Apocalypse Z:ज़ोंबी आतंक जिसकी चपेट में जल्दी पूरी दुनिया आ सकती है।

Apocalypse Z The Beginning of the End review in hindi

Apocalypse Z The Beginning of the End review in hindi:नेटफ्लिक्स के ओटीटी प्लेटफार्म पर आज एक नई स्पेनिश फिल्म हिंदी में रिलीज़ की गई है जिसका नाम ‘अपोकेलिप्स जेड द बिगिनिंग ऑफ दा एंड’ है। फिल्म का जॉनर साइंस फिक्शन कैटेगरी में आता है।

बात करें इस फिल्म की लेंथ की तो यह तकरीबन एक घंटा 52 मिनट की है। “फिल्म की कहानी एक ऐसी टाइम लाइन में सेट है जहां पर दुनिया में एक महामारी फैल गई है जिससे सभी लोग जोंबी में तब्दील हो रहे हैं”। बात करें फिल्म के डायरेक्शन की तो इसे ‘कार्ल्स टोरेंस’ ने निर्देशित किया है।

कास्ट- फ्रांसिस्को ऑर्टिज़, अमालिया गोम्स,जोस मारिया याज़पिक,बर्टा वाज़क्वेज़।

कहानी- फिल्म की स्टोरी ‘मानेल’ और उसकी फैमिली पर आधारित है जिसमें उसकी वाइफ ‘गैब्रिएला’ और बहन ‘लूसिया’ शामिल है। मानेल की पत्नी कुछ साल पहले एक कार दुर्घटना में अपनी जान गवा चुकी है। तभी से वह ज्यादा तर अपना वक्त अकेले ही बिताना पसंद करता है।

इसी तरह तकरीबन 1 साल गुजरने के बाद लूसिया उसे फोन पर बताती है कि इस शहर में भयानक बीमारी तेजी से बढ़ती जा रही है जिस पर सरकार रोक लगाने में पूरी तरह से विफल हो रही है जिस कारण से यह बीमारी धीरे-धीरे पूरे शहर में फैलती जा रही है और लोग जोंबी का रूप ले रहे हैं

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और एक दूसरे को ही खा रहे हैं। मानेल की बहन लूसिया उसे बताती है कि उत्तर की ओर शेल्टर बनाए गए हैं जिसमें सभी लोग सुरक्षित रह सकते हैं और वह भी इस ओर जा रही है। आगे की कहानी में सभी लोगों के सेफ ज़ोन के ओर जाने के सफर को दर्शाया गया है। इसके रास्ते में बहुत से जोंबी आते हैं।

क्या फिल्म का मेन किरदार मानेल सुरक्षित सेफ ज़ोन एरिया में अंत तक पहुंच जाएगा या नहीं इसी पर फिल्म की कहानी गढ़ी गई है जिसे जानने के लिए आपको देखनी पड़ेगी या फिल्म जो की नेटफ्लिक्स के ओटीटी प्लेटफॉर्म पर हिंदी में रिलीज कर दी गई है।

खामियां- फिल्म की पहली बड़ी कमी इसकी लेंथ है जिसे बढ़ाने के लिए कहानी को काफी खींचा गया है।
बात करें इसकी दूसरी कमी की तो या ओल्ड कॉन्सेप्ट पर बनाई गई एक नई फिल्म साबित होती है, जिस पर इससे पहले भी दर्जनों फिल्में बनाई जा चुकी हैं, यह फिल्म उन सभी से बिल्कुल भी मिलान नहीं कर पाती।

फिल्म की तीसरी बड़ी कमी स्टोरी में ब्रूटल सीन्स का कम मात्रा में होना है, जिससे इसे देखते वक्त वह भाव उत्पन्न नहीं हो पाता जो एक जोंबी कॉन्सेप्ट पर बनी मूवी को देखकर महसूस होना चाहिए।

अच्छाइयां- अगर बात करें इस फिल्म की अच्छाइयों की तो इसमें सबसे अच्छी चीज कहानी में दिखाए गए इमोशंस हैं जिनसे आप पूरी तरह कनेक्ट कर पाते हैं। फिल्म की दूसरी अच्छाई इसमें कम ब्रूटल सीन्स का होना है हालांकि कुछ दर्शकों के लिए यह एक कमी भी साबित होती है।

बात करें इसके बैकग्राउंड म्यूजिक की तो यह कुछ खास नहीं था। वहीं इसके कैमरा एंगल्स स्क्रीन पर थोड़ा जादू दिखाते हैं जिनमें कुछ जूम इन जूम आउट शॉट को फिल्माया गया है। जो कि इसकी कहानी में कुछ नया प्रदान करने की कोशिश करते हैं।

फाइनल वर्डिक्ट- अगर आपने इससे पहले कुछ जोंबी मूवीज देखी हैं फिर चाहे वह ‘वर्ल्ड वर ज़ी’ हो या फिर ‘रेसिडेंट इविल’ तो मैं आपको पहले ही बता दूं यह फ़िल्म आपकी आशाओं पर खरी नहीं उतरेगी।

क्योंकि यह एक काफी सॉफ्ट कॉन्सेप्ट पर बनी जोंबी फिल्म है। जिसमें उसे लेवल का ब्रूटल एक्शन थ्रिलर दिखाई नहीं देता। हालांकि फिर भी इस फिल्म को आप एक बार कंसीडर जरूर कर सकते हैं।

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  • movie reviewer

    हेलो दोस्तों मेरा नाम अरसलान खान है मैने अपनी ब्लॉगिंग की शुरवात न्यूज़ वेबसाइट अमर उजाला लखनऊ से की थी अभी के टाइम पर मै कई मीडिया संस्थानों के साथ जुड़ा हुआ हूँ और अपनी सेवाएं उन्हें प्रदान कर रहा हूँ उनमे से एक फिल्मीड्रीप है मै हिंदी इंग्लिश तमिल तेलगु मलयालम फिल्मो का रिव्यु लिखता हूँ । आशा करता हूँ के मेरे द्वारा दिए गए रिव्यु से आप सभी लोग संतुष्ट होते होंगे धन्यवाद।

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