Tanvi The Great Review Hindi: सियाचिन के सपने और एक बेटी की जिद की कहानी जाने क्या है यहां खास

Tanvi The Great Review Hindi

Tanvi The Great Review Hindi:अनुपम खेर के निर्देशन में तैयार की गई फिल्म तन्वी द ग्रेट हालांकि इससे पहले भी अनुपम खेर अनिल कपूर, फरदीन खान, अभिषेक बच्चन की फिल्म ओम जय जगदीश का निर्देशन कर चुके हैं। हालांकि ओम जय जगदीश काफी अच्छी फिल्म बनकर तैयार हुई थी पर बॉक्स ऑफिस पर एक औसत फिल्म बनकर ही रह गई थी। अनुपम खेर की इस नई फिल्म के मुख्य कलाकारों में हैं शुभांगी दत्त, अनुपम खेर, पल्लवी जोशी, जैकी श्रॉफ, बोमन ईरानी, करण टैकर जैसे और भी इंडस्ट्री के मशहूर एक्टर। आइए जानते हैं कैसी है यह फिल्म क्या ये फिल्म आपका टाइम डिजर्व करती भी है या नहीं।

कहानी

कहानी 21 साल की तन्वी (शुभांगी दत्त) नाम की एक लड़की की है। तन्वी जब छोटी होती है तब इनके पिता समय रैना इस दुनिया को अलविदा कह चुके होते हैं। तन्वी के पिता के कैरेक्टर को करण टैकर ने निभाया है । समय रैना इंडियन फोर्स में होते हैं और वह जब सियाचिन ग्लेशियर पर झंडा फहराने जा रहे होते हैं उससे पहले ही इनकी मौत हो जाती है। अब कैप्टन समय रैना के इस अधूरे सपने को पूरा करने का ज़िम्मा लेती है इनकी बेटी तन्वी।

Tanvi The Great Poster
Image Credit: Imdb

पर अब प्रॉब्लम ये है कि सियाचिन पर झंडा सिर्फ आर्मी ही फहरा सकती है, इसलिए तन्वी आर्मी की ट्रेनिंग लेना शुरू कर देती है। तन्वी के दादा अनुपम खेर तन्वी को मना करते हैं ट्रेनिंग लेने के लिए क्योंकि वह जानते हैं कि यहां शामिल होना इतना आसान नहीं है, पर तन्वी उनकी एक बात नहीं मानती और अपनी ट्रेनिंग लेती है। अब आगे क्या फिल्म में तन्वी आर्मी में भर्ती हो भी पाती है या नहीं इसका जो सपना है वह पूरा होगा भी या नहीं ये सब आपको फिल्म में आगे देखने को मिलेगा।

अच्छे और बुरे पहलू

स्क्रीनप्ले काफी स्लो है जो कई बार रिपीटेड जैसा फील होता है। ऐसा लगता है कि अब राइटर के पास बताने को कुछ है ही नहीं। इस तरह की ज़्यादातर फिल्में हमारे दिल को छू जाती हैं पर ये फिल्म उस तरह से दिल को नहीं छू पाती जिस तरह से छूना चाहिए थी। अगर थोड़ी सी कहानी पर और मेहनत की जाती तो इस कहानी को देखकर दर्शक मजबूर हो जाते रोने के लिए।

एक सीन में तन्वी का आर्मी के द्वारा इंटरव्यू लिया जाता है वह सीन देखकर दिल में एक कसक सी उठती है और आँखें नम होती हैं। ऐसे ही सीन अगर और होते तो फिल्म देखने का मज़ा बढ़ जाता। अनुपम खेर के किरदार से बिल्कुल भी जुड़ाव महसूस नहीं होता। इन्हें देखकर ऐसी फील आती है जैसे यह इंसेंसिटिव इंसान हों। राइटर को स्ट्रॉन्ग डायलॉग पेश करना था जो कि इस तरह की फिल्मों में देखने को मिलते हैं, पर दुर्भाग्यवश वो भी नहीं हैं।

शुभांगी दत्त की यह पहली डेब्यू फिल्म है और इन्होंने यहां शानदार एक्टिंग की है। अनुपम खेर की एक्टिंग एवरेज है। बाकी सभी एक्टर की एक्टिंग ठीक-ठाक है। अनुपम खेर ने जिस तरह से यहां निर्देशन किया है इसे देखकर लगता है कि वो एक अच्छे एक्टर की तरह ही अच्छे निर्देशक भी हैं। म्यूजिक एवरेज है, सिनेमैटोग्राफी अच्छी है, एक्शन स्टंट ठीक हैं। अगर आपको इस तरह की फिल्में देखना पसंद है तो इसे देख सकते हैं। मेरी तरफ से इसे दिए जाते हैं पांच में से ढाई स्टार की रेटिंग।

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  • Amir Khan

    हाय! मैं आमिर खान, FilmyDrip के लिए लेखक और सिनेमा का दीवाना हूँ। बॉलीवुड की चमक, फिल्मों की कहानियाँ और सितारों का जलवा मुझे बहुत पसंद है। मैं अपने लेखों में लेटेस्ट फिल्म रिव्यू, मनोरंजन की खबरें और मजेदार विश्लेषण लाता हूँ। चाहे ब्लॉकबस्टर मूवी हो या नए सितारों की कहानी, मैं हर लेख को रोचक और सच्चा बनाने की कोशिश करता हूँ। FilmyDrip के साथ, मेरा मकसद है सिनेमा प्रेमियों को मनोरंजन की दुनिया से जोड़े रखना। मेरे लेख पढ़ें और बॉलीवुड के मज़ेदार सफर का हिस्सा बनें!

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