Baaghi 4:साइकोलॉजिकल थ्रिलर या दर्शकों के लिए भ्रमजाल?

Baaghi 4 Review hindi

भजरंगी, वज्रकाया, बिरुगाली जैसी कन्नड़ फिल्म बनाने वाले निर्देशक ए. हर्ष की बागी ४ (Baaghi 4) फिल्म सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है। बागी ४ के स्टार कास्ट में टाइगर श्रॉफ, संजय दत्त के साथ पंजाबी एक्ट्रेस हरनाज संधू और सोनम बाजवा शामिल हैं। हरनाज संधू 2021 में मिस वर्ल्ड बनी थीं। टाइगर श्रॉफ को बड़े मियां छोटे मियां की असफलता के बाद बागी ४ से काफी उम्मीदें हैं। आइए जानते हैं, 2 घंटे 37 मिनट की यह फिल्म कैसी है, क्या यह फिल्म दर्शकों का समय डिजर्व करती है या नहीं। आइए जानते हैं अपने इस रिव्यू के माध्यम से।

कहानी

टाइगर श्रॉफ फिल्म में रॉनी के किरदार में हैं, जो एक डिफेंस ऑफिसर है। एक हादसे के बाद रॉनी सात महीनों तक कोमा में रहता है। कोमा से बाहर आने के बाद उसे मेमोरी डिल्यूजन हो जाता है, ये एक तरह की भ्रम पैदा करने वाली बीमारी है, जिसमें इंसान को वो बातें याद आती हैं जो कभी हुई ही नहीं। टाइगर श्रॉफ की गर्लफ्रेंड हरनाज संधू है, जो लापता है।

टाइगर घबराया हुआ है और उसका पता लगा रहा है। कहानी का सबसे बड़ा ट्विस्ट ये है कि रॉनी को उसकी गर्लफ्रेंड दिखाई दे रही है, पर वो दुनिया के लिए गायब है। अब क्या टाइगर श्रॉफ को दिखने वाली उसकी गर्लफ्रेंड हकीकत में है या फिर ये सिर्फ उसका भ्रम है? कैसे इन सब चीजों की कड़ी संजय दत्त के साथ जुड़ी हुई है?

Baaghi 4 Review Hindi
Pic Credit Baaghi 4

यही सब आगे बागी ४ (Baaghi 4) में देखने को मिलता है। शायद दर्शक इस बात से अनजान हैं कि भारतीय सेंसर बोर्ड ने फिल्म को एडल्ट की श्रेणी में रखने के बाद भी 23 कट लगाए हैं, जो हमें इसके ट्रेलर में दिखाए गए हैं। जिस ट्रेलर को देखने के बाद एक दर्शक सिनेमाघर में महंगी टिकट लेकर पहुंच रहा है, वहीं फिल्म के अंदर बहुत कुछ काट दिया गया है, फिर चाहे वो एक्शन हो या डायलॉग।

जिन्होंने भी बागी ४ का ट्रेलर देखा होगा, उन्हें अब यह फिल्म देखते समय ऐसा लगेगा कि कहानी में कुछ तो मिस है। श्रेयस तलपड़े रॉनी के बड़े भाई जीतू का किरदार निभा रहे हैं। इन सबके बीच इंट्री होती है सोनम बाजवा की, और वह टाइगर की जिंदगी की उन सभी पुरानी यादों को मिटाने लगती है।

बागी ४ (Baaghi 4) फिल्म के अच्छे और बुरे पहलू

मेरी अपनी राय में इसे साइकोलॉजिकल थ्रिलर फिल्म कहना चाहिए था। बागी ४ में भ्रम सिर्फ रॉनी को ही नहीं, बल्कि सिनेमाघरों में मौजूद दर्शकों को भी होता है। इसे देखते समय बहुत ज्यादा दिमाग लगाने की जरूरत बिल्कुल भी नहीं है। जो हो रहा है, जैसे हो रहा है, बस वैसे ही होने दो। बात करें संजय दत्त की, तो उनका रोल बहुत प्रभावित करने वाला नहीं है।

उम्र के हिसाब से संजय दत्त का एनर्जी लेवल काफी कम होता जा रहा है। संजय की जगह अगर किसी यंग एक्टर को लिया जाता, तो शायद यह फिल्म के लिए और बेहतर हो सकता था। टाइगर श्रॉफ जब तक बोलता नहीं है, तब तक अच्छा लगता है, पर जब ये बोलना शुरू करता है, अब ऐसा लगता है कि यह बेमतलब ही अपनी आवाज को भारी करके बोल रहा है। लेकिन टाइगर ने अपनी एक्टिंग में पिछली फिल्मों की तुलना में सुधार किया है।

Baaghi 4
Baaghi 4

टेक्निकल पहलू

हमारी टीम ने जब बागी ४ (Baaghi 4) के ट्रेलर का रिव्यू किया था, तब ही एक बात क्लियर कर दी थी कि VFX थोड़ा कमजोर है, जो बड़े पर्दे पर और भी कमजोर लग रहा था। शेर वाला सीन अगर न भी डाला जाता, तब भी कोई फर्क नहीं पड़ता। इसके दूसरे हिस्से को और मजबूत बनाया जा सकता था। कहानी में मौजूद सभी डायलॉग अच्छे हैं।

स्वामी जे. गौड़ा की सिनेमैटोग्राफी की जितनी भी तारीफ की जाए, वो कम है। किरण गौड़ा, नितिन पाठक ने पहले हिस्से की तरह ही दूसरे हिस्से की एडिटिंग की होती, तो और बेहतर रहता। नाडियाडवाला ग्रैंडसन एंटरटेनमेंट, बाउंसर प्रोडक्शन ठीक है। सोनम बाजवा का आइटम सॉन्ग बढ़िया है। म्यूजिक न तो बहुत अच्छा और न ही बुरा है, इसे एवरेज कैटेगरी में रख सकते हैं।

क्या रीमेक है बागी ४ तमिल फिल्म ऐंधु ऐंधु ऐंधु (Ainthu Ainthu Ainthu)?

कुछ क्रिटिक्स का कहना है कि बागी ४, 2013 में आई निर्देशक सासी की तमिल फिल्म ऐंधु ऐंधु ऐंधु (Ainthu Ainthu Ainthu) का रीमेक है। पर मेकर्स की ओर से इस पर आधिकारिक बयान नहीं आया है। लेकिन इस बात को भी नजरअंदाज नहीं कर सकते कि बागी ४ की कहानी हुबहु ऐंधु ऐंधु ऐंधु से मिलती है। जिस तरह से यहां टाइगर श्रॉफ को सात महीने के बाद कोमा से उठते दिखाया गया है, उसका एक बड़ा भाई है और टाइगर एक मानसिक बीमारी से जूझ रहा है, ठीक वैसी ही कहानी ऐंधु ऐंधु ऐंधु की भी है।

टाइगर के सभी एक्शन सीन शानदार हैं, जिन्हें फिल्म का BGM और भी मजेदार बना देता है। टाइगर ने एक्शन सीक्वेंस में बहुत मेहनत की होगी, जो बड़े पर्दे पर देखकर पता लगता है। पर बागी ४ में भी मेकर्स टाइगर को 100% इस्तेमाल न कर सके।

प्रदर्शन

उपेंद्र लिमये ने कर्नल विक्रम राठौड़ का किरदार निभाया है। यकीन मानिए, इनके आने से मानो फिल्म में जान आ जाती है। श्रेयस तलपड़े, सौरभ सचदेवा का इस्तेमाल अगर थोड़ा और अच्छे से किया जाता, तो शायद ये फिल्म के लिए बेहतर रहता। संजय दत्त का किरदार जिस तरह से ट्रेलर को देखने के बाद लग रहा था, फिल्म में वैसा नहीं है। कहीं-कहीं पर तो संजय दत्त बैड ऐज रवि कुमार वाले हिमेश रेशमिया जैसे लगने लगते हैं।

क्लाइमेक्स

क्लाइमेक्स में टाइगर श्रॉफ और संजय दत्त को आमने-सामने दिखाया जा सकता था, जैसे कि एनिमल फिल्म के अंत के सीन में जब रणबीर और बॉबी की आपस में फाइट होती है। पर बागी ४ में सेंसर बोर्ड ने अंत में इतनी कैंची चलाई है कि क्लाइमेक्स में वो मजा नहीं मिल सका, जिसकी उम्मीद की जा रही थी। तमिल फिल्म ऐंधु ऐंधु ऐंधु में भरत श्रीनिवासन (अरविंद) का इमोशनल एंगल भी दिखाया गया था, जिस कारण दर्शक उस किरदार से इमोशनली कनेक्ट हो गए थे। पर बागी ४ (Baaghi 4) में ऐसा कुछ नहीं दिखाया गया।

निष्कर्ष

2012 का वर्ष एक ऐसा समय था, जब किसी भी तरह की फिल्म बना सकते थे और वह फिल्म दर्शकों को पसंद भी आती थी। पर अब 2025 में सोशल मीडिया पर अच्छे कंटेंट और जेन जी वालों को जब तक फिल्म में कुछ खास हटकर देखने को नहीं मिलता, तब तक वह सिनेमाघरों में फिल्म देखने नहीं जाते। मेकर्स अगर थोड़ी और मेहनत करते कहानी पर, तब बागी ४ सिनेमाघरों में आसानी से भीड़ जुटा सकती थी। पर दुर्भाग्यवश ऐसा नहीं हो पा रहा है। मेरी नजर में दिमाग को घर पर रखकर यह फिल्म एक बार देखी जा सकती है। मेरी तरफ से बागी ४ (Baaghi 4) को दिए जाते हैं पांच में से तीन स्टार की रेटिंग।

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Author

  • Amir Khan

    हाय! मैं आमिर खान, FilmyDrip के लिए लेखक और सिनेमा का दीवाना हूँ। बॉलीवुड की चमक, फिल्मों की कहानियाँ और सितारों का जलवा मुझे बहुत पसंद है। मैं अपने लेखों में लेटेस्ट फिल्म रिव्यू, मनोरंजन की खबरें और मजेदार विश्लेषण लाता हूँ। चाहे ब्लॉकबस्टर मूवी हो या नए सितारों की कहानी, मैं हर लेख को रोचक और सच्चा बनाने की कोशिश करता हूँ। FilmyDrip के साथ, मेरा मकसद है सिनेमा प्रेमियों को मनोरंजन की दुनिया से जोड़े रखना। मेरे लेख पढ़ें और बॉलीवुड के मज़ेदार सफर का हिस्सा बनें!

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