डायरेक्टर जॉन क्रॉली की “वी लिव इन टाइम” एक रोमांटिक ड्रामा फिल्म है। जिसकी कहानी को द लास्ट लेटर फ्रॉम योर लवर के राइटर निक पायने ने लिखी है। फिल्म में हमें स्टार के रूप में एंड्र्यू गारफील्ड, फ्लोरेंस पुघ दिखाई देते हैं। “वी लिव इन टाइम” का 6 सितंबर 2024 को टोरंटो अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में प्रीमियर किया गया। “वी लिव इन टाइम” को 1 जनवरी 2025 को रिलीज़ किया जाना है।
फिल्म की कहानी पुराने ढंग से लिखी गई है। फिल्म देखते समय आपको ऐसा लग सकता है कि आप कोई पुरानी रोमांटिक फिल्म देख रहे हैं। इस तरह की अच्छी रोमांटिक फिल्में अब बनना कम हो चुकी हैं। लोग बदल रहे हैं, सोच बदल रही है, उसी के साथ-साथ लोगों के रोमांस करने का तरीका भी बदलता जा रहा है। फिल्म दर्शकों को खुद से इमोशनली कनेक्ट करने में पूरी तरह से सफल रही है।
एंड्र्यू गारफील्ड और फ्लोरेंस पुघ की शानदार अदाकारी ने “वी लिव इन टाइम” फिल्म को एक नई ऊंचाई पर पहुंचा दिया है। उनकी खूबसूरत अदाकारी के बिना शायद यह फिल्म इतनी प्रभावशाली न बन पाती।
आप यह जानकर भी कि यह सिर्फ एक काल्पनिक कहानी है, इससे जुड़ाव महसूस करने लग जाते हैं, और फिल्म की कहानी में पूरी तरह से खो जाते हैं। आईएमडीबी ने इस फिल्म को 7.7 की रेटिंग दी है।
फिल्म की कहानी कुछ इस तरह से है कि अल्मुट (फ्लोरेंस पुघ) को कैंसर हो जाता है। डॉक्टर अल्मुट को बताते हैं कि आप या तो 6 महीने अपनी खुशी से जिएं या फिर एक साल तक कीमोथेरेपी लेना पड़ेगा, पर उसके बहुत से दुष्प्रभाव होते हैं। कीमोथेरेपी लेने के बाद भी आप बच पाएं, ऐसा कहना थोड़ा मुश्किल होगा। फिल्म की कहानी टोबियास, अल्मुट के बीच चार अलग-अलग टाइम ज़ोन में चलती हुई दिखाई गई है।
जब आपको पता होता है कि आपकी ज़िंदगी का अब अंत होने वाला है, तब आप अपनी ज़िंदगी को कुछ और तरह से जीने की कोशिश में लग जाते हैं। आप चाहते हैं सुबह का उगता हुआ सूरज देखूं, ढलती शाम देख सकूं, वो सब चीज़ें जो अभी हमारी ज़िंदगी में महत्वपूर्ण नहीं लगतीं, पर उस वक्त वो छोटी से छोटी चीज़ें आपको बहुत ज़रूरी लगने लगती हैं क्योंकि आपको पता होता है कि शायद मैं इन सब चीज़ों को दोबारा से न देख पाऊं। आप चाहेंगे कि आप हर एक पल अपने बच्चे के साथ बिताएं। ज़िंदगी जीने का नज़रिया बदल जाता है।
अल्मुट की गाड़ी से टोबियास को टक्कर लग जाती है, तब ये दोनों पहली बार मिलते हैं और यहीं से इन दोनों के बीच बेपनाह मोहब्बत हो जाती है। अल्मुट, टोबियास से बहुत सी बातों को छिपाती है ताकि टोबियास परेशान न हो। अल्मुट और टोबियास के प्रेम को देखकर आपको ऐसा महसूस होगा कि आपकी ज़िंदगी में भी कोई ऐसा प्यार करने वाला हो जो आपसे बेपनाह मोहब्बत करे।
अगर आप एक सीधी कहानी देखना पसंद करते हैं, जिसमें ज़्यादा दिमाग न लगाना पड़े, कहानी एक क्रम से आगे बढ़ती रहे, तो यह फिल्म आपको कुछ हद तक निराश कर सकती है। कहानी अलग-अलग टाइम ज़ोन में चलने की वजह से थोड़ा गड़बड़ सी जाती है। पर यह एक तरह से कहानी को दिलचस्प भी बनाता है।
अगर आप अपनी ज़िंदगी के अच्छे बुरे पलों को याद करें, तो कभी आपको अच्छा महसूस होगा और जब बुरे दौर को याद करेंगे, तो वो बुरी फीलिंग देगा। ऐसा ही कुछ इस फिल्म को देखकर लगता है। कैंसर से जूझते हुए अल्मुट का अपनी ज़िंदगी के अच्छे पलों को याद करके खुश होना। इस तरह की फिल्में बनाना किसी चुनौती से कम नहीं होता, क्योंकि उन्हें यह दिखाना होता है कि हमारे रिश्तों पर अच्छे बुरे दिनों का क्या फर्क देखने को मिलता है।
दोनों ही एक्टर ने फिल्म में शानदार प्रदर्शन किया है। दोनों में अच्छी केमिस्ट्री दिखाई देती है। फिल्म के निर्देशक क्रॉली ने इन दोनों के रिश्ते को बहुत ही खूबसूरती से सिनेमा पर उतारा है। दोनों कलाकारों ने अपने चेहरे के हाव-भाव के माध्यम से चिंता, गुस्सा और उदासी को बहुत प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत किया है।
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