बॉलीवुड अभिनेता और टीवी स्टार सुदेश बैरी ने करियर के शुरुआती दिनों में कई बड़े अभिनेताओं के साथ फिल्मों में काम किया है। शक्ति अस्तित्व की जैसे धारावाहिकों से भी उन्होंने दर्शकों का मनोरंजन किया पर क्या आप जानते है अपने शुरुआती दिनों में सुदेश ने कभी एक्टर बनने का नहीं सोचा था। 20 जुलाई 1960 को जन्मे सुदेश बैरी अब 65 साल के होने वाले है चलिए जानते है उनसे जुड़ी कुछ खास बाते।
एक्टिंग का नहीं था शौक:
सुदेश बेरी के पिता का पेपर मिल का बिजनेस था और वह अपने पिता के साथ ही बिजनेस करना चाहते थे, साथी वह एक बॉक्सर भी थे। सुदेश जब कॉलेज में पढ़ाई कर रहे थे उसी दौरान उन्होंने एक नाटक में हिस्सा लिया जिसमें उनके अभिनय को खूब सराहना मिली और तभी से उन्होंने मन बना लिया कि उन्हें एक्टिंग की ओर जाना है। इसके बाद उन्होंने एक्टिंग इंस्टिट्यूट ज्वाइन किया और अभिनय की बारीकियों को समझा ताकि वह फिल्म इंडस्ट्री का हिस्सा बन सके।

सहायक भूमिका तक रहे सीमित:
एक अच्छे एक्टर होने के बावजूद सुदेश को मुख्य भूमिका वाले किरदार करने का मौका बहुत कम मिला उन्होंने साल 1988 की फिल्म “खतरों के खिलाड़ी” से शुरुआत की। इसके बाद एक थिएटर में नाटक करते समय राज कुमार संतोषी के असिस्टेंट लतीफ बिन्नी ने उनके अभिनय को देखा और पसंद किया इसके बाद उन्होंने उन्हें राजकुमार संतोषी से मिलवाया और उन्हें 1990 की फिल्म घायल में एक्टिंग करने का मौका मिला। यह उनके करियर का टर्निंग पॉइंट था। इसके बाद वह बॉर्डर,रिफ्यूजी, एलओसी कारगिल और मां तुझे सलाम जैसी फिल्मों में भी नज़र आए।
टेलीविजन का सफर:
सुदेश बैरी उन अभिनेताओं में से हैं जिन्होंने फिल्मों के साथ-साथ टेलीविजन पर भी अपने अभिनय की छाप छोड़ी। सुदेश बेरी ने साल 1990 में टेलीविजन के एक क्राईम ड्रामा शो सुराग में इंस्पेक्टर भरत का किरदार निभाया जिसने उन्हें घर-घर में मशहूर करवा दिया और टेलीविजन पर एक पहचान भी बन गई लोग उन्हें जानने लगे।
सुदेश बैरी को अपने टीवी शो “महाभारत” से भी काफी पॉपुलैरिटी मिली। इसके अलावा भी वह कई टीवी शोस में शामिल थे जिसमें जीटीवी का शो अगले जनम मोहे बिटिया ही कीजो, लाइफ़ ओके का शो देवों के देव महादेव और कलर्स टीवी का शो शक्ति अस्तित्व की शामिल है।
सुदेश बेरी ने अपने करियर के शुरुआती दिनों में शाहरुख खान, सनी देओल और अजय देवगन जैसे सितारों के साथ काम किया इसके बावजूद जहां यह सितारे आज भी फिल्मों में सक्रिय हैं वही सुदेश को फिल्मों में ज्यादा कामयाबी न मिलने के कारण उन्होंने टीवी का रुख किया और टेलीविजन पर अपनी पहचान बनाई और हार नहीं मानी जो उनकी मेहनत और लगन को दर्शाती है।
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