The Front Line Review: युद्ध वाली अच्छी कोरियन फिल्म”

The Front Line Review

The Front Line Korean movie review in hindi: अगर आपको कोरियाई फिल्में बहुत पसंद हैं, तो “द फ्रंट लाइन” नाम की फिल्म को आपको जरूर देखना चाहिए। यह साल 2011 में बनी एक दक्षिण कोरियाई फिल्म है, जो कोरियाई युद्ध की कहानी पर आधारित है।

मैंने हाल ही में यह फिल्म देखी और मुझे लगा कि इसका रिव्यू हिंदी में लिखकर आपके साथ साझा करना चाहिए, ताकि आप भी इसके बारे में जान सकें। यह फिल्म न केवल एक्शन से भरी है बल्कि युद्ध की कठिनाइयों को भी बहुत गहराई से दिखाती है। आइए इस फिल्म के हर हिस्से को समझते हैं।

फिल्म की कहानी:

यह कहानी 1953 के कोरियाई युद्ध के आखिरी समय की है, फिल्म का मुख्य किरदार है फर्स्ट लेफ्टिनेंट कांग यून-प्यो, जो दक्षिण कोरियाई सेना की एक खास टुकड़ी में काम करता है। उसे पूर्वी मोर्चे पर भेजा जाता है, क्योंकि वहाँ कुछ गलत होने की खबरें हैं। दुश्मन यानी उत्तरी कोरियाई सेना को गोपनीय जानकारी मिल रही है।

The Front Line Review In Hindi
Image Credit: Imdb

कांग एक जगह पहुँचता है जिसे एरोक हिल कहते हैं यह एक ऐसी जगह है, जहाँ दोनों तरफ की सेनाएँ बार बार कब्जा करती रहती हैं। वहाँ उसे अपना पुराना दोस्त किम सू ह्युक मिलता है, जो युद्ध की वजह से बहुत बदल गया है। वहाँ की सेना अपने नियमों से चलती है, और सही गलत का पता लगाना बहुत मुश्किल हो जाता है।

रहस्य और रोमांच का मज़ा

फिल्म में एक दुश्मन स्नाइपर है, जिसे “टू सेकंड्स” कहते हैं। यह स्नाइपर दक्षिण कोरियाई सैनिकों को डराता रहता है, कांग इसकी जाँच करता है और कई चौंकाने वाले रहस्य खुलते हैं। फिल्म के डायरेक्टर जांग हून ने इसे सिर्फ युद्ध की कहानी नहीं बनाया,

बल्कि इसमें रहस्य और स्नाइपर की कहानी डालकर इसे और रोमांचक बना दिया। यह फिल्म “टे गुक गी” या “सेविंग प्राइवेट रायन” जैसी फिल्मों से प्रेरणा लेती है, लेकिन इसमें भावनाएँ दिखाने के लिए थोड़ा ज़्यादा ड्रामा है। कभी कभी यह ड्रामा थोड़ा ज़्यादा लगता है, लेकिन फिर भी कहानी को मज़बूत बनाता है।

The Front Line Korean Movie
Image Credit: Imdb

युद्ध की सच्चाई:

यह फिल्म युद्ध की बुराइयों को बहुत अच्छे से दिखाती है, कहानी में शांति की बातचीत चल रही होती है और शांति समझौता भी हो जाता है लेकिन फिर भी लड़ाई नहीं रुकती। कई मुख्य किरदारों की मौतें बहुत भावुक कर देने वाली हैं और एक मौत तो इतनी चौंकाने वाली है कि आपका दिल दहल जाएगा।

डायरेक्टर ने भावनाओं को अच्छे से दिखाया है लेकिन आखिरी हिस्से में थोड़ा ज़्यादा ड्रामा हो जाता है। फिर भी यह फिल्म देशभक्ति को बढ़ावा देने की बजाय युद्ध की निंदा करती है।

शांति का संदेश

ज़्यादातर युद्ध फिल्मों में देशभक्ति पर ज़ोर होता है, लेकिन यह फिल्म दोनों तरफ के सैनिकों की समानताओं को दिखाती है। यह सेना के नियमों और बिना सोचे समझे ड्यूटी करने की आलोचना करती है इसमें कुछ हीरो बनने वाले सीन हैं, लेकिन यह फिल्म पुरानी और घिसी पिटी कहानियों से बचती है। यह संदेश देती है कि युद्ध में सभी लोग एक जैसे हैं बस उनकी टीमें अलग हैं।

The Front Line Korean Movie Review
Image Credit: Imdb

हर किरदार याद रहता है

इस फिल्म में सभी एक्टर्स ने बहुत अच्छा काम किया है, गो सू ने किम सू ह्युक का किरदार बहुत अच्छे से निभाया है, जो कभी कूल तो कभी कमज़ोर लगता है। शिन हा क्यून ने यून-प्यो को ऐसा दिखाया कि वह भटका हुआ लेकिन नैतिक इंसान लगता है।

ली जे हून का किरदार रहस्यमयी है और वह सबसे अलग दिखते हैं यह उनकी पहली बड़ी परफॉर्मेंस थी। चो जिन वूंग एक नौजवान ऑफिसर के रोल में अच्छे हैं और को चांग सोक हँसी के पल लाते हैं। किम ओक विन और र्यू सेउंग रयोंग के छोटे किरदार भी बहुत अच्छे हैं।

दृश्य और तकनीक:

फिल्म को देखकर लगता है कि इसे बहुत पैसे और मेहनत से बनाया गया है,फिल्म में युद्ध के सीन बहुत जीवंत और असली लगते हैं। सिनेमैटोग्राफी करने वाले किम वू-ह्युंग ने सेपिया रंग का इस्तेमाल किया है जो थोड़ा ज़्यादा लगता है लेकिन फिर भी अच्छा दिखता है, एक्शन सीन और एडिटिंग बहुत शानदार हैं। फिल्म का ऑडियो और विजुअल इतना मज़बूत है कि इसे बड़ी स्क्रीन पर देखने का मज़ा और बढ़ जाता है।

The Front Line Korean War Movie
Image Credit: Imdb

अवॉर्ड्स और सम्मान: दुनिया ने की तारीफ

इस फिल्म को 2011 में चार ग्रैंड बेल अवॉर्ड्स मिले थे, जिनमें बेस्ट पिक्चर, बेस्ट डायरेक्टर और ली जे हून को बेस्ट न्यू एक्टर का अवॉर्ड शामिल है। ब्लू ड्रैगन फिल्म अवॉर्ड्स में भी इसने कई पुरस्कार जीते। उडाइन फार ईस्ट फिल्म फेस्टिवल में इसे ऑडियंस अवॉर्ड मिला,

यह 21वीं सदी की सबसे अच्छी कोरियाई युद्ध फिल्मों में से एक है, इसे 84वें एकेडमी अवॉर्ड्स के लिए दक्षिण कोरिया की आधिकारिक एंट्री बनाया गया था।

ली जे हून की शुरुआत:

ली जे हून जो अब दक्षिण कोरिया के बड़े एक्टर्स में से एक हैं इस फिल्म में अपने रहस्यमयी किरदार से सबको प्रभावित किया, उनका रोल फिल्म को नई ताकत देता है।

युद्ध का असली चेहरा

यह फिल्म युद्ध की क्रूरता, दोस्ती, विश्वासघात और शांति पर केंद्रित है, यह सिर्फ एक्शन की कहानी नहीं बल्कि इंसानी भावनाओं की गहरी कहानी है।

देखें या नहीं:

“द फ्रंट लाइन” एक बहुत मज़बूत युद्ध फिल्म है इसकी कहानी, अभिनय और तकनीकी खूबियाँ इसे खास बनाती हैं। अगर आपको कोरियाई फिल्में पसंद हैं तो इसे ज़रूर देखें खासकर बड़ी स्क्रीन पर, यह फिल्म आपके दिल को छू लेगी और लंबे समय तक याद रहेगी।

फिल्मीड्रिप रेटिंग: 4/5

READ MORE

Wife peke Husband Theke: वाइफ पेके हसबैंड ठेके पंजाबी फिल्म,जानिए कब होगी रिलीज़ चौपाल टीवी पर

This Week OTT Releases: 28 ईयर्स लेटर, रुद्र गरुड़ पुराण और अनस्पीकेबल साइंस जैसी फिल्में होंगी ओटीटी पर रिलीज

F1 The Movie Ott Prime Video: प्राइम वीडियो पर vod में कब होगी उपलध्ब ?

Elli Avrram Birthday: स्वीडन से आई बॉलीवुड में अपने सपनों को पूरा करने के लिए यह अभिनेत्री

Rate this post

Author

  • Movie Reviewer

    हेलो दोस्तों मेरा नाम अरसलान खान है, मैने अपने ब्लॉगिंग करियर की शुरवात साल 2023 में न्यूज़ वेबसाइट अमर उजाला लखनऊ से की थी। वर्तमान समय मे,भारत की सबसे तेज़ी से बढ़ती हुई डेडीकेटेड हिंदी एंटरटेंमंट वेबसाइट,फिल्मीड्रीप के साथ जुड़ा हुआ हूँ और अपनी सेवाएं उन्हें प्रदान कर रहा हूँ। मुख्य तौर पर मै फिल्मों और एंटरटेनमेंट से जुड़ी हुई ट्रेंडिंग और वायरल खबरों का एक्सपर्ट हूं। आशा करता हूँ की मेरे द्वारा दी गई हर एक जानकारी सटीक और भरोसेमंद हो,जिसे पढ़ कर आप सभी लोग संतुष्ट होते होंगे, धन्यवाद।

    View all posts
Social Share

Join WhatsApp

Join Now