84 के बाद चौपाल टीवी के ओटीटी प्लेटफॉर्म पर 14 अगस्त 2025 से रिलीज़ कर दी गई है। यह शो गुरमनत सिंह पतंगा के द्वारा डायरेक्ट किया गया है। इसे पंजाबी क्राइम थ्रिलर भी कहा जा सकता है। यह शो 1984 के दंगों का दर्द और दुख का अहसास कराता है। यहाँ कुछ ऐसे सीधे-सादे लोगों को आतंकवादियों और पुलिस के द्वारा प्रताड़ित होते दिखाया गया है, जो रोंगटे खड़े कर देने वाला है।
कहानी
पंजाब के साथ-साथ पंजाब के बाहर की भी कहानी दिखाई गई है, जहाँ किस तरह से पंजाब के नौजवानों पर जुल्म किए गए थे और किस तरह से पंजाबियों की पूरी एक जनरेशन को खत्म कर दिया गया था। यहाँ हर एक चीज़ को डिटेल में दिखाया गया है। पूरी तरह से रिसर्च करने के बाद उस समय स्कूल-कॉलेज में क्या चल रहा था, जिन किसानों के परिवार पर अत्याचार हुए, इसके बाद उन पर क्या-क्या गुज़रा, इन सभी चीज़ों को डिटेल में यहाँ प्रस्तुत किया गया है।
यह शो सच और झूठ के बीच में फँसे हुए इंसानों की कहानी दर्शाता है। किस तरह से एक पॉलिटिकल लीडर का हाथ था इन सब के पीछे, जिसके साये पर यह सब करवाया जा रहा था। कहानी पास्ट और प्रेजेंट में चलती है, जहाँ एक वकील एक अधिकारी की मौत का पता लगा रहा है। यहाँ सिर्फ़ दंगों को पिलर नहीं बनाया गया, इसके अलावा बहुत सी ऐसी चीज़ें हैं जिनसे आम नागरिक अनजान था, उसे दिखाने की भी कोशिश की गई है। जिन लोगों को इतिहास जानने में रुचि है, खासकर भारतीय इतिहास, उनके लिए यह एक मस्ट वॉच फिल्म बन सकती है।
Some stories leave scars that time can’t fade. #84TohBaad – streaming now on #Chaupal. Watch the truth unfold.@saddahaqmovie #jarnailsingh pic.twitter.com/rh4HAa9YYk
— Chaupal (@ChaupalApp) August 14, 2025
अभिनय
कुलजिंदर सिद्धू ने सरपंची वेब सीरीज़ से ही अपनी प्रतिभा दिखाना शुरू कर दिया था। अब एक बार फिर इन्होंने 84 के बाद फिल्म में अपने प्रदर्शन से लोगों का दिल जीत लिया है। किरनदीप राय का काम भी यहाँ अच्छा था। जरनैल सिंह भी इस वेब सीरीज़ में देखने को मिलेंगे। प्रकाश गढ़ू का रोल सबसे बढ़िया लगता है, जो फैमिली 420 में दिखाई दिए थे।
प्रकाश गढ़ू की अब तक की सबसे बेहतरीन परफॉर्मेंस यहाँ देखी जा सकती है। इनका किरदार एक आम नागरिक जैसा ही है, जिसे सरकार पर भरोसा रहता है, पर सरकार किस तरह से इस भरोसे को कुचलती है, वह सब इसी किरदार के माध्यम से पेश किया जाता है। यही एक किरदार है, जिससे दर्शक पूरी तरह से जुड़ा हुआ महसूस करेंगे और खुद को इससे कनेक्ट करेंगे।

टेक्निकल पॉइंट
सिनेमैटोग्राफी और बेहतर की जा सकती थी, जिसे देखने में उतना मज़ा नहीं आता। शायद यह इसके कम बजट होने के कारण भी हो। चौपाल के द्वारा बनाई गई यह सीरीज़ पूरी तरह से रिसर्च करके तैयार की गई है। यहाँ कुछ ब्रूटल सीन्स के साथ-साथ शराब और एडल्ट सीन्स भी देखने को मिलते हैं।
बीजीएम और एडिटिंग ठीक-ठाक है। कलर ग्रेडिंग की तारीफ करनी होगी, जो 1984 के दशक को सही तरह से दिखाने में कामयाब रही है। इस शो ने एक बात तो साबित कर दी कि बड़े बजट के शो बनाने के अलावा अगर आपके पास अच्छी कहानी है, तब भी एक अच्छा शो बनाया जा सकता है। हिंदी दर्शक इसे आसानी से समझ सकते हैं, क्योंकि इस फिल्म में पंजाबी और हिंदी भाषा का इस्तेमाल किया गया है। यह सिर्फ़ मनोरंजन के लिए ही नहीं बनी है, बल्कि इतिहास के काले पन्नों को खोलने का भी काम करती है।

क्या था ऑपरेशन ब्लू स्टार
ऑपरेशन ब्लू स्टार उस समय के प्रधानमंत्री के आदेश से किया गया था, जिसके माध्यम से पंजाब में अमृतसर के स्वर्ण मंदिर से सिख उग्रवादी नेता जरनैल सिंह भिंडरांवाले और उनके हथियारबंद समर्थकों को हटाने के लिए शुरू किया गया था, जो खालिस्तान की मांग कर रहे थे और पंजाब को भारत से अलग करना चाहते थे। 1970 से 1980 के बीच में कुछ लोगों ने खालिस्तान आंदोलन को शुरू किया और यह धीरे-धीरे ज़ोर पकड़ने लगा। इनका एकमात्र लक्ष्य था पंजाब को भारत से अलग करना।

डेरा दमदमी टकसाल के जरनैल सिंह भिंडरांवाले प्रमुख थे और ये इस आंदोलन के सबसे अहम नेताओं में से एक थे। 1 जून 1984 में शुरू हुए ऑपरेशन ब्लू स्टार में लगभग 400 लोग मारे गए थे, पर सिख समुदाय ने इस आँकड़े को ज़्यादा बताया था और साथ ही कहा कि इसमें कुछ तीर्थ यात्री भी शामिल थे। सिख समुदाय में गुस्सा इसलिए भी था, क्योंकि इस ऑपरेशन ब्लू स्टार में उनके सबसे पवित्र स्थल को टारगेट किया गया था। इसका अंजाम 31 अक्टूबर 1984 को देखने को मिला, जब प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को उनके ही दो सिक्योरिटी गार्ड्स द्वारा मार दिया गया था। इंदिरा गांधी की मौत के बाद दिल्ली और आसपास के कुछ क्षेत्रों में सिख विरोधी दंगे शुरू हुए, जिन्होंने आगे चलकर एक विकराल रूप लिया।
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