Banda singh chaudhary:बंदे में कितना है दम,अरशद वारसी की नई एक्शन फिल्म।

Banda singh chaudhary movie review in hindi

Banda singh chaudhary movie review in hindi:बॉलीवुड की तरफ से आज २५ अक्टूबर को सिनेमाघरों में एक नई फिल्म रिलीज की गई है जिसका नाम ‘बंदा सिंह’ चौधरी है। फ़िल्म का जॉनर एडवेंचर कैटेगरी में आता है।बात करें मूवी की लेंथ की तो यह एक घंटा 53 मिनट की है।

फिल्म का डायरेक्शन ‘अभिषेक सक्सेना’ ने किया है जिन्होंने इससे पहले साल 2017 में आई फिल्म ‘फूलु’ का डायरेक्शन किया था। बात करें बंदा सिंह फिल्म के स्टोरी की तो यह साल 1991 के दशक की है जिसमें इंडिया और पाकिस्तान के बीच हुए वार के बाद की स्टोरी को दिखाया गया है।

कहानी- फिल्म की स्टोरी 1991 में हुए युद्ध के बाद की स्थिति पर आधारित है जिसे पंजाब के एक गांव में दिखाया गया है जहां पर ‘बंदा सिंह चौधरी’ (अरशद वारसी) नाम का किरदार है जो किसान का बेटा है और पेशे से खेती बाड़ी करता है जिसे ‘लल्ली’ (मेहर विज) से प्यार है और उसके इर्द गिर्द चक्कर लगाता है।

बंदा सिंह प्यार में इतना डूब जाता है कि इन दोनो की शादी हो जाती है। जिन्हें ईश्वर के रूप में एक बच्ची भी प्राप्त होती है।इस परिवार की ज़िंदगी तब बदल जाती है जब १९९१ के युद्ध के बाद देश में ऐसी स्थिति बन जाती हैं जिससे हिन्दू पंजाब छोड़ो आंदोलन शुरू हो जाता है।

जिसके कारण कई फैमिलिया तबाह भी हो जाती हैं।इन्ही में एक परिवार बंदा सिंह का भी होता है जिसे उसके गांव के पिंड द्वारा यह आदेश दिया जाता है कि वह भी गांव छोड़ कर चला जाए क्योंकि वह भी हिन्दू है।जिसे मानने से इनकार करके बंदा सिंह अपने पिंड से बगावत की शुरुआत करता है।

फैमिली की रक्षा और दायित्व इस फिल्म में बखूबी दिखाया गया है जोकि हमे एक अहम सिख भी देता है। पूरी स्टोरी जानने के लिए आपको देखनी पड़ेगी यह फ़िल्म जोकि आपके नज़दीकी सिनेमाघरों में उपलब्ध है।

टेक्निकल एस्पेक्ट- फ़िल्म की सिनेमेटोग्राफी अच्छी है जिसमे इसके सभी एक्शन सीक्वेंस को बेहतर तरीके से फिल्माया गया है। बात करें मूवी के बैकग्राउंड म्यूज़िक की तो यह भी बढ़िया है जिसमे खूब सारे गाने नज़र आते हैं। जिसमे से कुछ कारगर हैं तो कुछ बोर भी करते हैं।

खामियां- फिल्म की सबसे बड़ी कमी इसका कैरेक्टर डेवलपमेंट है जिस पर मेकर्स ने बिल्कुल भी ध्यान नहीं दिया है, जिसके कारण मूवी में किसी भी किरदार से अटैचमेंट फील नहीं होता। फिल्म की दूसरी सबसे बड़ी कमी इसका स्टोरी डेवलपमेंट है जिसमें फिल्म की पटकथा काफी कमज़ोर है।

फाइनल वर्डिक्ट- अगर आप अरशद वारसी के डाई हार्ट फैन हैं तो आप इस फ़िल्म को बिल्कुल भी मिस न करें जिसमें आप अरशद को एक अलग तरह के रोल में देख सकेंगे।क्योंकि अमूमन वे कॉमेडी रोल्स में ज्यादा नज़र आते हैं। फ़िल्म में लव स्टोरी का एंगल भी डाला गया है जोकि बिल्कुल भी कारगर साबित नहीं होता जिसे दिखाने की कोई जरूरत नहीं थी।

हमारी तरफ से इस फ़िल्म को दिए जाते हैं 5/2 ⭐.

2/5 - (1 vote)

Author

  • movie reviewer

    हेलो दोस्तों मेरा नाम अरसलान खान है मैने अपनी ब्लॉगिंग की शुरवात न्यूज़ वेबसाइट अमर उजाला लखनऊ से की थी अभी के टाइम पर मै कई मीडिया संस्थानों के साथ जुड़ा हुआ हूँ और अपनी सेवाएं उन्हें प्रदान कर रहा हूँ उनमे से एक फिल्मीड्रीप है मै हिंदी इंग्लिश तमिल तेलगु मलयालम फिल्मो का रिव्यु लिखता हूँ । आशा करता हूँ के मेरे द्वारा दिए गए रिव्यु से आप सभी लोग संतुष्ट होते होंगे धन्यवाद।

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