जिओहॉटस्टार एक बार फिर लौट आया है अपनी धमाकेदार वेब सीरीज़ “स्पेशल ऑप्स सीज़न 2” के साथ, जिसमें 7 एपिसोड्स हैं, प्रत्येक की अवधि 37 से 60 मिनट के बीच। इस बार भी नीरज पांडे और शिवम नायर ने निर्देशन की कमान संभाली है। केके मेनन, विनय पाठक, परमीत सेठी, दिलीप ताहिल, प्रकाश राज, और आरिफ जकारिया जैसे दिग्गज कलाकारों की मौजूदगी इस सीरीज़ को और आकर्षक बनाती है। लेकिन सवाल यह है कि क्या केके मेनन अपने ट्रेलर जैसे जादू को इस बार भी बरकरार रख पाएंगे? आइए, इस रिव्यू में जानते हैं।

कहानी: हिम्मत 2.0 का रोमांचक सफर
“स्पेशल ऑप्स सीज़न 2” की शुरुआत पिछले सीज़न के एक लंबे रीकैप से होती है, जो उन दर्शकों के लिए मददगार है, जिन्हें सीज़न 1 की कहानी को ताज़ा करने की ज़रूरत है। जिओहॉटस्टार ने रीकैप स्किप करने का विकल्प भी दिया है, लेकिन मेरे लिए यह रीकैप कहानी को फिर से जोड़ने का शानदार तरीका रहा। यह सीज़न 7 दिनों की कहानी पर आधारित है, जो तेज़ रफ्तार और ट्विस्ट्स से भरी है।
कहानी शुरू होती है डे 1, शुक्रवार से, जहाँ हमें पाकिस्तान के दृश्य दिखते हैं, जिसमें पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान का ज़िक्र है और दंगे भड़क रहे हैं। यह उस समय को दर्शाता है, जब इमरान खान को सत्ता से हटाया जा रहा था। इसी बीच, हिम्मत सिंह (केके मेनन) अपने एक साथी को छुड़ाने के लिए बेचैन हैं और अल्ताफ नाम के शख्स से एक गुप्त डील करते हैं। दूसरी ओर, एक इवेंट में भारतीय डेवलपर डॉ. पीयूष भार्गव (आरिफ जकारिया) अपने AI एजेंट “यंत्र” को पेश करते हैं। ट्रेलर देखने वालों को पहले से पता होगा कि इस बार AI कहानी का अहम हिस्सा है।

एक दिलचस्प मोड़ तब आता है, जब इवेंट में डॉ.भार्गव से सवाल पूछा जाता है कि AI इंसानों की ज़िंदगी कैसे बदल सकता है। जवाब देने के लिए स्टेज पर आने वाला शख्स असल में एक AI एजेंट निकलता है, जिसे देखकर दर्शक दंग रह जाते हैं। लेकिन कहानी यहीं नहीं रुकती। इवेंट के बाद डॉ.भार्गव को किडनैप कर लिया जाता है, क्योंकि उन्होंने एक असाधारण AI तकनीक विकसित की है। अब भारत के लिए ज़रूरी हो जाता है कि डॉ.भार्गव को किडनैपर्स से बचाया जाए, वरना इस तकनीक का गलत इस्तेमाल हो सकता है।
हिम्मत सिंह को इस मिशन की ज़िम्मेदारी सौंपी जाती है। लेकिन इस बीच, वह अपने दोस्त विनोद शेखावत (टोटा रॉय चौधरी) को खो चुके हैं।

कहानी में ताहिर राज भसीन मुख्य विलेन के रूप में उभरते हैं, जिन्होंने डॉ.भार्गव को किडनैप किया है। दूसरी ओर, प्रकाश राज (सुब्रमण्यम) का किरदार सामने आता है, जिनकी पत्नी एक गंभीर बीमारी से जूझ रही है और उन्हें बैंक संकट का सामना करना पड़ता है, जिसके पीछे जिग्नेश ढोलकिया का हाथ है। अब्बास शेख (विनय पाठक) इस केस की बाहरी जांच में जुटे हैं। कहानी में एक चीनी स्टूडेंट हैकर, साइबर अटैक, और AI के ज़रिए भारत को नुकसान पहुंचाने की साजिश जैसे कई ट्विस्ट्स आते हैं। अंत ऐसा है, जो साफ़ तौर पर संकेत देता है कि “स्पेशल ऑप्स सीज़न 3” भी ज़रूर आएगा।

सीरीज़ की खासियतें
- अंतरराष्ट्रीय स्तर की शूटिंग: इस सीज़न को भारत के साथ-साथ जॉर्जिया, अज़रबैजान और तुर्की जैसे खूबसूरत देशों में शूट किया गया है, जो दृश्यों को और आकर्षक बनाता है।
- केके मेनन की दमदार एक्टिंग: भले ही केके मेनन की बढ़ती उम्र उनके चेहरे पर नज़र आए, लेकिन उनकी एक्टिंग इस बार भी लाजवाब है। हिम्मत सिंह के किरदार में वह हर सीन में छा जाते हैं।
- टेक्नोलॉजी का शानदार उपयोग: AI, साइबर अटैक, और रूस-कोरिया जैसे देशों द्वारा भारत पर हमले की कहानी को सरल और प्रभावी ढंग से पेश किया गया है। टेक्नोलॉजी को कहानी का हिस्सा बनाने का तरीका मेकर्स का काबिल ए तारीफ है।

कमियां
- कुछ किरदारों, जैसे जिग्नेश ढोलकिया और सुब्रमण्यम की पत्नी की बीमारी को कहानी में पूरी तरह से खोला नहीं गया, जिससे थोड़ा अधूरापन लगता है।
- रीकैप के बावजूद जिन दर्शकों ने सीज़न 1 नहीं देखा, उनके लिए शुरुआत में कहानी को समझना थोड़ा जटिल हो सकता है।
- कुछ ट्विस्ट्स प्रेडिक्टेबल लग सकते हैं, खासकर अगर आपने ट्रेलर देखा हो।
देखें या छोड़ें?
“स्पेशल ऑप्स सीज़न 2” थ्रिलर, रोमांच, और टेक्नोलॉजी में रुचि रखने वालों के लिए एक शानदार पेशकश है। यह सीरीज़ नेशनल सिक्योरिटी एजेंट्स की ज़िंदगी और भविष्य में टेक्नोलॉजी के गलत इस्तेमाल की संभावनाओं को बखूबी दर्शाती है। 7 एपिसोड्स की छोटी-सी सीरीज़ होने के कारण इसे आसानी से एक बार में देखा जा सकता है। केके मेनन की एक्टिंग और AI-साइबर थीम इस सीरीज़ को खास बनाती है।
फिल्मीड्रिप रेटिंग: 5 में से 3.5
अगर आप जासूसी, टेक्नोलॉजी, और तेज़-रफ्तार थ्रिलर के शौकीन हैं, तो “स्पेशल ऑप्स सीज़न 2” आपके लिए ज़रूर देखने लायक है। इसे जिओ हॉटस्टार पर स्ट्रीम करें और हिम्मत सिंह के इस नए मिशन का मज़ा लें।
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