स्पॉइलर एलर्ट : बर्मे जब राजा के राज्य से होकर वापस कांतारा आता है तब वह गांव वालों से कहता है कि हम अब खेती करेंगे। राजा के पास अगर सैनिकों की ताकत है तो क्या हुआ हमारे पास भी दैविक शक्ति है। बर्मे राजा के साम्राज्य में जाकर वहीं के एक आदमी से दोस्ती करके व्यापार करना शुरू कर देता महाराज की बेटी राजकुमारी को इस बात की सूचना मिल जाती है। तब राजकुमारी कांतारा से आये सभी व्यापारी को अपने पास बुलाती है। राजकुमारी बर्मे से कहती है जितना व्यापार करोगे इसका एक चौथाई लगान हमें देना होगा।
बर्मे को यह मंजूर है और अब यह अपने व्यापार को बढ़ाने लगता है साथ ही बर्मे और राजकुमारी के बीच प्यार भी बढ़ता है तब बर्मे राजकुमारी से कहता है कि रोशनी के लिए जुगनू के पीछे मत भागो भटक जाओगी। अगर आपने फिल्म देख ली है तो यह बात तो जानते ही होंगे कि बर्मे अनाथ बच्चा है जो गुफा में मिला था जिसकी रक्षा बाघ के द्वारा की गयी थी कांतारा के लोगों ने इसकी परवरिश की थी।
एक सीन में बर्मे जब जंगल में अपने साथियों के साथ होता है वहां अचानक से एक बाघ आता है और बर्मे को एक संदेश देता है तब बर्मे और इसके साथी उस बाघ के पीछे-पीछे चलते जाते हैं एक जगह पर बाघ गायब हो जाता है और बर्मे इसके साथियों की मशाल बुझ जाती है पर बर्मे को जानना है कि आखिर इस जगह पर ऐसा क्या है जहां वह बाघ लेकर आया है।
तभी अचानक से बर्मे और इसके लोगों पर हमला हो जाता है जहां हमलावर कुछ अजीब से जानवरों का सहारा लेते हैं। बर्मे की समझ में नहीं आता कि आखिर यह सब क्या चल रहा है तभी इसको बचाने के लिए वही बाघ दोबारा से आता है और बर्मे को बचाता है। रहस्यमयी बाघ को पंजुरली देवता का प्रतीकात्मक रूप माना जाता है जो जंगल में आये बाहरी लोगों पर नज़र रखता है। और साथ ही जंगल में देवताओं की उपस्थिति को भी दर्शाने का काम करता है। असल में यह बाघ वही है जो बचपन में बर्मे की गुफा में रक्षा करता था। इससे सिद्ध होता है कि बर्मे के तार सीधे तौर पर देवताओं से जुड़े हुए हैं।
इस लड़ाई में बर्मे का साथी मारा जाता है मारा गया बर्मे का साथी को गांव वाले देखते हैं और कहते हैं तुम जंगल के पार क्यों गए थे तब बर्मे बोलता है मैं गया नहीं बल्कि बाघ के द्वारा ले जाया गया तब कहानी फ्लैशबैक में जाती है और पता लगता है कि एक लालची समुदाय के लोग हमेशा से कांतारा पर कब्जा करना चाहते थे वह जान चुके थे कांतारा में मौजूद काला पत्थर गुलिगा पर देवता का वास है
वह बहाने से गांव में घुस आते हैं और काला जादू का सहारा लेकर कुल देवता को खुश करने में लग जाते हैं गांव वालों को जब इस बात का पता लगता है तब वह जाकर देखते हैं कि यह लोग कुलदेवता की पूजा करने में लगे हैं तभी गांव वालों पर इन राक्षसी समुदाय के आदमी हमला कर देते हैं तब गांव वालों को बचाने वही बाघ आता है। तब से लेकर आज तक यह समुदाय कांतारा पर कब्जा करने में लगे हुए हैं।
एक समय ऐसा आता है जब बर्मे का कब्जा बंदरगाह पर हो जाता अब वह बंदरगाह पर बिना लगान दिए काम करने में लग जाते हैं। कुलशेखर अपने पिता को नींद की गोली खाने में देकर बेहोश कर देता है उसे लगता है इसकी बहन बर्मे से शादी करके उसे राजा बनाना चाहती है। कुलशेखर कांतारा में अपनी सेना के साथ प्रवेश करता है। और पूरे गांव में आग लगा देता है। सैनिक चुन-चुन कर गांव के लोगों को मारते हैं हर तरफ खून लाशें आग ही आग सब एक पल में सब खत्म हो जाता है।
जैसे ही कुलशेखर बर्मे की माँ पर तलवार चलाता है बर्मे के ऊपर देवता का वास दिखाई देता है यह सीन 2022 वाली कांतारा फिल्म की याद दिलाता है बर्मे इतना शक्तिशाली हो जाता है जिसकी किसी ने कल्पना भी न की थी यहां अंत होता है कुलशेखर का बर्मे के द्वारा।
राजा के राज्य में स्थापित शिवलिंग अचानक से एक दिन खंडित हो जाता है तब राज्य के पंडित बताते हैं कि आपके द्वारा किये गए कांतारा में अत्याचार की वजह से भगवान चले गए हैं आपको उनसे माफी मांगनी होगी तब शांति का प्रस्ताव लेकर राजकुमारी कांतारा जाती है। बर्मे कहता है अगर हम आपको माफ कर दें तब भी हमारे देव आपको माफ नहीं करेंगे इस बात पर राजकुमारी कहती है यह आप बोल रहे हैं या आपके देव।
इसके बाद शुरू होता है भूत कोला बर्मे और गांव वाले माफी देने के लिए तैयार हो जाते हैं। पर बर्मे इस बात को समझ न सका कि मंदिर की स्थापना एक चाल थी कनकवती कडाबा जनजाति से मिलकर कांतारा की शक्ति को पाना चाहती है। यहां दिखाई देता है कनकवती का असली चेहरा कि आखिर इसका उद्देश्य क्या था। बर्मे राजा से बोलता है कि आपको बंदी बनाये हुए कैदियों को रिहा करना होगा हम आपके राज्य को व्यापार करने के लिए ले रहे हैं न कि राज्य करने के लिए। यह राज्य आपका ही रहने वाला है।
बर्मे गांव वालों के साथ वापस कांतारा लौट आता है। कुछ समय बीतने के बाद राजा को रात को सूअर नज़र आता है और सामने आती है एक बुरी आत्मा जो कहती है देव पर कब्जा चाहिए न तुम्हें तभी राजा का सपना टूटता है यह सीन दर्शाता है कि राजा पर अब बुरी शक्ति का वास हो चुका है। यह वही लोग हैं जो शुरू से कांतारा के देवता को पाने की इच्छा रखते थे।
उधर बर्मे को सपने में इसकी माँ नज़र आती है जो कहती है तुमको अभी बहुत कुछ देखना है बेटा तभी एक बच्ची आती है जिस पर बर्मे की माँ हाथ फेरती है इसका मतलब है कि बच्चों पर आपदा आने वाली है। माँ बर्मे से कहती है रास्ता भटकने वालों को सही रास्ता दिखाने के लिए किसी न किसी को तो आना ही होगा जो लोग ईश्वर के मधुबन की चाह रखते हो उन पर कभी भरोसा न करना।
तभी बर्मे एक गुफा में पहुंचता है जहां पेड़ के पास एक बूढ़ा आदमी पेड़ से बंधा हुआ है और नीचे बैठा एक बूढ़ा काला जादू कर रहा है यह बूढ़ा वही है जो राजा के सपने में आता है जिससे पता लगता है कि इसने देवों को बंदी बनाकर रखा है। बर्मे का सपना टूटता है जैसे ही यह बाहर निकलता है देखता है गांव के बच्चे मर जाते हैं। बर्मे समझ जाता है कि इन सब के पीछे राजकुमारी का हाथ है।
राजकुमारी ऐसा इस लिए करती है क्योंकि बचपन में जब वो पैदा हुई थी तब उसमें बिल्कुल जान नहीं थी पर एक चमत्कार से इसमें जान आती है तब राजा इसे जादू टोना करने वाले कबीले की एक औरत को देते हैं इसी कबीले की औरत उसे अपना दूध पिलाकर जीवन दान देती है अब राजकुमारी की रगों में उस राक्षसी कबीले का खून दौड़ रहा है।
इससे यह साबित होता है कि अपने भाई के द्वारा कांतारा पर हमला भी खुद राजकुमारी का ही एक षड्यंत्र था। राजकुमारी अपने राजा पिता से कहती है शस्त्र आपका होगा पर शक्तियां मेरी। बर्मे राजा और इसकी बेटी से लड़ने के लिए युद्ध के मैदान में देवता के रूप में आता है तब शुरू होता खून खराबे से भरा हुआ युद्ध। हम सब जानते हैं कि काली शक्तियां रात के अंधेरे में शक्तिशाली होती हैं यही वजह है कि राजकुमारी सूर्यास्त तक बर्मे को रोक कर रखने को कहती है और अपने पिता के साथ काला जादू करने में लगी हुई होती है।
राजकुमारी अपने पिता के शरीर में अपने दादा की आत्मा लाने में सफल रहती है और कहती है दादा ईश्वर का मधुबन जो आप पाना चाहते थे वह अब मुझे चाहिए। राजा अब राजा नहीं बल्कि इनके अंदर इनके पिता की आत्मा आ चुकी है जो बेहद शक्तिशाली है। बर्मे का शक्तिशाली राजा से लड़ना मुश्किल होता है क्योंकि इस राजा में अब तीन पीढ़ियों की ताकत है।
बर्मे को युद्ध के मैदान में एक बूढ़ा आदमी दिखाई देता है वह बूढ़ा बर्मे से कहता है तुम्हें कांतारा के कुएं में कौन छोड़ कर गया कोई नहीं जानता था तुम क्यों आये हो यह तुमको बताने का वक्त अब आ गया है जाओ गंगा माँ रास्ता दिखाएगी। बर्मे उस कुएं में जाता है अनसुलझे रहस्य को जानने के लिए गुफा में है एक ब्रह्म
राक्षस शुरू होता है बर्मे और राक्षस के बीच युद्ध गुफा में मौजूद शिवलिंग और काला नाग यह दर्शाता है कि अब बर्मे पर खुद भगवान का वास हो चुका है। जिसे देख ब्रह्मराक्षस नतमस्तक हो जाता है यह सीन बताता है कि आज के दिन के लिए ही बर्मे को कांतारा में भेजा गया था। युद्ध भूमि पर एक बार फिर से वही बाघ प्रकट होता है बर्मे पर देवता का वास होना शुरू होता है तब बर्मे राजकुमारी को मारने के लिए बुलाता है अपनी बहन चावुंडी को यहां पर दिखाया गया है कि धर्म की रक्षा धर्म के अनुसार ही की जानी है। बर्मे के द्वारा राजा और महारानी का नाश होते ही सूर्योदय होता है।
अंत के सीन में दिखाया जाता है कांतारा में दोबारा से भूत कलम शुरू होता है देवता और इंसान मिलकर इसमें शामिल हैं। बर्मे को उसी गुफा में जाते दिखाया जाता है। लास्ट के सीन में लड़का कहता है कि मेरे पिता यहां से क्यों गायब हुए और अब वह कुआं कहां है तब गांव का एक आदमी कहता है कि इसकी भी एक दंतकथा है।
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