीं थी इंटरवल के बाद फिल्म थोड़ी इमोशनल हो जाती है जहा पर मुरली कांत को गोलिया लग जाती है और वो स्ट्रगल करते हुए नज़र आते है यहाँ पर आपको ये फिल्म मोटिवेट करती है इस बात पर जहा पर मुरली को नौ गोलिया लगने के बाद भी अपने स्पोर्ट मैंन की ज़िद को न छोड़ कर पैरा ओलम्पिक के लिए तैयारी करना इसके लिए हम मुरली कांत को सलाम करते है।
कबीर खान ने जिस तरह से श्री मुरलीकांत पेटकर की जीवनी को परदे पर पेश किया है कार्तिक को इस परफॉर्मेंस के लिए ऑस्कर अवार्ड तो मिलना बनता है। राजपाल यादव और विजय राज ने फिल्म में कमाल का काम किया है।
फिल्म को अगर थोड़ा छोटा कर दिया जाता तो ज़ादा अच्छा होता है क्यूंकि बॉलीवुड फिल्म इंडस्ट्री ये क्यों नहीं समझ पा रही है के अब लोगो को 30 सेकंड में इंटरटेनमेंट चाहिए होता है रील्स में उसमे भी अगर पसंद नहीं आता तो दस सेकंड में ही चेंज कर देते है तब हमारी फिल्मो को बहुत लम्बी नहीं होना चाहिए।
फिल्म इंटरटेनमेंट से भरी हुई है बहुत कमिया फिल्म में नज़र नहीं आती है। फिल्म स्पोर्ट के टाइम पर आपको बहुत इंगेज करती है। बहुत टाइम के बाद आपको एक अच्छी ड्रामा फिल्म देखने को मिलती है। मैदान फिल्म भी अच्छी थी पर इतनी बड़ी होने की वजह से लोगो ने मैदान फिल्म को नकार दिया।
हमारी तरफ से इस फिल्म को 3.5* स्टार दिए जाते है।