India Best Action Movie reloaded:जी लें ज़रा और डॉन ३ से पहले फरहान अख्तर चल दिए है अपने एक मिशन की ओर। फरहान अख्तर ने अपने शोशल मिडिया अकॉउंट पर एक पोस्टर डाल कर अपनी आने वाली फिल्म के बारे में बताया है। पोस्टर में फरहान अख्तर पहाड़ की चोटी पर खड़े होकर हिमालय पर्वत का सामना कर रहे है। इस फिल्म का नाम होने वाला है 120 Bahadur .
पर्वत के हिस्से पर हमला होता हुआ दिखाया जा रहा है आखिर कौन है ये जो पहाड़ पर डटा हुआ है तो हम आपको बताते है इनका नाम है शैतान पर काम है हीरो जैसा। इनका नाम है मेजर शैतान सिंह और इनकी चार्ली कम्पनी जिसमे शामिल है १3 कमाऊ रेजिमेंट के सैनिक की कहानी।
My deepest gratitude to the family of Maj Shaitan Singh Bhati PVC for trusting me with his portrayal.
— Farhan Akhtar (@FarOutAkhtar) September 4, 2024
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मैं मेजर शैतान सिंह पीवीसी के परिवार का हृदय की गहराइयों से आभार व्यक्त करता हूँ जिन्होंने उनके किरदार को निभाने के… pic.twitter.com/aoCyxtroT0
credit farhan akhtar x acount
जो की इंडिया और चाइना के दौरान लड़ी गयी थी। फरहान की इस फिल्म में रेज़ांग ला की कहाँनी को दिखाया जाना है जो की १९६२ में चाइना और भारत के बीच हुई थी। अब फरहान अख्तर एक बार फिर से उसी जंग के माहौल को फिर से जीवित करने की कोशिश में लगे हुए है।
120 Bahadur फिल्म को रजनीश घई डायरेक्ट करने जा रहे है और अब तूफ़ान फिल्म के लम्बे समय के बाद फरहान अख्तर एक बार फिर से फिल्मो में आने वाले है।
कौन प्रोडूस कर रहा है 120 बहादुर को
फरहान अख्तर की फिल्म 120 बहादुर को फरहान अख्तर और रितेश सिधवानी की कम्पनी एक्सल इंटरटेनमेंट के साथ ट्रिगर हैप्पी के द्वारा प्रोडूस की जा रही है।
कौन थे Major Shaitan Singh
मेजर शैतान सिंह जोधपुर के रहने वाले थे जिनका नाम इनके चेहरे से बिलकुल मेल नहीं खाता था। इनके पिता लेफ्टिनेंड कर्नर हेम सिंह थे। 18 1996 में मेजर शैतान सिंह ने चीनी सैनिको की लाशो पर तांडव किया था। रेजांग ला में चीन की तरफ से हलचल होते ही इंडियन सेना ने देखा के उनकी तरफ चाइना से आग के गोले दागे गए है। “तभी बिना कुछ सोचे समझे मेजर शैतान सिंह ने कहा जवानो गोली चलाओ” तब ये पूरा एरिया बमो और गोलियों की आवाज़ से दहल उठा।
कुछ समय के बाद ही जवानो को एक बाद की समझ आई के जो हो रहा है वो चीन की तरफ से एक चाल है। चीन की सेना ने भारत के सैनिको की तरफ सैनिक न भेज कर योक के गले में लालटेन बांध कर भारत की सीमा की तरफ भेजा था। तब भारतीय सेना के लिए मुश्किल हो गया के सामने से जानवर आरहे है या सैनिक क्युकी वहा पर दूर -दूर तक लाइट का नमो निशान तक नहीं था।
चीनी सैनिको के पास ठंड से लड़ने के लिए कपडे थे। भारी मात्रा में हथियार थे पर इधर भारतीय सैनको के पास जो बंदूके थी उन बंदूकों में दम नहीं था।
इधर भारत के पास 120 सैनिक थे और उधर चीन के पास 3000 सैनिक। सुबह के टाइम पर चीन ने भारतीय सेना के ऊपर हमला बोल दिया।
मेजर शैतान सिंह ने सभी सैनिको को अलग अलग ग्रुप में अलग-अलग जगह पर तैनात कर दिया। फिर चीनी सैनिको को गोली मारना शुरू कर दिया।मेजर शैतान सिंह को इस दौरान बहुत सी गोलिया लगी पर इन्होने अपने सैनिको का मनो बल नहीं टूटने दिया।
भारत के एक-एक सैनिक ने चीन के दस से बीस सैनिक को गोली से भून दिया। मेजर शैतान सिंह की खून से लतपथ आँखों को देखकर भारतीय सैनिक पीछे नहीं हटे और डट कर मुकाबला करते रहे। इस दौरान भारतीय सैनको की भी मौत हो रही थी।
मेजर शैतान सिंह घायल हो चुके तब तो सैनिक उनको चट्टान के आड़ में ले गए मेजर शैतान सिंह ने फिर भी एक बन्दुक हाथ में ली और एक बन्दुक के ट्रिगर को रस्सी से बांध कर अपने पैर के अँगूठे में बांध कर गोलिया मारते रहे मेजर शैतान सिंह उस समय ऐसी कंडीशन में थे के अगर उनकी पेंट की बेल्ट निकाल दी जाती तब इनकी अतड़िया बाहर आजाती । पर फिर भी मेजर शैतान सिंह ने अपना हौसला नहीं छोड़ा खुद को और अपनी टीम को हौसला देते रहे।
जब गोलिया खत्म हो गयी तब मेजर शैतान सिंह ने हाथो से लड़ना शुरू कर दिया। मेजर शैतान सिंह के साथ इनके साथी आखिरी गोली तक लड़ते रहे और इसका नतीजा रजंग पास में चाइना के 1300 से 1400 सैनिक मारे गये। मेजर शैतान सिंह अपनी जान गवा कर भारत का गौरव बने।
जब तीन महीने के बाद मेजर शैतान सिंह का शव मिला तो एक बन्दुक इनके हाथ में थी और एक बन्दुक का ट्रिगर रस्सी से इनके पैर के अंगूठे में बंधा हुआ था। ये वो भारतीय सैनिक थे जिन्होंने अपनी सीमा में एक भी सैनिक को घुसने नहीं दिया था।