आज नेटफ्लिक्स पर रिलीज़ हुई ये फिल्म “द टाइम दैट रिमेन्स” (The Time That Remains) ये हिंदी, इंग्लिश समेत आठ भाषाओं में आई है और इसकी लंबाई है 1 घंटा 57 मिनट। मैंने अभी-अभी देखी और सोचा आपको बता दूं, ये फिल्म एक बुजुर्ग औरत की ज़िंदगी की फ्लैशबैक वाली टेल है, जिसमें प्यार, बदला और सुपरनैचुरल एलिमेंट्स घुले हुए हैं। डायरेक्टर ने फिलीपींस की हिस्ट्री को वैम्पायर मिथ्स के साथ बखूबी मिलाया है। स्कोर है 7.5/10 मेरी तरफ से अच्छी है, लेकिन थोड़ी स्लो जगह-जगह।
प्लॉट: पुरानी यादों और वर्तमान की उलझी डोर
फिल्म की कहानी शुरू होती है लिलिया नाम की बुजुर्ग औरत से जोकि अस्पताल में है। उसके घर में चोर घुसे थे और वो सब मारे गए लेकिन कैसे? यहीं से ट्विस्ट शुरू होता है। फिर कहानी फ्लैशबैक में जाती है 1941 के फिलीपींस में, जहां WWII का हमला होता है, जापानी आर्मी आती है और लिलिया की फैमिली भागती है। बीच में आता है मटियास, जो कोई मामूली कैरेक्टर नहीं वो एक वैम्पायर है, जो बिल्ली बन सकता है! हां सुनने में अजीब लगता है, लेकिन फिल्म में ये सब इतने अच्छे से बुना है कि आप मान लेंगे।
प्रेजेंट में पुलिस वाले अंगुआ और कैरियन लिलिया से पूछताछ करते हैं और नर्स इसाबेल बीच में आ जाती है। लिलिया इसाबेल को अपनी पास्ट की कहानी सुनाती है गांव में उसे डायन कहते थे, फैमिली ट्रेजेडी, मां की सुसाइड और मटियास का उसकी लाइफ में आना। प्लॉट में टाइमलाइन ऐसे स्विच होती है कि आप कन्फ्यूज नहीं होते बल्कि एंगेज रहता है। एक साइड स्टोरी है अंगुआ की, जो रिटायरमेंट के कगार पर है और कोई केस सॉल्व नहीं किया, ये उसे रिलेटेबल बनाती है। कुल मिलाकर प्लॉट सॉलिड है लेकिन मिडिल में थोड़ी लंबी लगती है जैसे फ्लैशबैक ज्यादा डिटेल्ड हैं। फिर भी एंडिंग की तरफ जाती है तो स्पीड पकड़ती है।
एक्टिंग और कैरेक्टर्स: इमोशंस की गहराई
एक्टिंग कमाल की है, लिलिया का रोल करने वाली एक्ट्रेस ने बुजुर्ग और यंग दोनों वर्जन में जान डाल दी है। उसकी आंखों में वो दर्द और स्ट्रेंथ दिखती है, खासकर जब वो अपनी स्टोरी सुनाती है। मटियास का कैरेक्टर वैम्पायर लेकिन इमोशनल है, वो सूरज से डरता है इस लिए रात में मिलता है एक्टर ने इसे डरावना और रोमांटिक दोनों बनाया है। अब आप सोचेंगे की वैम्पायर भी प्यार कर सकता है क्या? हां यहां करता है।

नर्स इसाबेल भी अच्छी है हलाकि उसकी अपनी लव स्टोरी है बॉयफ्रेंड के साथ, जो ब्रेकअप के बाद भी उससे प्यार करता है। पुलिस वाला अंगुआ वो “फाइल मैन” वाला टैग, उसके फ्रस्टेशन को देखकर हंसी आती है, लेकिन उसका पास्ट कनेक्शन मटियास से? वो ट्विस्ट गजब का है, सपोर्टिंग कैस्ट भी ठीक है, जैसे लिलिया के पति का छोटा रोल, जो शराबी और अब्यूसिव है वो सीन इंटेंस हैं। कुल मिलाकर कैरेक्टर्स रियल लगते हैं, वैम्पायर वाले पार्ट्स में भी।
थीम्स और मैसेज: टाइम, लॉस और रिडेम्प्शन
फिल्म में थीम्स गहरी हैं,टाइटल ही “The Time That Remains” है मतलब जो टाइम बचा है उसमें क्या करोगे? लिलिया की लाइफ दिखाती है कि कैसे पास्ट के घाव प्रेजेंट को प्रभावित करते हैं। वैम्पायर मटियास अमर है, लेकिन अकेला ये इमोर्टैलिटी की कर्स दिखाती है। प्यार की थीम स्ट्रॉन्ग है, इंसान और वैम्पायर की दोस्ती/रिलेशनशिप में। साथ ही सोसाइटी का डर क्योंकि गांव वाले लिलिया को डायन कहते हैं, उसकी मां सुसाइड करती हैयह आउटकास्ट होने का दर्द बयां करती है।
फिर हिस्टोरिकल एंगल: WWII, फिलीपींस का बैकड्रॉप, जापानी इनवेजन ये फैक्ट्स को फिक्शन के साथ मिक्स करता है। मैसेज है रिडेम्प्शन का जहाँ मटियास ने गलतियां कीं लेकिन लिलिया के लिए वो चेंज होता है। नर्स की स्टोरी में फैमिली प्रेशर और इंडिपेंडेंस की बात है। ओवरऑल थीम्स सोचने पर मजबूर करती हैं लेकिन ज्यादा डार्क नहीं, बल्कि ये होपफुल एंडिंग वाली है।
क्लाइमेक्स और एंडिंग: इमोशनल पंच
अब क्लाइमेक्स की बात पुलिस मटियास को ड्रग्स के शक में घेरती है, लिलिया उम्र और बीमारी से मर जाती है । मटियास टूट जाता है और सूरज की रोशनी में निकलकर सुसाइड कर लेता है। ये सीन दिल छू लेता है, वो जानता है सूरज उसे जला देगा, लेकिन लिलिया के बिना जीना नहीं चाहता। एंडिंग ठीक है कोई हैपी एंड नहीं, लेकिन सैटिस्फाइंग हैं।
विजुअल्स अच्छे हैं खासकर फ्लैशबैक में डार्क मिस्ट्रीअस वाइब। म्यूजिक भी ठीक है लेकिन स्पेशल नहीं। कमियां? थोड़ी प्रेडिक्टेबल ट्विस्ट्स, जैसे अंगुआ का कनेक्शन। फिर भी अगर आपको सुपरनैचुरल ड्रामा पसंद है, जैसे “Twilight” लेकिन ज्यादा मेच्योर तो इसे ज़रुर देखें ।
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