baaghi 4 teaser mistakes you missed:संजय दत्त, टाइगर श्रॉफ, सोनम बाजवा की फिल्म बागी 4 का टीज़र रिलीज़ कर दिया गया है। इस टीज़र को देखने के बाद हमारी टीम को जो कमियाँ लगीं, उनके बारे में हम अपने आर्टिकल के माध्यम से आपके साथ साझा करेंगे। वो भी क्यों करेंगे? इसके पीछे की एक वजह है कि फिल्म का बड़ा बजट होना । इतना बड़ा बजट होने के बाद भी इस तरह की गलतियाँ फिल्म मेकिंग में बिल्कुल भी शोभा नहीं देतीं।
यह सीन कुछ हजम नहीं हुए
यह आर्टिकल बागी फिल्म के वीएफएक्स के बारे में जानकारी नहीं देगा, बल्कि हम यहाँ ये बताएँगे कि मेकर्स से गलतियाँ हुईं कहाँ पर हैं।
टीज़र के माध्यम से मेकर्स का मकसद था ही नहीं कि उन्हें फिल्म की कहानी के बारे में कुछ दिखाना है। इन्होंने यहाँ पर आज के समय को देखते हुए, जिस तरह की फिल्में अभी हाल-फिलहाल में आई हैं, उदाहरण के लिए मार्को, एनिमल जैसी ब्रूटल फिल्मों के ट्रेंड को भुनाने की कोशिश की है। अगर आपको लगता है कि आपकी कहानी की डिमांड में ब्रूटल सीन का होना, तो कोई दिक्कत वाली बात नहीं है।
पर जब इसके टीज़र की शुरुआत होती है, तब शुरू के बीस सेकंड ऐसे चलते हैं, जिसे देखकर लगता है कि हाँ, अब कहानी के बारे में कुछ जानने को मिलेगा। पर टीज़र के अंदर एक और 6 सेकंड का टीज़र आता है, जहाँ पर इतना मार-धाड़, खून-खराबा बेवजह, बिना मतलब के दिखाया गया है। कट-कट कर के जो ब्रूटल सीन दिखाए गए हैं, वो ब्रेनलेस हैं।
टीज़र का काम क्या है?
टीज़र का काम होता है दर्शकों को फिल्म के बारे में थोड़ा-बहुत बताना, शॉकिंग पॉइंट दिखाकर, ताकि फिल्म देखने के लिए लोगों का उत्साह बढ़े। पर जो इस टीज़र में दिखाया गया है,इस तरह के ब्रूटल सीन वो हमेशा छिपाकर रखे जाते हैं, उन्हें टीज़र में दर्शकों के सामने नहीं लाया जाता। फिल्म मेकिंग में इसे जितना छिपाया जाएगा, उतना यह और निखरकर आता है।
एनिमल का टीज़र या ट्रेलर आज भी देखें, तो आपको इस तरह के सीन उनमें नहीं दिखाई देंगे। वहाँ रणबीर और रश्मिका की बात होती दिखाई गई है। रणबीर और अनिल कपूर का एक सीन, “सुन रहा हूँ, मैं बहरा नहीं हूँ” दिखाया गया है। एनिमल फिल्म ने वायलेंस को दिखाया नहीं, बल्कि फील करवाया था। जब हम एनिमल फिल्म देखते हैं, तब अंत तक आते-आते हमें एक दर्शक के तौर पर ऐसा लगने लगता है कि अब इससे ज़्यादा क्या ही दिखा सकते हैं। पर संदीप रेड्डी वांगा ने बॉबी देओल और रणबीर कपूर का लास्ट का एक्शन सीन बचा कर रखा था, जो कि शॉकिंग था।वहीं, बागी 4 के टीज़र में पहले ही बिना मतलब के इस तरह के सीन पहले ही दिखा दिए गए हैं।
टीज़र का वीक पॉइंट
बागी 4 के टीज़र में जितने भी कैरेक्टर हैं, इनके अगर इंट्रो सीन को देखो, तो यह सभी सीन एक जैसे हैं, जिनके बैकग्राउंड में सिर्फ़ और सिर्फ़ मार-काट वाला साउंड ही सुनाई देता है। एक सीन में टाइगर श्रॉफ एक इंसान को मार रहा है, पर इनका चेहरा देखकर लगता है कि यह उसे बिना मतलब ही मार रहे हैं। हमें पता है कि टीज़र में टाइगर जिसे मार रहे हैं, वह मेन विलेन नहीं होगा। तो अगर वो मेन विलेन नहीं, तो उस पर इतना गुस्सा आखिर क्यों? स्टोरी टेलिंग के हिसाब से यह सीन बिल्कुल हजम नहीं हो रहा।
टीज़र में हीरो को बाकी कैरेक्टर के जैसा ही दिखाया गया है, क्योंकि जो बाकी कैरेक्टर करते हुए यहाँ दिखाई दे रहे हैं, ठीक वैसा ही टाइगर भी कर रहे हैं। यहाँ एक सीन में हरनाज़ संधू एक इंसान को मारकर अपने ऊपर से फेंक देती हैं। इस तरह के सीन या तो हीरो के होने थे या फिर मेन विलेन के।

टीज़र के हर एक्शन में बहने वाला खून वीएफएक्स की मदद से डाला गया है। हद तो तब हो जाती है, जब सोनम बाजवा किचन में लोगों को मार रही हैं, इनके पीछे ब्लड विपरीत दिशा में बहता हुआ दिखता है। यहाँ ऐसा इसलिए हुआ है, क्योंकि यह वीएफएक्स सीन यूट्यूब पर फ्री में उपलब्ध है, जिसे वहाँ से निकाला गया और इस सीन में लगाया गया।

एनिमल फिल्म में भी जब बहुत ज़्यादा खून-खराबे वाला सीन आता है, तब उस पूरे सीन को रेड कर दिया जाता है, ताकि वह बहुत ज़्यादा ब्रूटल सीन न लगे। जिससे ये साबित होता है कि अगर आप अपनी फिल्म में ब्लड दिखाना चाह रहे हैं, तो उसे बिना दिखाए भी दर्शकों को दिखा सकते हैं। एनिमल फिल्म के जैसा इन्होंने यहाँ पर बी प्राक से गाना गवाया है। आपको नहीं लगता कि यह एनिमल की कॉपी जैसा है?
निष्कर्ष
मान लीजिए, अगर यह पूरा टीज़र भावात्मकता से भरा हुआ होता, कुछ ऐसा दिखाते जो आत्मा को छू जाता, एनिमल जैसे पावरफुल डायलॉग होते, और अंत में दिखता संजय दत्त का कटे हुए हाथ से सिगरेट जलाना, तब यह टीज़र हमारे दिमाग पर क्या इम्पैक्ट डालता।
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