Better Go Mad In The Wild: 2 भाइयों की अनोखी दुनिया की कहानी

Published: Tue Jul, 2025 6:37 PM IST
Better Go Mad In The Wild Hindi Review

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स्लोवाकिया के निर्देशक ‘मीरो रेमो’ ने एक खास फिल्म बनाई है इसका नाम है “बेटर गो मैड इन द वाइल्ड” (रादेजी जेसीलेट वी डिवोसीने)। ये एक डॉक्यूमेंट्री है, लेकिन ऐसी जो किसी कहानी की तरह लगती है। ये फिल्म दो जुड़वां भाइयों की जिंदगी पर बनी है, जो जंगल में रहते हैं।

फिल्म की शुरुआत:

ओन्ड्रेज और फ्रांटिशेक दोनों 60 साल के आसपास हैं और चेक गणराज्य के शुमावा जंगल में रहते हैं, ये जंगल इतना घना है कि लगता है समय यहां रुक सा गया है। ओन्ड्रेज थोड़ा व्यावहारिक है और शराब पीने का शौकीन है और फ्रांटिशेक सपने देखने वाला और कविताएं बनाने वाला है।

दोनों में झगड़े होते हैं लेकिन उनका प्यार इतना गहरा है कि वे अलग नहीं हो सकते। फिल्म में एक बड़ा गोल आईना है, जो जगह जगह घूमता रहता है। ये आईना जैसे उनकी जिंदगी का प्रतीक है, जो कभी खुशी दिखाता है और कभी उदासी दिखाता है।

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Image Credit: Imdb

भाइयों का रोजमर्रा जीवन:

ये दोनों भाई जंगल में अकेले रहते हैं लेकिन उनकी दुनिया बहुत रंगीन है, वे खेती करते हैं जानवरों से बात करते हैं, और पुरानी चीजों से खुश रहते हैं। उनके पास कोई मोबाइल नहीं है, इंटरनेट नहीं है बस प्रकृति और एक-दूसरे का साथ है।

फिल्म में एक बैल है जिसका नाम नैंडी है, जो आवाज देता है और उनकी पुरानी कहानियां सुनाता है। हां, बैल बोलता है, लेकिन ये फिल्म का मजेदार हिस्सा है, जो बिल्कुल असली लगता है। वे स्कूल में अच्छे नहीं थे लेकिन खुद से पढ़कर बहुत होशियार हो गए हैं। वे वेल्वेट क्रांति में शामिल थे, जो 1989 में कम्युनिस्ट शासन के खिलाफ थी। उन्हें इसके लिए सम्मान भी मिला है।

अब वे जंगल में छुपकर रहते हैं और पुतिन जैसे नेताओं का विरोध करते हैं। उनकी जिंदगी में कई औरतें आईं लेकिन ज्यादा नहीं टिकीं। उन्होंने अपने घर को दीवार से बांट लिया है, लेकिन उनका भाईचारा कभी नहीं टूटा। कभी वे नंगे सड़क पर घूमते हैं कभी कविताएं पढ़ते हैं।

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Image Credit: Imdb

फिल्म की खासियत:

मीरो रेमो ने फिल्म को हाइब्रिड बनाया है, जो थोड़ा डॉक्यूमेंट्री है और थोड़ा किसी कविता जैसा। कैमरामैन दुषान हुसार ने जंगल की सुंदरता को इतनी खूबसूरती से कैद किया है कि लगता है हम खुद वहां हैं। फिल्म में मौत का डर भी छिपा है क्योंकि दोनों भाई अब बूढ़े हो रहे हैं।

अगर एक चला गया तो दूसरा अकेला कैसे जिएगा? ये सोच दिल को दुखाती है। लेकिन साथ ही फिल्म खुशी से भरी है, उनके मजाक झगड़े और उनकी माफी मांगने की आदत। ये फिल्म ग्रे गार्डन्स जैसी पुरानी फिल्मों से प्रेरित लगती है, जहां लोग अपनी अलग दुनिया में रहते हैं।

पुरस्कार और लोगों की राय:

ये फिल्म 2025 में कार्लोवी वैरी फिल्म फेस्टिवल में क्रिस्टल ग्लोब आवर्ड जीत चुकी है। वैरायटी ने कहा है, “ट्विन्स पर बनी सबसे अच्छी हालिया फिल्म है।” डेडलाइन ने इसे ग्रामीण जीवन की सहानुभूतिपूर्ण कहानी बताया है। दुर्भाग्य से फिल्म के जीतने के कुछ घंटों बाद इस फिल्म के एक कलाकार यानी एक भाई की मौत हो गई, जो इसे और भी भावुक बनाता है। रिव्यूज में लोग कहते हैं कि ये फिल्म दिमाग और दिल दोनों को छूती है।

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  • Movie Reviewer

    हेलो दोस्तों मेरा नाम अरसलान खान है, मैने अपने ब्लॉगिंग करियर की शुरवात साल 2023 में न्यूज़ वेबसाइट अमर उजाला लखनऊ से की थी। वर्तमान समय मे,भारत की सबसे तेज़ी से बढ़ती हुई डेडीकेटेड हिंदी एंटरटेंमंट वेबसाइट,फिल्मीड्रीप के साथ जुड़ा हुआ हूँ और अपनी सेवाएं उन्हें प्रदान कर रहा हूँ। मुख्य तौर पर मै फिल्मों और एंटरटेनमेंट से जुड़ी हुई ट्रेंडिंग और वायरल खबरों का एक्सपर्ट हूं। आशा करता हूँ की मेरे द्वारा दी गई हर एक जानकारी सटीक और भरोसेमंद हो,जिसे पढ़ कर आप सभी लोग संतुष्ट होते होंगे, धन्यवाद।

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