नेटफ्लिक्स की ओरिजनल सीरीज “ऐज़ यू स्टूड बाय” को सात नवंबर 2025 से रिलीज कर दिया गया है। सीरीज में टोटल आठ एपिसोड है सभी एपिसोड की लेंथ लगभग एक घंटे के करीब है। ये कहानी महिलाओं पर हो रहे है अत्याचार पर बनी है, पर कब ये सोशल मुद्दा रिवेंज और क्राइम की तरफ मुड़ जाता है पता ही नहीं लगता। शुरुआती एपिसोड में तो लगता है के जैसे की ये एक आम शो है पर जैसे-जैसे कहानी आगे बढ़ती है मकड़ी के जाले के जैसी उलझती ही चली जाती है शो के सभी कैरेक्टर भावात्मक रूप से जुड़ाव महसूस करवाते है आइए जानते है और बहुत कुछ सीरीज के बारे में।
महिलाओं की चुप्पी और उन पर हो रहे अत्याचार
जो उन-सू नाम की लड़की एक वीआईपी डिपार्टमेंट स्टोर में मैनेजर की पोस्ट पर काम करती है एक दिन एक अजीब सा आदमी इसके स्टोर पर आता है और सबसे महंगी हीरे की घड़ी पसंद करता है, पर घडी लिए बिना वो वहाँ से निकल जाता है। कुछ समय बाद पता लगता है के वो हीरे की घड़ी वीआईपी डिपार्टमेंट स्टोर से गायब हो गई है उन-सू को शक होता है के कहीं न कहीं उसी इंसान ने वह घड़ी चुराई है। उन-सू उसके ऑफिस में जाती है जहाँ वह घड़ी चुराने से इंकार नहीं करता वह कहता है के हां मैंने ही वो घड़ी चुराई है अगर मेरे एक क्लाइंट को वो पसंद आती है तब उस घड़ी के पैसे मैं तुम्हें दे दूंगा और अगर उसे पसंद नहीं आती है तो मैं उस घड़ी को तुम्हें वापस कर दूंगा।
खैर वो घड़ी कुछ समय के बाद उन-सू को वापस मिल जाती है। उन-सू के पापा इसके बचपन से ही इसकी माँ से मार पीट किया करते थे जो अब एक उन-सू के लिए बड़े होकर ट्रॉमा बन चुका है। एक दिन उन-सू के स्टोर में इनका सबसे वीआईपी कस्टमर पत्नी के साथ आता है तभी उन-सू को पता लगता है के वह अपनी पत्नी पर हद से ज्यादा अत्याचार करता है पर इस बात को उन-सू किसी को नहीं बताती।
पर एक दिन जब उन-सू को पता लगता है के उस वीआईपी कस्टमर की पत्नी ने उसकी गाड़ी के सामने आकर जान देदी तब इसे अहसास होता है के उसे चुप नहीं रहना था दुनिया भर में महिलाओं के साथ शारीरिक, यौन या मनोवैज्ञानिक हिंसा का शिकार होना पड़ता है पर ज्यादातर महिलाएँ इस बात को छुपा कर रखती है वो किसी से कुछ भी नहीं बताती।
हिंसा के जाल से निकलने की कोशिश
जो ह्वी-सू जो उन सू की दोस्त है जो ह्वी-सू भी पति के द्वारा घरेलू हिंसा की शिकार है। अपने पति के अत्याचारों से तंग आकर वह एक दिन घर से भागने का प्लान बनाती है पर इस बात की खबर उसके पति को लग जाती है और वह जो ह्वी-सू की माँ को मारता पीटता है साथ ही वीडियो बना कर जो ह्वी-सू के मोबाइल पर भेज देता है। जो ह्वी-सू ये सब देख कर घबरा जाती है और दोबारा से घर वापस आ जाती है। इस तरह के उत्पीड़न में महिला शुरुवात में समझ ही नहीं पाती के ये जो इसके साथ हो रहा है वो नॉर्मली है या फिर आगे चल कर भयावह रूप लेने वाला है। महिला को लगता है के उसका पति उससे प्यार करता है यही वजह है के उसे कुछ बातें बुरी लग जाती है और वह चुप रहकर सहती जाती है बाद में उसे पता लगता है के वो प्यार नहीं था बल्कि वह हिंसा का शिकार हो गई है। मार खाने के बाद एक महिला दिमागी रूप से बिखर सी जाती है। उसका आत्म विश्वास मिट्टी के कच्चे घड़े की तरह टूट कर बिखर जाता है। इस तरह के केस में महिला को अपने घर वालों दोस्तों रिश्तेदारों से मदद लेनी चाहिए।
एक दिन हिम्मत कर के जो ह्वी-सू अपने पति की कंप्लेन लिखवाने पुलिस के पास भी जाती है पर वहाँ पर जो ह्वी-सू की नंद जो की एक पुलिस ऑफिसर है मिलती है और जो ह्वी-सू को समझाती है के तुम्हें रिपोर्ट नहीं लिखवानी चाहिए क्यों कि घरेलू हिंसा में 90 प्रतिशत लोगों का कुछ नहीं होता। जो ह्वी-सू अपनी दोस्त को सारी बात डिटेल से बताती है के उसके साथ उसका पति क्या करता है इन सब चीज़ों से निकलने के लिए उसने बहुत कुछ किया पर कोई फायदा नहीं हुआ ये एक दलदल है जिसमें जो ह्वी-सू पूरी तरह से फँस चुकी है ।
जो उन-सू अपनी दोस्त के जो ह्वी-सू को मैसेज करती है और बताती है के जो भी हुआ पर अब वो के जो ह्वी-सू पर और अत्याचार होने नहीं देगी जो ह्वी-सू मानसिक स्तर पर इस कदर कमज़ोर हो जाती है के वो आत्महत्या करने का मन बना लेती है पर मौके पर इसकी दोस्त आकर जो ह्वी-सू की जान बचाती है और कहती है के अगर मरना ही है तो तुम्हारा पति मरेगा तुम नहीं। अब ये दोनों किस तरह मिलकर जो ह्वी-सू के पति की जान लेती है,जान ले भी पाती है या नहीं अगर उसे मार देती है तो पुलिस से किस तरह बचती है यही कहानी आगे के एपिसोड में देखने को मिलते है जो ट्विस्ट टर्न और रोमांच से भरे हुए है चौथे एपिसोड के बाद कहानी में ऐसे ऐसे मोड़ आते है जिनसे दर्शक पूरी तरह जुड़ जाते है।
कमाल की कास्टिंग स्टोरी में जादू
पूरे शो में ऐसा कुछ भी नहीं जिसकी वजह से यह परिवार के साथ बैठ कर देखि ना जा सके शुरुआत से लेकर अंत तक सभी एपिसोड में इमोशनल डेप्थ देखने को मिलती है। यहां हर वो खूबी है जिससे की दर्शक में सीरीज के प्रति जुड़ाव महसूस हो। शायद यह उन दर्शकों के लिए नहीं बनी है जो तेज़ी से चलने वाले शो पसंद करते है क्योंकि यहां काफी स्लो मोड में कहानी चलती दिखाई देती है। शो की कहानी एक नंबर है साथ ही सभी एक्टरों की कास्टिंग बहुत अच्छे से की गई है। भारत में भी महिला उत्पीड़न का आंकड़ा अधिक है पर इस मुद्दे पर कोई बात नहीं करना चाहता महिला उत्पीड़न पर बॉलीवुड में भी लज्जा,शक्ति द पावर,थप्पड़ जैसी फिल्में बनाई जा चुकी है। नेटफ्लिक्स अपने ओरिजनल शो की हिंदी डबिंग अच्छी ही करवाता है वैसी ही कुछ डबिंग यहाँ भी की गई है। शो के अगर दो से तीन एपिसोड कम भी कर दिए जाते तब भी कहानी पर कोई असर पड़ने वाला नहीं था। आठ एपिसोड में बनाई गई यह सीरीज काफी लंबी लगने लगती है। पर सभी एपिसोड को देखने के बाद ऐसा महसूस नहीं होता के टाइम वेस्ट हुआ हो शो लंबा होने के बाद भी अच्छा एक्सपीरियंस देकर जाता है।
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