Khalid Ka Shivaji: 8 अगस्त 2025 को मराठी लैंग्वेज में बनी एक फिल्म सिनेमाघर में रिलीज की गई है जिसका नाम है “खालिद का शिवाजी“। इस फिल्म को डायरेक्शन दिया है नेशनल अवार्ड विनिंग वन ऑफ द बेस्ट डायरेक्टर राज प्रीतम मोरे ने। फिल्म में कहानी हमें एक छोटे से लड़के की देखने को मिलेगी जिसका नाम खालिद है, किस तरह उसे अपने नाम की वजह से लोगों की आलोचना का सामना करना पड़ता है और किस तरह वह अपने सपनों को पूरा करने के लिए कई अथक प्रयास करता है।
अभी तक बॉलीवुड की फिल्मों में यह होता था कि उन्हें विरोध का सामना करना पड़ता है लेकिन अब मराठी इंडस्ट्री में भी कुछ ऐसा ही देखने को मिल रहा है। लोगों का कहना है कि फिल्म को सेक्युलर दिखाकर प्रोपेगेंडा फैलाने के लिए इस तरह की कहानी को बनाया गया है जिसे फिल्म में फैक्ट से हटकर दिखाया गया है। आईए जानते हैं कैसी है फिल्म की कहानी और ऐसा क्या दिखाया गया है इस फिल्म में जिसकी वजह से लोगों के बीच बवाल मच गया है।
खालिद का शिवाजी स्टोरी:
फिल्म की कहानी की शुरुआत महाराष्ट्र के वर्धा जिले में बने एक स्कूल के साथ होती है। यह स्कूल मराठी मीडियम का है जहां खालिद नाम का एक लड़का पढ़ता है। रोज की तरह उसे रोज भी स्कूल में क्लास चल रहा था जिसमें शिवाजी महाराज और अफजल का पाठ पढ़ाया जा रहा था इतिहास के अंतर्गत।

जिसमें अध्यापक के द्वारा यह बताया जाता है कि शिवाजी ने अफजल का वध कर दिया था उसकी गलत गतिविधियों की वजह से। इस पाठ को पढ़ने के बाद खालिद के गले में पड़े ताबीज को देखकर सभी उसके साथ पढ़ने वाले बच्चे उसे अफजल कहकर बुलाने लगते हैं और उसे प्रताड़ित करना भी शुरू कर देते हैं।
इसके बाद बच्चा अपने घर जाकर माँ से पूछता है कि अफजल कौन थे, अपनी जाति की वजह से लोगों के विरोध का सामना करते हुए खालिद अपने पिता से पूछता है कि इंसानियत क्या होती है जिसके जवाब में उसके पिता कहते हैं कि जो इंसान अच्छा काम करता है उसी को इंसानियत कहते हैं। फिल्म में दिखाया गया है कि खालिद छत्रपति शिवाजी महाराज के किरदार से प्रभावित होकर उन्हीं के जैसे बनने की कोशिश करता है और पूरी तरह से उन्हें फॉलो करने लगता है।
फिल्म में कुछ ऐसे तथ्य भी दिखाए गए हैं जिन्हें अगर इतिहास से मिलाया जाए तो पूरी तरह से अलग हैं जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं – छत्रपति शिवाजी महाराज की सेना में 35% मुसलमानों का होना, शिवाजी महाराज के बॉडीगार्ड में 11 बॉडीगार्ड मुसलमान थे, मुस्लिम सेनानियों के लिए मस्जिद का निर्माण आदि।
क्या है फिल्म का मैसेज:
एक अच्छी इंटेंसिटी के साथ इस फिल्म को बनाया गया है जिसमें दर्शकों को यह दिखाने की कोशिश की गई है कि शिवाजी महाराज सभी धर्म को समान मानने वाले थे। राजनीति को स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों से पूरी तरह से दूर रखना चाहिए। जिस तरह से खालिद को स्कूल में अफजल खान कहकर प्रताड़ित किया जाता है, समाज में एक गलत गतिविधि को पैदा करता है।
"Political parties have divided leaders like Chhatrapati Shivaji & Ambedkar into ours and theirs."
— The Quint (@TheQuint) August 10, 2025
The Centre blocked release of 'Khalid Ka Shivaji' for one month after objections by Hindutva outfits over portrayal of syncretic aspects of the Maratha king's rule. @hey_eshwar pic.twitter.com/w2pxwtiC3T
जाति और धर्म के नाम पर समाज में सिर्फ प्रेम की भावना होनी चाहिए। फिल्म को इसी इंटेंसिटी के साथ बनाया गया है जिसे देखकर दर्शकों को भी एक पॉजिटिव मैसेज लेना चाहिए भले ही फिल्म इतिहास के फैक्ट से हटकर कहानी दिखाती है लेकिन दर्शकों तक एक पॉजिटिव मैसेज ही देती है।
कैसी है प्रोडक्शन क्वालिटी?
फिल्म की प्रोडक्शन क्वालिटी काफी अच्छी है, स्पेशली फिल्म का बीजीएम जो फिल्म के हर एक सीन को पूरी तरह से जस्टिफाई करता है। सभी कैरेक्टर्स ने अपने रोल को बहुत ही अच्छी तरह से प्रेजेंट किया है, स्पेशली खालिद का कैरेक्टर जिसे कृष्णा मोरे ने निभाया है।
#Hyderabad—
— NewsMeter (@NewsMeter_In) August 8, 2025
“‘Khalid Ka Shivaji’ sparks outrage; Raja Singh calls for immediate ban on controversial film
"#KhalidKaShivaji" is not just a film, it's an insult to our history.
Claims like #ShivajiMaharaj built a #mosque at #Raigad, had only 35% #Hindu soldiers, and 11 #Muslim… pic.twitter.com/4TxzGB0By2
निष्कर्ष: यह एक ऐसी फिल्म है जिसकी कहानी के लेखक से लेकर मेकर्स और सभी कलाकार मराठी समुदाय से आते हैं लेकिन फिर भी फिल्म को सेक्युलरिज्म कहकर फिल्म का विरोध किया जा रहा है। जब आप इस फिल्म को देखेंगे तो भले ही यह बात आपको पहले से पता हो कि इस फिल्म में आपको जो कुछ भी दिखाया जा रहा है वो पूरी तरह से सत्य नहीं है लेकिन फिर भी इमोशनली यह फिल्म आपको कनेक्ट कर लेगी। फिल्म के सभी धर्म समान होने के अच्छे मैसेज की वजह से फिल्मीड्रिप की तरफ से इस फिल्म को 5 में से 3.5 स्टार की रेटिंग दी जाती है।
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