Kingdom: विजय देवरकोंडा की दमदार परफॉर्मेंस वाली एक्शन ड्रामा, लेकिन क्या ये उम्मीदों पर खरी उतरती है?

Published: Thu Jul, 2025 2:27 PM IST
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तेलुगु सिनेमा की रिलीज हुई नई फिल्म “किंगडम” जो निर्देशक गौतम तिन्ननुरी की कलम से निकली एक दिलचस्प कहानी है, ये फिल्म 1990 के दशक में सेट है जहां श्रीकाकुलम से आए तेलुगु लोगों की जिंदगी को दिखाया गया है जो अब श्रीलंका में आ कर बस गए हैं। फिल्म के मुख्य रोल में सूरी है जिसका किरदार ‘विजय देवरकोंडा’ ने निभाया है जोकि एक ईमानदार और गुस्सैल पुलिस कांस्टेबल है, वो अपने लापता भाई शिवा की तलाश में जुटा हुआ है जिसका रोल ‘सत्य देव’ ने निभाया है।

इसी बीच सूरी को एक मौका मिलता है जिससे वह अपने लापता भाई को ढूंढ सकता है क्योंकि उसे एक ख़ुफ़िया मिशन पर श्रीलंका भेजा जाता है हालाँकि श्रीलंका जाने के बाद सूरी को पता चलता है की उसका भाई तस्करी के धंधे में फंसा हुआ है। फिल्म में भाइयों के बीच का रिश्ता ड्यूटी और पर्सनल इमोशंस की मुटभेड़ दिखाई गयी है जो इंट्रेस्टिंग होने के साथ साथ इमोशनल भी है।

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किंगडम में आगे की कहानी एक ताकतवर स्मगलिंग माफिया पर बुनी गई है जिसमे कैसे एक भाई अपने दूसरे भाई को बचाने के साथ साथ देश का फ़र्ज़ निभाता है ये भी किंगडम बहुत ईमानदारी से दिखाती है ।

निर्देशक गौतम तिन्ननुरी जो पहले “जर्सी” जैसी इमोशनल फिल्म दे चुके हैं यहां भी वह भाईचारे की थीम पर फोकस करते हैं, लेकिन इस बार कहानी में एक्शन का ज़ोरदार तड़का लगाया है, फिल्म की रिलीज डेट कई बार बदली गयी थी पर आखिरकार इसे आज 31 जुलाई 2025 के दिन थिएटर्स में रिलीज़ कर दिया गया है।

विजय देवरकोंडा की परफॉर्मेंस:

बात करते हैं फिल्म के हीरो ‘विजय देवरकोंडा’ की उन्होंने फिल्म में अपने सूरी के रोल में एक कमाल की वापसी की है जिसमे वे पूरी तरह घुलमिल गए हैं फिर चाहे वह एक मासूम कांस्टेबल हों या फिर जेल में बंद कैदी, हर तरह से वे हर रूप में छा जाते है। उनका बॉडी लैंग्वेज गुस्सा और भाई के लिए तरस सब कुछ इतना कन्विंसिंग है कि आपको लगेगा वो एक्टर नहीं, बल्कि असली सूरी हैं खासतौर पर अगर बात करें किंगडम मूवी के क्लाइमैक्स की।

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फिल्म के लास्ट में उनकी एक्टिंग कमाल की है। ये रोल उनके लिए एक माइलस्टोन साबित हो सकता है क्योंकि उन्होंने बिना किसी तरह का ओवर द टॉप ड्रामा किये हुए सटीक तरीके से इमोशंस दिखाए हैं। वह फैंस जो विजय के कमबैक की उम्मीद कर रहे थे उन्हें ये फिल्म जरूर पसंद आएगी, ‘सत्य देव’ ने भी भाई के रोल में अच्छा काम किया है उनके और विजय के बीच के सीन कहानी को ज़बरदस्त इमोशनल डेप्थ देते हैं,

हालांकि स्क्रिप्ट में और भी ज़्यादा डेप्थ लायी जा सकती थी जोकि इसके कुछ मोमेम्न्ट्स में महसूस भी होता है। फिल्म में हीरोइन ‘भाग्यश्री बोर्से’ का रोल काफी सीमित है, उनके लिए फिल्म में ज़्यादा कुछ करने को नहीं है हो सकता है शायद किंगडम के आने वाले सीक्वल के लिए उनको बचाकर रखा गया हो।

विजुअल्स और म्यूजिक

फिल्म की तकनीकी पक्ष की बात करें तो ये काफी मजबूत हैं इसकी सिनेमैटोग्राफी गिरीश गंगाधरन और जोमोन टी जॉन ने की है, जो श्रीलंका की लोकेशंस को इतना खूबसूरत दिखाती है कि इसे देख करआप मंत्रमुग्ध हो जाएंगे। किंगडम मूवी के एक्शन सीक्वेंस जैसे ब्रिज फाइट और क्लाइमैक्स विजुअली बढ़िया हैं और फिल्म को बड़े बजट वाला फील देते हैं।

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अनिरुद्ध रविचंदर का बैकग्राउंड स्कोर भी कमाल का है वो अपनी सिग्नेचर स्टाइल से थोड़ा हटकर फिल्म के मूड को सपोर्ट करता है खासकर फिल्म के इमोशनल मोमेंट्स में, हालांकि इसके गाने उतने यादगार नहीं हैं।

मूवी की एडिटिंग नवीन नूली की है जो फर्स्ट हाफ में काफी टाइट रक्खी है लेकिन सेकंड हाफ में थोड़ी ढीली पड़ जाती है। फिल्म की प्रोडक्शन वैल्यू काफी हाई है क्योंकि प्रोडक्शन हाउस सिथारा एंटरटेनमेंट्स ने किंगडम मूवी पर अच्छा बजट लगाया है जो स्क्रीन पर दिखता है। कुल मिलाकर टेक्निकल टीम ने फिल्म को एक प्रीमियम लुक दिया है जोकि इसे थिएटर में देखने लायक बनाता है।

क्या बनाता है फिल्म को देखने लायक

फिल्म के काई सारेअच्छे पहलू हैं जिसमे सबसे पहले विजय की स्क्रीन प्रेजेंस और परफॉर्मेंस, जो फिल्म को बांधे रखती है। कहानी में भाईचारे का एंगल डाला गया है जोकि इमोशनली कनेक्ट करता है, साथ ही “सलार” या “छत्रपति” जैसी बड़ी फिल्मों की याद भी दिलाता है, हालाँकि किंगडम मूवी के डायरेक्टर गौतम ने इसे अपने स्टाइल में पेश किया है।

कहानी में एक्शन और इमोशंस का बैलेंस अच्छा है और इसका प्रोडक्शन स्केल फिल्म के हीरो के मार्केट से भी बड़ा लगता है। फिल्म में कुछ इंपैक्टफुल मोमेंट्स हैं जैसे ब्रदर्स की रीयूनियन जो दिल को छू लेते हैं।

कहां रह गई कमी

लेकिन हर फिल्म परफेक्ट नहीं होती और “किंगडम” में भी कुछ कमियां हैं। इसकी सबसे बड़ी समस्या है फिल्म की पेसिंग यानी कहानी की रफ़्तार सेकंड हाफ में काफी स्लो लगटी है और क्लाइमैक्स थोड़ा उलझा हुआ है। वहीँ इसके इमोशंस जो फिल्म की जान हैं वो पूरी तरह से उभर नहीं पाते हैं,

यही कारण है की सेकंड हाफ की कहानी काफी सिंपल लगने लगती है, किंगडम के कई सीन पहले की फिल्मों से मिलते जुलते लगते हैं जैसे “पुष्पा” या “आयिराथिल ओरुवन” जैसे । डायरेक्टर ने स्टाइलिश अप्रोच ली है लेकिन इमोशनल डेप्थ की थोड़ी कमी लगती है,

हीरोइन और सपोर्टिंग कैरेक्टर्स को ज़्यादा खुल कर नहीं दिखाया गया, जो फिल्म को और बेहतर बना सकते थे, क्योंकि किंगडम मूवी की कहानी इमोशनल डेप्थ से ज़्यादा इंटेंस कंफ्लिक्ट पर फोकस करती है।

निष्कर्ष: देखें या न देखें ?

“किंगडम” एक बढ़िया एक्शन ड्रामा है जो विजय देवरकोंडा की परफॉर्मेंस और अच्छे विजुअल्स की वजह से देखने लायक है। ये कोई माइंडब्लोइंग फिल्म नहीं है, लेकिन अगर आप नार्मल एक्सपेक्टेशंस के साथ फिल्म को देखने जायेंगे तो बेशक किंगडम आपको भरपूर एंटरटेन करेगी। फिल्मीड्रिप रेटिंग: 3.5/5

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    हेलो दोस्तों मेरा नाम अरसलान खान है, मैने अपने ब्लॉगिंग करियर की शुरवात साल 2023 में न्यूज़ वेबसाइट अमर उजाला लखनऊ से की थी। वर्तमान समय मे,भारत की सबसे तेज़ी से बढ़ती हुई डेडीकेटेड हिंदी एंटरटेंमंट वेबसाइट,फिल्मीड्रीप के साथ जुड़ा हुआ हूँ और अपनी सेवाएं उन्हें प्रदान कर रहा हूँ। मुख्य तौर पर मै फिल्मों और एंटरटेनमेंट से जुड़ी हुई ट्रेंडिंग और वायरल खबरों का एक्सपर्ट हूं। आशा करता हूँ की मेरे द्वारा दी गई हर एक जानकारी सटीक और भरोसेमंद हो,जिसे पढ़ कर आप सभी लोग संतुष्ट होते होंगे, धन्यवाद।

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