ज़ादातर फिल्मो मे माँ बेटे या फिर बाप बेटी के रिश्ते को अलग अलग पहलु से दर्शाया जाता है, पर ‘चाल जीवी लाइए’ फ़िल्म मे एक बाप बेटे की अनोखी कहानी को दिखाया गया है, विपुल मेहता द्वारा निर्देशित यह फ़िल्म साल 2019 मे आयी एक गुजराती फ़िल्म है और अब हिंदी भाषा मे उपलब्ध कराई गई है,जिसमे आप बाप बेटे के रिश्ते की कहानी को देखंगे जिसे क्रिटिक्स से पॉजिटिव रिस्पांस मिला था।
कलाकार – इस फ़िल्म मे सिद्धार्थ रनदेरिया,यश सोनी, आरोही पटेल,जागेश मुकाती जैसे कलाकार शामिल है।
फ़िल्म की कहानी – बात करें फिल्म की कहानी की तो यह फ़िल्म एक बुज़ुर्ग बिपिन चंद्र पारीख (सिद्धार्थ रनडेरिया ) और उसके बेटे आदित्य पारीख (यश सोनी) की कहानी पर आधारित है, जहां बाप बेटे के रिश्ते को बहुत अलग तरीके से दर्शाया गया है, आदित्य एक वर्कोहलिक लड़का है जिसे सिर्फ अपने काम से प्यार है वह हर वक्त अपने काम में बिजी रहता है, वहीं दूसरी तरफ उसके पिता विपिन मौज मस्ती वाले हैं
उन्हें जिंदगी के हर पल को बहुत खूबसूरती से जीना है, कहानी नया मोड़ तब लेती है जब आदित्य के पिता विपिन को बीमारी हो जाती है और डॉक्टर बताते हैं कि उनके पास कम समय है ऐसे में वह दोनों शहर से दूर घूमने के लिए जाते हैं
ताकि बाप बेटे एक दूसरे के साथ अच्छा वक्त बिता सकें वहां जाने के बाद एक लड़की केतकी (आरोही पाटेल)की एंट्री होती है जो स्टोरी मे जान डालने का काम करती है अब वहां जाकर ऐसा क्या होता है की बिपिन और आदित्य के विचारो मे परिवर्तन देखने को मिलता है यह एक अनोखा परिवर्तन है जिसे देखकर आपको काफी मजा आएगा।
फ़िल्म के टेक्निकल पॉइंट –
इस फ़िल्म की सिनेमैटोग्राफी काफी लाजवाब है दृश्य को इस तरह से दिखाया गया है कि आप उन्हें देखकर मंत्रमुग्ध हो जाएंगे, वहीं बीजीएम भी कमाल का है।
फ़िल्म के पॉजिटिव पॉइंट
बात करें फ़िल्म के पॉजिटिव पॉइंट की तो यह फ़िल्म रिश्तों की गहराई और महत्वता को दर्शाती है, 2 घंटे 20 मिनट की इस फ़िल्म मे आप बंधे रहेंगे।
यह फ़िल्म आज की युवा पीढ़ी के लिए एक सबक है जिससे युवा पीढ़ी बहुत कुछ सीख सकती है, फ़िल्म के डायलॉग ज़बरदस्त है जो सीधे आपके दिल को छूकर आंखे नम कर देंगे।
फ़िल्म मे उत्तराखंड के नज़ारों को देख कर आपके मन को एक अलग ही शांति का अनुभव होगा।
फ़िल्म के नेगेटिव पॉइंट
फ़िल्म की कहानी काफी अच्छी होने के बावजूद फिल्म मे कुछ दृश्य मूर्खतापूर्ण दिखाए गए हैं जिनकी फ़िल्म मे ज़रूरत नहीं थी इसके अलावा फ़िल्म बीच मे थोड़ी स्लो होती नज़र आएगी।
ओवरआल रिव्यु
इस फिल्म के ओवरऑल रिव्यू की बात करें तो यह फिल्म काफी ज्यादा अच्छी है और आप इसे परिवार के साथ देख सकते हैं, फिल्म में जरा भी न्यूडिटी नहीं है,यह फ़िल्म आपको जीवन को पूरी तरह से जीने के लिए प्रेरित करती है और इस फिल्म को आईएमडीबी की तरफ से 8.8 की रेटिंग मिली है।
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